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बस एक कदम और बस एक दम और चलना है , अपने मंज़िल की ओर बढ़ना है , कुछ तो लोग कहेंगे ...... अपने हौसले को बुलंद रखना है !! बस एक कदम और चलना है , अपने मंज़िल की और चलते जाना है ... अपने सपनो के साथ कदम से कदम मिलाना है ... बस एक कदम और चलना है !! Poetry by • Jill शाह •
Feelings બઉ જ અજબ - ગજબની હોય છે 😶😁🤗😝🥵😭🙂😃 ક્યારેક એકદમ સરસ લાગે 🤗, અને ક્યારેક એકદમ બોગસ 🙄. કયારેક મનમાં પતંગિયા ઉડે, તો ક્યારેક કાગડા !! ક્યારેક એકદમ હલકી હોય , તો ક્યારેક એકદમ ભારે !! “ આ નમક સ્વાદ અનુસાર જેવી છે !! “ ઓછી હોય તો પણના ગમે , અતિશય હોય તો પણના ગમે !! જેવી છે એવી !! પણ છે તો આપણીજ ને !! સમજી- વિચારીને જ બતાવવી !! Poetry by • Jill शाह •
तो यह ही सही ... आप मान , तो हम अभिमान ही सही आप पूजा तो हम आस्था ही सही आप रास्ते , तो हम पत्थर ही सही आप गहरा समंदर तो हम किनारा ही सही आप कड़कती धूप तो हम साया ही सही आप द्रोणाचार्य तो हम एकलव्य ही सही आप का सम्मान, हमारा मान ये भी सही आप पूरा आसमान हम एक टुकड़ा ही सही ! यूँ तो लोग फ़रमाते है , जान है तो जहान है !! और हम कहते है आप हमारी जान है तभी हमारा जहान है !! HAPPY TEACHER’s DAY 🌸 Poetry by • Jill शाह •
अकेलापन यूँ तो हमेशा घिरि रहती हूँ ... या तो अपनो से या अपने ख़्यालों से ... ये वक़्त ऐसा आ गया की अपने साथ हो कर भी है अलग ... एक ही घर में है ... फिर भी रहते है अलग यू तो सब साथ है , फिर भी हूँ अकेली ... यहाँ है काफ़ी अपनापा .... पर न जाने क्यूँ सताता है ये अकेलापन !! Poetry by • Jill शाह •
दौर अजीबसा है ये दौर ..... काफ़ी कुछ बदला सा है यह दौर .... पहले ज़िंदगी भागतीं थी .... अब इंसान भागते हैं । पहले छोटीसी बात बड़ी ख़ुशी दे जाती ..... अब ख़ुशी भी छोटी लगतीं है। पहले एक फोन के आने की राह देखी जाती थी .... अब जब एक दूसरे को देख सखते है ... तो भी राह देखनी पड़ती है.... सुना है..... इतिहास फिर दोहरता है .... और कुछ दौर खुद में ही इतिहास रच देते है ..... दौर बदले ... रिश्तों के रूप भी बदले.... बदला नहीं वो है इंसान ... ना ही सोच , ना ही फ़ितरत ..।। Poetry by • Jill शाह •
Let’s break the “STEREOTYPE” image of our own and Show to ourself that how wonderful we are !!! ~ ख़याल By Jill 03/08/2020
2020- not your fault !! तुम्हारी ग़लती नहीं है , ये तो हम इंसान की फ़ितरत है , ग़लती खुद करेंगे और इल्ज़ाम दूसरी पर डालेंगे । ख़याल By Jill 28-07-2020
In life “maintenance” is important and necessary for both “buildings” and “humans”. ख़याल By Jill 27-07-2020
As too much alcohol 🍷 consumption is injurious to health , too much attachment is also not good for health . ख़याल By Jill 25-07-2020
A tribute to Sushant Singh Rajput on his last film 💫 एक बार फिर हर बार की तरह इस बार भी तू छा गया भले तू इस जहाँ से फ़ना हो गया .... एक बार फिर तू सब को जीना सिखा गया !! होंठों पे फिरसे मुस्कान छोड़ गया .... आँखो में कमबख़्त तू आंसू दे गया !! तू इतनी जल्दी क्यूँ चला गया !? ऐसा भी क्या था जो तुझे इतना चुभ रहा था , ऐसा क्या था जिससे तू गुट रहा था !! एक बार तो सुलझा लेते अपने रिश्तों का मांझा !! एक बार फिर ..... आख़री बार ही सही .... लेकिन तू हर बार की तरह ज़िंदगी जीने का तरीक़ा सिखा गया !! Poetry by •Jill शाह •
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