*वैदिक राष्ट्रगान का महामन्त्र-*
*ॐ आ ब्रह्मन् ब्राह्मणो ब्रह्मवर्चसी जायताम्*
*आराष्ट्रे राजन्यः शूर इषव्योऽतिव्याधी महारथो जायताम्*
*दोग्ध्री धेनुर्वोढानड्वानाशुः सप्तिः पुरन्धिर्योषा जिष्णू रथेष्ठाः*
*सभेयो युवास्य यजमानस्य वीरो जायताम्*
*निकामे निकामे नः पर्जन्यो वर्षतु फलवत्यो न ओषधयः*
*पच्यन्तां योगक्षेमो नः कल्पताम्॥*
*-शुक्ल यजुर्वेद; अध्याय 22, मन्त्र 22*
🕉
*वैदिक राष्ट्रगान राष्ट्राभिवर्द्धन मंत्र शुक्ल यजुर्वेद हिंदी अर्थ:*
*हे ब्रह्म, हमारे देश में विद्वान समस्त वेद आदि ग्रंथों से दैदिव्य्मान उत्पन्न हों। शासक, पराक्रमी, शस्त्र में निपुण और शत्रुओं को अत्यंत पीड़ित करने वाले उत्पन्न हों। गौ, दुग्ध देने वाली और बैल भार ढोने वाला हो। घोड़ा शीघ्र चलने वाला और स्त्री बुद्धिमती उत्पन्न हो। प्रत्येक मनुष्य विजय प्राप्ति वाले स्वाभाव वाला, रथगामी और सभा प्रवीण हो। इस यज्ञकर्ता के घर विद्या, यौवन सम्पन्न और शत्रुओं को परे फेंकने वाले संतान उत्पन्न हों। हमारे देश के मेघ इच्छा-इच्छा पर बरसें और सभी औषधियां (अन्न) फल वाले होकर पकें। हमारे राष्ट्र के प्रत्येक मनुष्य का योग और क्षेम उसके उपभोग हेतु पर्याप्त हों।*
🕉
यथोचित श्रेष्ठ जन को नित्य अभिवादन करने से आयु विद्या यश और बल इनके आशीष वचनों से स्वत:प्राप्त होते है।
*अभिवादन शीलस्य ,नित्य वृद्धोपसेविन:!*
*चत्वारि तस्य वर्धन्ते आर्युविद्या यशो बलम् !!*
अच्छे भाव से किया हुआ सम्मान के बदले बड़े लोग आशीर्वाद देते है जो एक सकारात्मक ऊर्जा होती है।
🕉
*आपको और समस्त स्वजनों को अधिक श्रावण मङ्गलवार और शीघ्रातिशीघ्र अखण्ड हिन्दूराष्ट्र प्राप्ति की हार्दिक अग्रिम शुभकामनाएं तथा कोटि-कोटि अभिनंदन*
*आपके दिवस वर्ष मंगलमय हों*
*सादर सुप्रभातवन्दनम्*
*वैदिक राष्ट्रगान का महामन्त्र-*
*ॐ आ ब्रह्मन् ब्राह्मणो ब्रह्मवर्चसी जायताम्*
*आराष्ट्रे राजन्यः शूर इषव्योऽतिव्याधी महारथो जायताम्*
*दोग्ध्री धेनुर्वोढानड्वानाशुः सप्तिः पुरन्धिर्योषा जिष्णू रथेष्ठाः*
*सभेयो युवास्य यजमानस्य वीरो जायताम्*
*निकामे निकामे नः पर्जन्यो वर्षतु फलवत्यो न ओषधयः*
*पच्यन्तां योगक्षेमो नः कल्पताम्॥*
*-शुक्ल यजुर्वेद; अध्याय 22, मन्त्र 22*
🕉
*वैदिक राष्ट्रगान राष्ट्राभिवर्द्धन मंत्र शुक्ल यजुर्वेद हिंदी अर्थ:*
*हे ब्रह्म, हमारे देश में विद्वान समस्त वेद आदि ग्रंथों से दैदिव्य्मान उत्पन्न हों। शासक, पराक्रमी, शस्त्र में निपुण और शत्रुओं को अत्यंत पीड़ित करने वाले उत्पन्न हों। गौ, दुग्ध देने वाली और बैल भार ढोने वाला हो। घोड़ा शीघ्र चलने वाला और स्त्री बुद्धिमती उत्पन्न हो। प्रत्येक मनुष्य विजय प्राप्ति वाले स्वाभाव वाला, रथगामी और सभा प्रवीण हो। इस यज्ञकर्ता के घर विद्या, यौवन सम्पन्न और शत्रुओं को परे फेंकने वाले संतान उत्पन्न हों। हमारे देश के मेघ इच्छा-इच्छा पर बरसें और सभी औषधियां (अन्न) फल वाले होकर पकें। हमारे राष्ट्र के प्रत्येक मनुष्य का योग और क्षेम उसके उपभोग हेतु पर्याप्त हों।*
🕉
यथोचित श्रेष्ठ जन को नित्य अभिवादन करने से आयु विद्या यश और बल इनके आशीष वचनों से स्वत:प्राप्त होते है।
*अभिवादन शीलस्य ,नित्य वृद्धोपसेविन:!*
*चत्वारि तस्य वर्धन्ते आर्युविद्या यशो बलम् !!*
अच्छे भाव से किया हुआ सम्मान के बदले बड़े लोग आशीर्वाद देते है जो एक सकारात्मक ऊर्जा होती है।
🕉
*आपको और समस्त स्वजनों को अधिक श्रावण मङ्गलवार और शीघ्रातिशीघ्र अखण्ड हिन्दूराष्ट्र प्राप्ति की हार्दिक अग्रिम शुभकामनाएं तथा कोटि-कोटि अभिनंदन*
*आपके दिवस वर्ष मंगलमय हों*
*सादर सुप्रभातवन्दनम्*
*