Quotes by Dr Jaya Shankar Shukla in Bitesapp read free

Dr Jaya Shankar Shukla

Dr Jaya Shankar Shukla Matrubharti Verified

@drjayashankarshukla4138
(31)

।।तस्मै श्री गुरुवे नमः।।

"अखंड मंडलाकारं व्याप्तं येन चराचरं।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्री गुरुवे नमः।।

"गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागूं पाय।
बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय।"

गुरुपूर्णिमा के पुनीत पर्व पर
परम वंदनीय ,आदरणीय श्रद्धा मूर्ति,स्नेह सागर, ज्ञान रश्मि प्रदाता, अनंत उपकारी गुरुदेव को सादर नमन।


परम वंदनीय गुरु जी का अलौकिक आभामंडल और ज्ञान सुधी जनों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है।

गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर आपको बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं।



🙏🙏🙏

Read More

Delivered a lecture on the topic: "The Development Journey of Ancient Scripts in terms of Brahmi Script ("ब्राह्मी लिपि के संदर्भ में प्राचीन लिपियों की विकास यात्रा”) in the National Webinar on the subject of “Language Technology: Skill Development and Employment Opportunities” organized by Swayam Portal (Ministry of Education, Government of India), UGC Faculty of Educational Communication, New Delhi, Pondicherry University, Puducherry on Dated: 28/04/2024.

Read More

स्वस्ति सुखद सुन्दर सरस
सुषमायुत नव वर्ष।
समता सिंहासन चढ़े
हो अभिनव उत्कर्ष।।

प्रगति पंथ के शूल सब
बने मनोरम फूल।
अनुरागी आशा उगे
वर्ष रहे अनुकूल।।

बढ़ो कर्म पथ पर अभय
लिये नवल उत्साह।
अभ्यंतर में हो बसी
विश्व विजयनी चाह।।

नव संवत २०८१ विक्रमी मंगलमय हो।

चैत्र शुक्ल १सम्वत २०८१ विक्रमी

Read More

सूर्य संवेदना पुष्पे:, दीप्ति कारुण्यगंधने।
लब्ध्वा शुभम् धूलि वंदने अस्मिन् कुर्यात्सर्वस्य मंगलम्।।
जिस तरह सूर्य प्रकाश देता है, संवेदना करुणा को जन्म देती है, पुष्प सदैव महकता रहता है, उसी तरह यह धूलि वंदन(होली)आपके लिए हर दिन, हर पल के लिए मंगलमय हो।```
आप को व आप के परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें*

Read More

*!!!!!!!!!ओ३म् !!!!!!!!!*
*"संसार में कोई भी व्यक्ति अकेला नहीं जी सकता। क्योंकि मनुष्य अल्पशक्तिमान है। उसे सुखपूर्वक जीवन जीने के लिए लाखों करोड़ों मनुष्यों की सहायता लेनी पड़ती है।"*
*संसार में दो प्रकार के व्यक्ति मिलते हैं। एक - अधिक बुद्धि वाले, और दूसरे - कम बुद्धि वाले।*
*"यदि किसी की बुद्धि अधिक भी हो, और पवित्र भी हो, फिर तो बात ही क्या है!"*
*परन्तु ऐसे लोग बहुत कम मिलते हैं, जिनकी बुद्धि अधिक भी हो और अच्छी भी हो। अर्थात वे संस्कारवान भी हों।*
*"यदि किसी व्यक्ति को जीवन में ऐसे लोग मिल जाएं, जो अधिक बुद्धि वाले भी हों, और वे बुद्धि का सदुपयोग भी करते हों, तो वह बहुत सौभाग्यशाली होगा।" "ऐसे बुद्धिमान संस्कारी व्यक्तियों की संगति में रहने से उस व्यक्ति की बुद्धि भी बढ़ेगी और अच्छे काम करने से उसके जीवन में आनंद भी होगा।"*
*"उसके जीवन में सेवा परोपकार दान दया आदि उत्तम गुण कर्म होंगे, जिससे वह व्यक्ति सुख से अपना जीवन जिएगा।"*
*"दूसरे लोग, जो कम बुद्धि वाले हैं अथवा बुद्धि अधिक होने पर भी उनके संस्कार अच्छे नहीं हैं, जो बुद्धि आदि साधनों का दुरुपयोग करते हैं, ऐसे लोग स्वयं तो दुखी रहते ही हैं, साथ ही साथ वे दूसरों को भी दुख देते हैं।" "यदि जीवन में आपको ऐसे लोग मिलते हों, तो उनसे बचकर रहें, उनसे दूर रहें। अन्यथा वे आपका जीवन भी बिगाड़ देंगे। आपको भी अनेक आपत्तियों में फंसा देंगे।"*
इसलिए अच्छा यही है, कि *"प्रमाण और तर्क से प्रत्येक व्यक्ति का परीक्षण करते रहें। जो अच्छा बुद्धिमान संस्कारी व्यक्ति मिले, उसी के साथ मित्रता बनाएं, और उसी के साथ रहकर जीवन जीएं। मूर्ख एवं दुष्ट लोगों से तो दूर रहना ही अच्छा है।"*
----- *"स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक, निदेशक दर्शन योग महाविद्यालय रोजड़, गुजरात।"*

