Quotes by Trisha R S in Bitesapp read free

Trisha R S

Trisha R S

@trishars8387
(28)

आज की बर्बादी देख कर रोना आया
मुस्कुरा दी आंखें की जब तेरा खोना याद आया

आंखें रात रात भर जाग उठती हैं
जब तेरे यादों के बिन सोना याद आया

तुम क्या जानो, पैरों तले से जमीन कैसे खिसक जाती
मैं आज भी गिर उठाती हूँ
जब तेरा, तेरी बातों से पलट जाना याद आया

मैं खुद से अलग-थलग सी हो जाती हूँ
जब मुझमें तेरा होना याद आया

मत पूछे कोई बेबसी का सबब
मुस्कुरा देती हूँ, जब-जब आँखों में रोना आया...।।
Trisha R S.. ✍️

-Trisha R S

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अगर तुम पढ़ लेते तो, पढ़ लेते मेरे खामोशी को
माना मुझे लफ्ज़ो में बया करना नहीं आता...
अगर तुम समझ लेते, तो समझ लेते मेरे मुस्कुराहट को मुझे दर्द को आँखों से बहाना नहीं आता...
मैं तुमसे चाहती थी बस वहीँ समझ
तुम दें डाले दुनियां भर की चीज़े
पर तुम वहीँ समझ ना सके...
किसी को प्यार देने से ज्यादा जरूरी हैं उसे वह समझ देना
उसका साथ देना जब वो कहे को उसे अकेला छोड़ दो...
तृषा...

-Trisha R S

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मुद्द्तो से मुलाक़ात हुई नहीं तुमसे
पर आँखों से तुम गये ही कब थे..।।

-Trisha R S

पहुंच सकती हूँ मन्दिर की सीढ़ियों पर जब जी चाहें पाँव रख, पर नहीं रखती मैं पाँव उस सीढ़ियों पर क्युकि मुझे मन्दिर के गर्भ तक नहीं, ईश्वर के मन तक का सफर करना हैं...
Trisha R S..✍️
lamho_ki_guzarishey

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दोस्ती का मतलब किसी एक दिन फ्रेंडशिप विश कर देने से नहीं होता
ना ही होता है, उसके साथ भीड़ में खड़ा होने से
दोस्ती वह नहीं की जब हमको उसकी ज़रूरत हो याद कर लिया, जब दिल चाहा फोन ना रिसीव किया
हम अक्सर उस कोहिनूर को खोजते रहते हैं जिसे हम कभी सबसे अच्छा दोस्त बुलाये रहते हैं
इस व्यस्त जीवन शैली का ही नहीं सम्पूर्ण दोष, दोष कहीं ना कहीं हमारी अपनी विचारधारा का ही होता है
हम सफलता की होड़ में अनावश्यक रूप से इतना भागते हैं की अपने खास लोगों को पीछे ही छोड़ देतें हैं
हमें उसके साथ तब खड़ा रहना चाहिए जब सच में उसको हमारी जरूरत हो
दोस्ती का मतलब कुछ बे-मतलब सा होता है
थोड़ी नादानियाँ हों, पर दिल में बेईमानियां ना हों
जिसे भी दोस्त बनाएं, उससे जिंदगी भर हर तकलीफ में हंसना सीख लें
उसके आँसू अपनी आँखों से बहाना सीख ले, अगर ऐसी दोस्ती है तो फिर और क्या चाहिए..।।
Trisha R S... ✍️

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मैं फ़क़त रात भर ना सोयी उन पंक्तियों के खो जाने पर
जिसमें तुम्हारे होने की मैंने कल्पनायें की थी
तुम सोचो, मैं कितना रोयी होंगी
तुम्हें हक़ीक़त में खो जाने पर...।।

Trisha R S... ✍️

lamho_ki_guzarishey

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Trisha R S लिखित कहानी "जिंदगी" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
https://www.matrubharti.com/book/19890283/the-life

lamho_ki_guzarishey

ज़िन्दगी के अंधेरों में जो आप को दीपक की भाती उजाला दें साथ ही आप को सिखाये खुद दीपक सा जलना और बिना सहारे सदउन्नति के मार्ग पर चलना...
वहीँ आप का गुरु हैं ..

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आँखों के इस बरसात को
आंसू कह मत कर
इसकी तौहीन
ये अरमान हैं दिल के
हक़ीक़त मे तब्दील होने को
हर शाम अपने जोर पर होते हैं
और आखिर में
तोड़ देते हैं
दर्द की हर सीमा
लोगों के सोच का बांध
और उल्फाई हुई नदियों की भांति
डूबों देते हैं
सम्पूर्ण जीवन की विवशता
और बहा ले जाते अपने साथ
दुःख पीड़ा
और असहजता का एक अंश...।।

तृषा...

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