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दिल करता है by DY दिल करता है। जकड़ लू तुम्हे अपनी बाहों मे ऐसे की कही दूर तुम ना जा पाओ बसा लू तुम्हे साँसों मे कुछ इस तरह की मुझसे अलग ना हो पाओ दिल करता है खुशियों से भर दू जीवन तुम्हारा की कभी दुबारा ना रो पाओ प्यार में भर दु दिल को तुम्हारे की कभी मायूस ना हो पाओ दिल करता है सो जाउ तुम्हारे गोद मे सर रख के की कभी दुबारा जगा ना पाओ कर दू अपने सभी रास्ते तुम्हारी ओर की कभी खुदसे दूर ना कर पाओ दिल करता है डूब जाउ इन मन्मोहक नैनो मे तुम्हारे की कभी उनमे से निकाल ना पाओ उलझ जाउ इन काले केशुओ से तुम्हारे की कभी तुम सुलझा ना पाओ दिल करता है
क्या मैं काफी हूँ? By Dy जितनी दफा जीतता हूँ, उतनी दफा हार जाता हूँ जितना भी पास आता हूँ, उतनी ही दूर हो जाता हूँ क्या मैं काफी हूँ? जितनी भी कोशिश करता हूँ, उतना ही असफल होता हूँ जितना भी आगे निकलता हूँ उतना ही पीछे रह जाता हूँ क्या मैं काफी हूँ? जितना परेशानियों से भागता हूँ उतना ही उनसे टकरा जाता हूँ जितना इन निराशाओं से लड़ता हूँ उतना ही उनमें समा जाता हूँ क्या मैं काफी हूँ?
जी चाहता है by Dy जी चाहता है कही चला जाऊ इस दुनिया से दूर जहा से वापस कभी लौट ना पाउ समा जाउ आग की गोद मे कभी जहा से निकल ना पाउ जी चाहता है छोर दु जीवन के इस कचे धागो को कभी दुबारा इन्हे पिरो ना पाउ सो जाउ रात की इस चाँदनी मे कभी दुबारा नींद से उठ ना पाउ जी चाहता है उड़ चलु हवाओ पर सवार होकर कभी जमीन पे उतर ना पाउ खो जाउ समय के चक्रव्यूह में कभी उसमे से से निकल ना पाउ जी चाहता है
मैं by Dy जब इस जीवन के बीते लम्हों को याद करता हु इस उलझी हुई जिंदगी में और भी उलझ जाता हु मै फिर भी जीवन को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा हु अपनी मंजिल से भटका हुआ मुशाफिर हु मै फिर भी समय की कठोर डगर पे चला जा रहा हु एक कोने में अकेले बैठ कर सिसकियां लेता हु मै फिर भी किसी का इंतजार किए जा रहा हु अपने ख्वाबों के बोझ से दबा जा रहा हु मै फिर भी उन ख्वाबों को लिए जिए जा रहा हु कभी कभी अपनी परछाई से डर जाता हु मै फिर भी इस परछाई के साथ चला जा रहा हु इस जीवन पथ की लाखों ठोकरों से टूट चुका हु मै फिर भी अपनी मंजिल की तरफ बढ़ता जा रहा हु सिर्फ अंधेरों से भरी हुई है यह जिंदगी मेरी फिर भी एक उम्मीद का दीपक जलाए जी रहा हु मै.
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