🙂..सांस ना मिलेगी दोबारा..🙂
दुआ तो सब मांगते हैं,
सब अपने पसंदीदा लोगों के लिए मांगते हैं।
सब सोचते हैं कि सबके अपने लोग होते हैं,
लेकिन इस दुनिया में ऐसे भी लोग हैं, जिनका कोई नहीं है।
जिसके पास सब कुछ है, वह सोचता है—
"अगर मैं अकेला होता, तो अच्छा होता।"
और जिसका कोई नहीं है, वह सोचता है—
"काश, मेरे साथ मेरा परिवार होता, तो अच्छा होता।"
जिसके पास होता है, वह कहता है—
"मुझे नहीं चाहिए।"
और जिसके पास कुछ नहीं है, वह कहता है—
"मुझे सब कुछ चाहिए।"
चाहिए या नहीं चाहिए—इसी में एक जीवन समाप्त हो जाता है।
अगर हम सोचें कि यह पृथ्वी स्वर्ग है, तो यह स्वर्ग है;
लेकिन यदि नहीं, तो यही नर्क भी है।
हमें जो चाहिए, भगवान वह सब देकर भेजते हैं।
यह तो सच है, भाई!
जो हमारा नहीं है, वह हमें कभी नहीं मिलेगा...
और जो हमारा है, उसे कोई छीन नहीं सकता।
फिर भी करें क्या?
मनुष्य उसके पीछे भागता है, जो उसका नहीं है,
और अपनी जिंदगी का कीमती समय भागते-भागते खो देता है।
भाई, हमें जीवन एक ही बार मिलता है,
इसे खोना नहीं चाहिए।
(M Ahsrab)