देश में भेड़िया घुस आया है
हर भेड़िये की अपनी योजना है-
देश को काट-छाँट कर
अपनी मांद सा बना देना।
भेड़िया चाहता है
देश मुर्दा रहे और
हवा सहमी, सड़ांध भरी।
वह चाहता है
देश धँसे
और वह धूल में लोटपोट खेले।
मनुष्य को जागना होगा
हाथ में लाठी ले
भेड़िये को भगा
देश को श्रेष्ठ रखना होगा।
***
*** महेश रौतेला