The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
बिटिया की बिदाई ________________ आसमानी नीला रंग, पड़ रहा फ़ीका है, मौजों की मस्ती में, न रहा वो बाँकपन है, इठलाती थी गोरी जो, हर बागो चमन में, अब खाली एक सन्नाटा है, आँगन के हर कोने में, ममता की छाओं छोड़ हमारी, बिटिया हुई अपने पिया को प्यारी, बिदा हुई डेरे से बाबुल के, आज वो दुलारी, सजा रखी है चौखट हमने, यादों से उसकी, बाँध रखा है वो प्यार, आँचल की गाँठ में अपनी, आरज़ू है इस दिल की, खुशियाँ मिले अब बिटिया को सारी, बंधन हो मज़बूत इतना, कि नींव न हिले... लाख कोशिशें हों भारी, आशियाँ हो सुंदर उसका, पलकों पे था सजाया... हमने ये सपना, इल्तेज़ा उस रब से, अब हमारी ममता का मान रखना | बिदा हुई डेरे से बाबुल के, आज बिटिया हमारी... ©️अनूप
सिसकियाँ ————————- उसकी सिसकियों में भी शोर था, शोर एक.. सन्नाटे का, नज़रों के पार न कोई छोर था, छोर ना किसी उम्मीद का, अजनबी सा वो शहर था, शहर की भीड़ में वो अकेला सा, हर रस्ता कुछ तनहा था, तनहाइयों में वो तनहा सा, रहा संग.. बस यादों का तूफ़ान था, समंदर की लहरों का.. गरम कुछ मिज़ाज था, बिताने को वक़्त तो अब बेतहाशा है, पर पास उसके अब.. वो हमराज़ ना था। ©️अनूप
..
थोड़ी गुज़र चुकी, थोड़ी और गुज़ार ले यारा… ज़िंदा है अभी, तो हँसने का बहाना ढूँढ ले यारा… अनूप
सुप्रभात ….
देश मेरा..मेरी ज़मीं ——————— जान मेरी..देश मेरा, इश्क़ मेरा .. ये मेरी ज़मीं, माथे लगा के मिट्टी को, महसूस करूँ..आँखों में नमी, इस मिट्टी पे दिल क़ुर्बान, इस मिट्टी..में जन्मा हूँ, इस मिट्टी..में खेला हूँ, ये मिट्टी .. ही..मेरा.. ईमान, इसे जो देखे बुरी नज़र, उस नज़र को ऐसी मार दूँ, मिट्टी में मिला के अपना जिगर, दुश्मन को हमेशा हार दूँ, इस मिट्टी...पे दिल क़ुर्बान, इस मिट्टी..में जन्मा हूँ, इस मिट्टी..में खेला हूँ, ये मिट्टी .. ही..मेरा..ईमान, जब बोते बीज खेतों में, तब करें इबादत मिल के हम, लहराए जब..फ़सल यहाँ पर, गीत शगुन के गाएँ हम, इन खेतों में.. खलियानों में, जान हमारी बस्ती है, इस ज़मीं की मिट्टी..तन पे लगा के, मस्ती में ..खो जाएँ हम, इस मिट्टी...पे दिल क़ुर्बान, इस मिट्टी..में जन्मा हूँ, इस मिट्टी..में खेला हूँ, ये मिट्टी .. ही..मेरा..ईमान, आऊँगा.. तुझे चूमूँगा, तेरे संग मैं भीगूँगा, नसों में दौड़े..लहू ये बोले, कितना हसीं वो दिन होगा, जान मेरी..देश मेरा, इश्क़ मेरा .. ये मेरी ज़मीं, माथे लगा के मिट्टी को, महसूस करूँ..आँखों में नमीं, इस मिट्टी...पे दिल क़ुर्बान, इस मिट्टी..में जन्मा हूँ, इस मिट्टी..में खेला हूँ, ये मिट्टी .. ही..मेरा..ईमान। ©️!!अनूप!!
#Gandhigiri दिल को सुकूँ मिले..करूँ मैं ऐसा काम, शब्दों में रस घोले..पिलाऊँ मैं ऐसा जाम, थाम लूँ हाथ यूँही...कभी लड़खड़ाते क़दमों का, सहारा बनूँ ..गर देखे कोई रस्ता किसी का, रोए कहीं जो आँख कोई..हथेली बने रुमाल, उदास हो गर मन कोई..गले लगा के..दूँ हँसी बेमिसाल, रिश्ते सब मज़बूत हों..हरदम यही जुगत लगाता, अपने सभी साथ हों..हरपल यही ख़्वाब सजाता, अब एक यही है ख़्वाहिश पले..ऐसी एक मधुशाला हो, ना हो कोई छोटा या बड़ा..नशा चढ़े तो.. बस प्यार का नशा हो। ©️अनूप
चलो...देखें आज फिर एक बाज़ी खेल के, क्या पता..इस बार शायद.. ज़िन्दगी हार जाए, बहुत से ग़म दिए हैं ज़िंदगी ने, उस गिनती में शायद ... एक कम हो जाए... ©️अनूप
Copyright © 2025, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser