तभी एक दिन...... साहिल की कंपनी में;
साहिल - सिमरन, तुम्हे पता है कि ईशान और तानिया दीदी के रिश्ते के लिए तुम्हारे पैरेंट्स ने हां कर दी है।
सिमरन - हां, मैं जानती हूं कि उन्होंने इस बार कोई प्रॉब्लम नही करी! पर साहिल, वो मेरे पैरेंट्स नही है, तुम प्लीज अब हमे मिलवाने की यह कोशिश छोड़ दो!
साहिल - सिमरन, पर फिर भी मुझे लगता है कि तुम्हे उन्हे माफ कर देना चाहिए!
सिमरन - मैं जानती हुं कि वो मेरे रियल पैरेंट्स नही है, और मुझे अनाथ आश्रम से लेकर आए थे। साहिल यह सुनकर शॉक रह जाता है, क्योंकि उसने सिमरन को यह बात नही बताई थी।
साहिल - सिमरन, तुम्हे यह कैसे पता चला?
सिमरन - मैं उस दिन के बाद फिर से अपने घर गई थी, ताकि उन्हें बता सकूं कि शायद अब मेरे और उनके बीच कभी कोई रिश्ता ना रहे! तुम्हे पता है साहिल, तब वो लोग यही बात कर रहे थे कि उन्हें मुझसे लगाव क्यों नही है। अच्छा ही हुआ कि मैने सब सुना, इससे मुझे अपने सवालों के जवाब तो मिले!
साहिल -पर अब वो इस बात के लिए पछता रहे है सिमरन! साहिल ने आखिरी कोशिश करते हुए सिमरन को कहा।
सिमरन - यही तो बात है ना साहिल, कि उन्हें पछतावा है, पर मुझे वो लगाव नही है। जो लोग मुझे मारने से पहले एक बार भी ना सोचे, उन्हे मुझसे लगाव कैसे हो सकता है? और अब मैं उन्हे अगर मौका दु तो वो मजबूरी में मुझसे प्यार करेंगे, ना कि अपने दिल से! और मैं बहुत खुश हूं साहिल, अपनी इस नई दुनिया से! जिसमे तुम्हारा प्यार काफी है मेरे लिए! और सिमरन उसके हाथ को अपने हाथों में लेकर चूम लेती है।
साहिल - मैं हमेशा तुम्हारे साथ हुं सिमरन! तभी साहिल देखता है कि सिमरन थकी हुई भी है और थोड़ी डिस्टर्ब भी! तो वो बोलता है कि - सिमरन, तुम एक काम करो, आज घर जाओ और आराम करो! मैं शाम तक आ जाऊंगा! साहिल मन ही मन सोच लेता है कि सिमरन को खुश करने के लिए आज रात को बाहर डिनर पर लेकर जायेगा!
सिमरन - साहिल, साथ में ही चलेंगे ना! फिर साहिल उसके गालों पर हाथ रखकर बोलता है कि;
साहिल - तुम थकी हुई लग रही हो सिमरन, तुम जाओ! मैं आता हूं थोड़ी देर में! फिर सिमरन हां में सिर हिलाती है, और साहिल को गले लगकर बाहर आ जाती है।
जैसे ही सिमरन पार्किंग साइड अपनी कार के पास आती है, तो पीछे से कोई उसके सिर पर भारी चीज से वार करता है, जिससे कि सिमरन बेहोश हो जाती है।
थोड़ी देर बाद :
सिमरन की आंख खुलती है तो वो एक टूटे हुए से खंडहर में होती है, जहां आस पास उसे कोई नही दिखाई दे रहा होता है। जय ही वो अपनी जगह से हिलने की कोशिश करती है, तो उसे महसूस होता है कि उसके हाथ पांव किसी ने रस्सी से बांध रखे है। एक बार को तो सिमरन घबरा जाती है, और अपने हाथ पांव को जोरों से हिलाने लगती है, जिससे कि रस्सी की पकड़ ढीली हो! पर उसकी कोशिश बेकार थी! तभी सामने से दरवाजा खुलता है और थोड़ी सी रोशनी के साथ ही कोई चलकर आ रहा होता है, जिसे देखते ही सिमरन बोलती है कि;
सिमरन - मुझे पता था कि इतनी गिरी हुई हरकत तुम्हारे अलावा कोई और कर भी नही सकता है, विपिन!
विपिन - ओह बेबी,अभी तक कितना जानती हो तुम मुझे!
सिमरन - मुझे बांध क्यों रखा है तुमने, और यहां लेकर क्यो आए हो?
विपिन - वाह, एक दम मुद्दे की बात करती हो तुम बेबी! तुम्हारी यही अदा तो हमे तुम्हारे पास खींच ले आती है।
सिमरन - रस्सी जल गई, लेकिन बल नही गया! अभी भी तुम उतने ही घटिया हो विपिन, जैसे पहले थे! जल्दी से बोलो कि तुम मुझे यहां क्यों लाए हो?
