सावधान ही रहना होगा, मानवता के हत्यारों से।
हमें फैसला करना होगा, बस तलवारों की धारों से।।
श्वेत कपोतों के बदले,अब गुरु के बाज उड़ाने हैं।
बैरी के समरभूमि में फिर,बस छक्के आज छुड़ाने हैं।।
#सावधान

Hindi Poem by Manish Kumar Singh : 111504510
Priyan Sri 4 year ago

बहुत ख़ूब 👌

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now