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https://youtu.be/uRI6JjdTvuU
# कविता .. विषय .आइना कुछ कहता .. आइना आपकी ,सुदंर तस्वीर बताता । आपकी वास्तविकता ,सबके सामने लाता ।। कुछ भी अतिशयोक्ति ,नही बताता । अपने मुँह मियाँ मीठुं ,नही बनता ।। आपकी कभी चापलुसी ,नही करता । आपकी सही तस्वीर ,सबको बताता ।। इसलिए लोग आइना ,के सामने आने से , डरते सदा । आइना भाईभतीजावाद ,कभी नही चलाता ।। वह तो आपको प्रेरणा ,भी सदा देता । जैसे बाहर से दिखते हो ,वैसे अंदर से दिखो सदा ।। पर मानव आइना की ,हंसी सदा उड़ता । गुस्से होकर उसे ,तोड़ भी ड़ालता ।। मानव को कोई शिक्षा दें ,यह नही भाता । मानव को पहचानना ,ईश्वर के हाथ नही होता ।। इसलिए वह हवा में ,बहुत ही उड़ता । जब ठोकर लगती तब ,ईश्वर को याद करता ।। https://www.instagram.com/p/CIPvrn1h3ll/?igshid=1jmdkfnvuwyuj
शानदार कविता .. # विषय .उत्साह ,उमंग * जीवन में जीने का ,उत्साह कम मत करना । विकट परिस्थितियों में ,भी उमंग मत छोड़ना ।। रात के अंधेरे के बाद ,दिन का उजाला आता । निराशा के पतझर के बाद ,आशा का बसंत आता ।। जीवन तो सुख दुःख की ,धूप और छांव ठहरा । जितना कष्ट आता ,उतना जीवन ओर निखरता ।। आज दुःख के बादल है ,तो कल सुख का सुर्य निकलेगा । आज कोरोना का भय है ,तो कल मधुमास खिलेगा ।। जो जीवन से धबराता ,वह उत्साही नही होता । हर पल हर क्षण , मानव को उत्साही ही है होना ।। https://www.instagram.com/p/CIH_I1yhWzw/?igshid=1fo0skaplxrmo
शानदार कविता सुने और आशिर्वाद दें । https://www.instagram.com/p/CIE8_t9BEOy/?igshid=15dlzmrw7t1e7
शानदार रचना .. विषय .गुलाब सा दिल ... मेरा दिल ,गुलाब सा है । उसे कभी ,मुरझाने मत देना ।। तुम्हारे प्रेम का ,प्यासा दिल है । उसे अपने ,स्नेह से सींच देना ।। तुम्हें देख कर ,सदा खिलता है । इसे सदा ,तुम महकने देना ।। कांटे भरी ,यह जिदंगी है । इसमें सदा ,तुम खुशबु भर देना ।। तुम्हारे दिल सा ,कोमल दिल है । इसको कभी दुःख ,मत देना ।। हर पल हर क्षण ,इसे तुम महकाना । कभी आँखों से ,ओजल मत करना ।। तेरी याद में ही ,सदा खिलता है । जीवन भर उसे ,महकने देना ।। https://www.instagram.com/p/CIATJ0HBPHd/?igshid=1ps6o0687f9vr
आदरणियजी मित्रों और बहनों ,आप सब के आशिर्वाद से मेरी रचना सबसे श्रेष्ठ आह्लाद पत्रिका में छपी है ,जो साहित्य संगम संस्थान रजि ,मंचपटल है ।जो देश में पढी जाती है । बृजमोहन रणा ,कश्यप ,कवि ,अमदाबाद ,गुजरात ।
# कविता .. # विषय .दो हजार बीस की देन .. दो हजार बीस से ,हमें क्या मिला । भयंकर कोरोना ,का अभिशाप मिला ।। बाजार में मंदी ,का दौर सबको मिला । नौकरीयों से ,हाथ धोना भी पडा ।। सरकार की ओर से ,आश्वासन का दौर मिला । धर में रह कर खिड़की ,दरवाजो से झांकने मिला ।। लोकडाउन का विकट ,त्रास सब को मिला । प्रकृति को छेडने ,का हमें फल मिला ।। स्वच्छता का हमें ,अनुपम बोध मिला । प्रकृति से जुदाई ,अपनो से अलग रहने का दर्द मिला ।। बेबसी लाचारी का ,सबको मंजर मिला । गरीबो की रोटी छिनने ,का असीम दर्द मिला ।। https://www.instagram.com/p/CH9QhJ-Bw0v/?igshid=rkqkgu908il8
https://youtu.be/egn4Uc7brww
# कविता .. # विषय .सरस्वती ... सरस्वती के भंडार की ,बडी अपूर्व बात । ज्यों ज्यों खर्चे ,त्यों त्यों नित बढे यह ।। बिन खरचे ,यह पल में धट भी जात । इसकी कृपा बिना ,कोई ज्ञान नही पात ।। अगर इसकी अनुकंपा हो ,तो पल में विद्धान , बन जात । कालीदास सा मुर्ख ,महान कवि गया बन ।। सूरदास नैत्रहीन भी ,महान ग्रंथकार गये बन । सरस्वती कृपा बिना ,शिक्षा के दशर्न कोई नही पात ।। जिस पर इसकी कृपा बरसे ,पल में जड चेतन , बन जात । इसलिए माँ शारदा ,विधादायनी कहलात ।। https://www.instagram.com/p/CH4y96uBxik/?igshid=1bww3w4epshwn
# विषय .आंसूओं की कहानी ,पलकों की जुबानी । # विधा .कविता *** नैनो की महफिल सजाती ,है पलकें । पलको की ओट से ,सब कुछ कहती आँखें ।। आँखों की खुबसूरती ,का राज है पलकें । आँखों की पहरेदार ,होती है पलकें ।। पलकों के पीछे से ,दिल की बातें फरमाई जाती । नैनो ने महफिल ,सजाई है तुम जरुर आना ।। कजरारी आँखो को ,महकाती है पलके । भय के समय ढाल ,बन जाती है पलकें ।। थोडा दर्द होने पर ,आँखो से आंसू छलकाती है पलकें । थोडी खुशी होने ,पर आँखो को चहकाती है पलकें ।। आँखो की सुदंरता को ,चार चाँद लगाती है पलकें । पलकों बिना सुशोभित नही ,हो सकती है आँखें ।। https://www.instagram.com/p/CHzXdKaBcUX/?igshid=10f94ci25o8ul
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