Read More

"दिव्यज्योति जलाओ चहुंदिश
और तिमिर को तार दो
लेखनी करती नमन है
शब्द के भंडार दो "🙏

माता सरस्वती जी की कृपा सभी पर सदैव बनी रहे।🌻#बसंत_पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।🌼

Read More

राम राम 1 राम राम 2 राम राम 3 राम राम 4 राम राम 5 राम राम 6 राम राम 7 राम राम 8 राम राम 9 राम राम 10 राम राम 11 राम राम 12 राम राम 13 राम राम 14 राम राम 15 राम राम 16 राम राम 17 राम राम 18 राम राम 19 राम राम 20 राम राम 21 राम राम 22 राम राम 23 राम राम 24 राम राम 25 राम राम 26 राम राम 27 राम राम 28 राम राम 29 राम राम 30 राम राम 31 राम राम 32 राम राम 33 राम राम 34 राम राम 35 राम राम 36 राम राम 37 राम राम 38 राम राम 39 राम राम 40 राम राम 41 राम राम 42 राम राम 43 राम राम 44 राम राम 45 राम राम 46 राम राम 47 राम राम 48 राम राम 49 राम राम 50 राम राम 51 राम राम 52 राम राम 53 राम राम 54 राम राम 55 राम राम 56 राम राम 57 राम राम 58 राम राम 59 राम राम 60 राम राम 61 राम राम 62 राम राम 63 राम राम 64 राम राम 65 राम राम 66 राम राम 67 राम राम 68 राम राम 69 राम राम 70 राम राम 71 राम राम 72 राम राम 73 राम राम 74 राम राम 75 राम राम 76 राम राम 77 राम राम 78 राम राम 79 राम राम 80 राम राम 81 राम राम 82 राम राम 83 राम राम 84 राम राम 85 राम राम 86 राम राम 87 राम राम 88 राम राम 89 राम राम 90 राम राम 91 राम राम 92 राम राम 93 राम राम 94 राम राम 95 राम राम 96 राम राम 97 राम राम 98 राम राम 99 राम राम 100 राम राम 101 राम राम 102 राम राम 103 राम राम 104राम राम 105 राम राम 106 राम राम 107 राम राम 108

Read More

*वैदिक राष्ट्रगान का महामन्त्र-*

*ॐ आ ब्रह्मन् ब्राह्मणो ब्रह्मवर्चसी जायताम्*
*आराष्ट्रे राजन्यः शूर इषव्योऽतिव्याधी महारथो जायताम्*
*दोग्ध्री धेनुर्वोढानड्वानाशुः सप्तिः पुरन्धिर्योषा जिष्णू रथेष्ठाः*
*सभेयो युवास्य यजमानस्य वीरो जायताम्*
*निकामे निकामे नः पर्जन्यो वर्षतु फलवत्यो न ओषधयः*
*पच्यन्तां योगक्षेमो नः कल्पताम्॥*

*-शुक्ल यजुर्वेद; अध्याय 22, मन्त्र 22*
🕉
*वैदिक राष्ट्रगान राष्ट्राभिवर्द्धन मंत्र शुक्ल यजुर्वेद हिंदी अर्थ:*
*हे ब्रह्म, हमारे देश में विद्वान समस्त वेद आदि ग्रंथों से दैदिव्य्मान उत्पन्न हों। शासक, पराक्रमी, शस्त्र में निपुण और शत्रुओं को अत्यंत पीड़ित करने वाले उत्पन्न हों। गौ, दुग्ध देने वाली और बैल भार ढोने वाला हो। घोड़ा शीघ्र चलने वाला और स्त्री बुद्धिमती उत्पन्न हो। प्रत्येक मनुष्य विजय प्राप्ति वाले स्वाभाव वाला, रथगामी और सभा प्रवीण हो। इस यज्ञकर्ता के घर विद्या, यौवन सम्पन्न और शत्रुओं को परे फेंकने वाले संतान उत्पन्न हों। हमारे देश के मेघ इच्छा-इच्छा पर बरसें और सभी औषधियां (अन्न) फल वाले होकर पकें। हमारे राष्ट्र के प्रत्येक मनुष्य का योग और क्षेम उसके उपभोग हेतु पर्याप्त हों।*
🕉

