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स्वत्रंत्रता दिवस कि 74वी वर्षगांठ पर आप सभी को बधाइयां...
फुर्सत मिल ही गई उन्हेँ आने की, वरना हम तो समझ बैठे थे की, ये समय भी गुजर जायेगा। उनकी यादों को अब तक संजोए रखा हैं, जब मिलेगें तो दिखा देंगें, कि बंदा आपका कदरदान हैं। चीजों कि कदर करना जानता हूँ, तभी तो हर कोई मेरा कायल हैं। फुर्सत न सही अब किसी और के लिए पर तुम्हें फुर्सत में देख हमें भी फुर्सत मिल ही गयी। #फुर्सत
ये हमारे कर्म ही तो हैं जो हमें एक दुसरे से जोडे़ हुये हैं। वरना हम ऐसे न थे कि तुम्हारे पास भी फटक पाते।
सलाम..... देश के तमाम उन जवानों को, जो देश के लिये। अपनी जान तक कि परवाह नहीं करते। सलाम.... कोरोना से आज पूरा देश लड़ रहा हैं, पर एक सलाम देश कि उन जनता को जो अपनी और अपने परिवार के परवाह किये बेगैर देश के काम आ रही हैं। सलाम... देश के हर एक डॉक्टर को जो लगतार डटे हुए हैं। सलाम.... देश के हर एक पुलिस वाले को। #सलाम
माँ तो माँ होती हैं जनाब, जो ये सब सह लेती हैं। एक माँ ही है जो अपने बच्चे का दर्द, और आह तक सब समझ लेती हैं। माँ ही सुख दुख का सहारा हैं, इससे जीवन का हर एक क्षण निराला हैं।
मुश्किल हैं इसलिए ही तो नाम है वरना तो लोग आसान चीजों को भूल जाया करते हैं....। #मुश्किल
#मुश्किल कितना मुश्किल होता है न अपना हाले दिल बयां करना। तिनका तिनका करके हिम्मत जूटाना पडता हैं।किसी का भरोसा जितना पडता हैं, किसी के विश्वास रूपी समंदर को पार करना होता हैं। तब जाकर आप किसी के दिल में अपनी जगह बना पाते हैं। और फिर एक छोटी सी गलती आपकी ये सब मेहनत पर पानी फेर जाती हैं। मुश्किलें तो मुश्किलें ही जिंदगी में पर जीता वहीं जो इन मुश्किलों से घबराया नहीं।
एक व्यक्ति जो वास्तव में आपसे प्यार करता है, हाँ कभी-कभी आप पर गुस्सा भी होगा,लेकिन आपको कभी नहीं छोड़ेगा
#खुश मैं बहुत खुश हूँ कि तुम पास तो हो मेरे, थोडा सा पर हो तो मेरे ही। मैं अक्सर खुद को तुम्हारे बिना अकेला ही पाया हूँ, पर अब खुश हूँ कि, तुम कम से कम पास तो हो मेरे। वो अंतिम मुलाकात पर, जाते समय तुमने उस मोड पर ही मुझे छोड दिया था। मैं अब भी वहीं हूँ जहां न हो था मुझे, पर मैं खुश हूं कि तुमने सही समय पर अपने होने न होने का एहसास तो कराया। वरना मैं उसी मोड पर तुम्हारा इंतजार कर रहा होता। खुश तो अब तुम होंगी न, कि मैं तुम्हारी जिंदगी से इतनी आसानी से यूँ चला गया। पर मैं अब भी खुश हूँ कि, तुम कुछ समय पर साथ तो थी मेरे।
Dear Tum, जब जब मैं तुम्हारे बारे में सोचता हूँ न वक्त कहा गुम हो जाता हैं, मुझे कुछ पता ही नही चलता। फिर से तुम यादों कि वो भिनी सी खुशबू कि तरह पूरे वातावरण में फैल सी जाती हो, फिर तुम्हारी यादों में मैं मोहित हो जाता हूँ। खुद को भूल कर मैं तुम्हें ही पास पाता हूँ, तुम होती तो ऐसा होता तुम होती तो वैसा होता, पर तुम साथ तो होती न। अक्सर टुटा हूँ मैं तुम्हें खोकर, जब भी याद किया तो तुमको दूर दूर बहुत दूर ही पाया हैं। अब लगता हैं कि तुम आई ही क्यों थी जब तुम्हें जाना ही था। भूला दिया तुमने ही जो कहती थी कि आप भूल गये हो मुझे। तुम स्वार्थी हो गयी हो जो कभी मुझे स्वार्थी कहा करती थी।
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