विपिन - तूझे और तेरे परिवार को सबक सिखाने के लिए, समझी! विपिन ने गुस्से से बोला, तो एक बार के लिए सिमरन भी डर गई। लेकिन उसने अपना डर अपने अंदर ही दबाए रखा और विपिन के सामने ऐसे ही रही जैसे उसे उसकी बात से कोई फर्क ही ना पड़ा हो!
सिमरन(हंसते हुए) - तुम्हे लगता है कि साहिल के होते हुए मुझे कोई नुकसान पहुंचा सकता है। अभी थोड़ी देर में शामत आने वाली है तुम्हारी विपिन!
विपिन - उसी से तो बदला लेना है मुझे! जब तक यहां पर कोई पहुंचेगा, तू कहां पहुंच जाएगी यह सोच!
सिमरन उसे कोई जवाब देना जरूरी नही समझती है और चुप रहती है।
इधर साहिल सोचता है कि अब तक तो सिमरन घर पहुंच गई होगी तो उसे फोन करता है, लेकिन सिमरन का फोन बंद आ रहा होता है। इससे साहिल के मन में बैचेनी बढ़ जाती है तो वो घर पर फोन लगाता है।
साहिल - हेलो मम्मी, सिमरन से बात करवाओ ना!
वेदना जी - बेटा, तूझे सिमरन से बात करनी है, तो उसके फोन पर फोन लगा, क्योंकि वो घर पर नही है, तुम्हारी कंपनी में ही तो होगी! हम भी अभी ईशान के घर पर आए हुए है, बेटा! लेकिन सिमरन घर पर आती तो एक बार कॉल जरूर करती!
साहिल - हां मम्मी, और वो फोन रख देता है। वो वेदना जी को टेंशन नही देना चाहता था, इसलिए अभी उन्हे कुछ भी नही बताता है। सबसे पहले वो अपने घर पर शांता ताई को फोन करके पता करता है कि सिमरन घर पर है या नही? लेकिन वो वहां पहुंची ही नही होती है! फिर वो ईशान के फोन करता है, तो उसे भी कुछ नही पता होता है, और तानिया से पता करने पर भी उसे यही जवाब मिलता है। साहिल फिर तानिया और ईशान को अपनी कंपनी बुलाता है और सब बता देता है कि सिमरन का फोन बंद आ रहा है और वो घर पर भी नही है। साहिल को महसूस हो जाता है कि कोई न कोई गड़बड़ तो जरूर है, तो ईशान और तानिया के साथ मिलकर वो सबसे पहले अपनी कंपनी के सारे सीसीटीवी फुटेज चेक करवाता है, जहां से सिमरन गई थी। तभी पार्किंग में वो लोग देखते है कि सिमरन जैसे ही अपनी गाड़ी में बैठने वाली होती है, तो उसके पीछे एक आदमी आता है, जिसने अपना चेहरा छुपाया हुआ था, उसे पीछे से सिर पर मारता है, और फिर खुद की गाड़ी में सिमरन को लेकर चला जाता है। साहिल यह देखते ही एक बार को अपना हाथ टेबल पर जोर से मारता है, फिर तानिया उसे संभालती है;
तानिया - भाई, प्लीज तुम शांत रहो! हमे जल्दी से पुलिस कमप्लेंट करवानी चाहिए! साहिल कुछ सोचता है और बोलता है कि;
साहिल - मुझे लगता है कि यह काम विपिन का ही है। वो इकलौता ऐसा दुश्मन है, जो सिमरन और हम सभी को नुकसान पहुंचाना चाहता है। बाकी कोई भी साहिल मेहता की पत्नी को हाथ लगाने की कोशिश नही करेगा।
ईशान - यह विपिन अब तक नही सुधरा है, हम सभी ने इसे अपने हाल पर छोड़कर ही गलती कर दी है। उसके बाद वो तीनो वहां से बाहर आ जाते है, और चलते चलते प्लान करते है कि ईशान और तानिया पुलिस स्टेशन जाकर कंप्लेंट लिखवाएंगे और साहिल, विपिन के ठिकानों पर जाकर पता करने की कोशिश करेगा! फिर वो अपनी अपनी गाड़ियों में निकल जाते है।
ईशान और तानिया पुलिस को सब कुछ बता देते है, और साथ ही यह भी कि उन्हें इसमें विपिन पर शक है। क्योंकि वही सिमरन को नुकसान पहुंचाना चाहता है। पुलिस अब अपनी तरह से इन्वेस्टिगेशन कर रही थी, और इधर साहिल, विपिन के फार्म हाउस पर आया हुआ था। विपिन के पास प्रॉपर्टी के नाम पर अब एकमात्र यही बचा हुआ था। साहिल वहां पर सब जगह देखता है, लेकिन उसे वहां पर कोई जरिया नही मिलता है, जिससे वो सिमरन का पता लगा सके!
क्रमश :