यथोचित श्रेष्ठ जन को नित्य अभिवादन करने से आयु विद्या यश और बल इनके आशीष वचनों से स्वत:प्राप्त होते है।
*अभिवादन शीलस्य ,नित्य वृद्धोपसेविन:!*
*चत्वारि तस्य वर्धन्ते आर्युविद्या यशो बलम् !!*
अच्छे भाव से किया हुआ सम्मान के बदले बड़े लोग आशीर्वाद देते है जो एक सकारात्मक ऊर्जा होती है।

🕉
*आपको और समस्त स्वजनों को अधिक श्रावण मङ्गलवार और शीघ्रातिशीघ्र अखण्ड हिन्दूराष्ट्र प्राप्ति की हार्दिक अग्रिम शुभकामनाएं तथा कोटि-कोटि अभिनंदन*
*आपके दिवस वर्ष मंगलमय हों*
*सादर सुप्रभातवन्दनम्*

*वैदिक राष्ट्रगान का महामन्त्र-*

*ॐ आ ब्रह्मन् ब्राह्मणो ब्रह्मवर्चसी जायताम्*
*आराष्ट्रे राजन्यः शूर इषव्योऽतिव्याधी महारथो जायताम्*
*दोग्ध्री धेनुर्वोढानड्वानाशुः सप्तिः पुरन्धिर्योषा जिष्णू रथेष्ठाः*
*सभेयो युवास्य यजमानस्य वीरो जायताम्*
*निकामे निकामे नः पर्जन्यो वर्षतु फलवत्यो न ओषधयः*
*पच्यन्तां योगक्षेमो नः कल्पताम्॥*

*-शुक्ल यजुर्वेद; अध्याय 22, मन्त्र 22*
🕉
*वैदिक राष्ट्रगान राष्ट्राभिवर्द्धन मंत्र शुक्ल यजुर्वेद हिंदी अर्थ:*
*हे ब्रह्म, हमारे देश में विद्वान समस्त वेद आदि ग्रंथों से दैदिव्य्मान उत्पन्न हों। शासक, पराक्रमी, शस्त्र में निपुण और शत्रुओं को अत्यंत पीड़ित करने वाले उत्पन्न हों। गौ, दुग्ध देने वाली और बैल भार ढोने वाला हो। घोड़ा शीघ्र चलने वाला और स्त्री बुद्धिमती उत्पन्न हो। प्रत्येक मनुष्य विजय प्राप्ति वाले स्वाभाव वाला, रथगामी और सभा प्रवीण हो। इस यज्ञकर्ता के घर विद्या, यौवन सम्पन्न और शत्रुओं को परे फेंकने वाले संतान उत्पन्न हों। हमारे देश के मेघ इच्छा-इच्छा पर बरसें और सभी औषधियां (अन्न) फल वाले होकर पकें। हमारे राष्ट्र के प्रत्येक मनुष्य का योग और क्षेम उसके उपभोग हेतु पर्याप्त हों।*
🕉

यथोचित श्रेष्ठ जन को नित्य अभिवादन करने से आयु विद्या यश और बल इनके आशीष वचनों से स्वत:प्राप्त होते है।
*अभिवादन शीलस्य ,नित्य वृद्धोपसेविन:!*
*चत्वारि तस्य वर्धन्ते आर्युविद्या यशो बलम् !!*
अच्छे भाव से किया हुआ सम्मान के बदले बड़े लोग आशीर्वाद देते है जो एक सकारात्मक ऊर्जा होती है।

🕉
*आपको और समस्त स्वजनों को अधिक श्रावण मङ्गलवार और शीघ्रातिशीघ्र अखण्ड हिन्दूराष्ट्र प्राप्ति की हार्दिक अग्रिम शुभकामनाएं तथा कोटि-कोटि अभिनंदन*
*आपके दिवस वर्ष मंगलमय हों*
*सादर सुप्रभातवन्दनम्*

*

Read More

1955 postage ticket of Pakistan doesn't show Kashmir as part of its territory. Authentic proof that their present claims are lies ! Spread as much as You can....!