सिमरन और साहिल दोनो एक साथ ही खाने के लिए नीचे पहुंच जाते है। तभी सिमरन पूछती है कि;
सिमरन - तानिया दीदी कहां पर है, वो नही आए अब तक? रुको, मैं उन्हे कमरे से बुलाकर लाती हुं।
साहिल - अरे, नही उसकी जरूरत नही है। मुझे दीदी का फोन आया था कि वो अपने clint को design दिखाने गई हुई है। पहले उनका प्लान नही था जाने का, पर clint ने बहुत कन्फ्यूज कर दिया था उन्हे! तो फिर उन्होंने उसके घर जाकर ही बताना सही समझा!
शांता ताई - हां, बेटा, वो तुम अपने कमरे में सो रही थी तो तानिया बेटा ने तुम्हे परेशान नही किया। उसने कहा है कि मैं तुम्हे बता दूं ! पर काम के चक्कर में मैं भूल ही गई तुम्हे बताना!
साहिल - दीदी, आ जायेगी थोड़ी देर में! हम खाना खाते है।
शांता ताई - हां,बेटा! तुम दोनो जल्दी से बैठो, मैं खाना लगा देती हुं। फिर मुझे घर भी जाना है।
सिमरन - ताई, आप जाओ घर पर! खाना मैं परोस दूंगी। वैसे भी हम दोनो ही तो है यहां पर!
साहिल - हां ताई, सिमरन सही कह रही है। आप जाइए,हम खाना ले लेंगे! आपको लेट हो रहा है ना! फिर सुबह भी आप वापस जल्दी आ जाती है, तो अभी जाइए आप!
ताई फिर चली जाती है और सिमरन और साहिल डाइनिंग टेबल पर बैठकर खुद का खाना ले लेते है, और चुप चाप खाना खा रहे होते है। तभी साहिल चुप्पी तोड़ने के लिए बोलता है;
साहिल - ताई बहुत अच्छा खाना बनाती है ना!
सिमरन - हां, सही कहा! बहुत टेस्टी खाना है, सच्ची! मजा आ गया मुझे तो !
साहिल - एक बात पूछ सकता हूं सिमरन? जवाब दोगी मुझे?
सिमरन - हां हां बिल्कुल पूछो!
साहिल - तुम ऐसी बेहोशी की हालत में कैसे पहुंच गई थी, उस दिन? तुम्हारी ऐसी हालत का जिम्मेदार कौन है? और तुम उस आउटहाउस में पहुंची कैसे? साहिल ने एक ही सांस में पूछ लिया!
सिमरन को अभी साहिल से ऐसे कोई सवाल की उम्मीद नही थी, तो वो दो मिनट सोचने लग गई! और उसकी आंखों में नमी आ गई, जिसे उसने साहिल से छुपाने की कोशिश की, लेकिन वो कोशिश बेकार थी, क्योंकि साहिल ने देख लिया था कि सिमरन की आंखों में नमी आ गई है। उसे थोड़ा regret भी होता है कि शायद उसने गलत समय पर सवाल पूछ लिया!
साहिल - Iam sorry simran. शायद मुझे अभी ऐसे सवाल नही करना चाहिए था। लेकिन मैने देख रहा हुं कि तुम बहुत तकलीफ में हो, अगर तुम अपना दर्द किसी से बाटोंगी तो इससे तुम्हारा दर्द कम ही होगा। शायद मैं तुम्हारी कुछ मदद कर पाऊं! अगर तुम्हे नही बताना है तो it's ok. मैं समझता हुं कि तुम इतनी जल्दी हम पर trust नही कर पाओगी शायद!
सिमरन - मेरे परिवार के लोगो ने मुझे वहां पर रखा था!
( साहिल अचानक से शॉक हो जाता है, क्योंकि उसे लगा था कि सिमरन शायद अभी नही बताएगी कुछ भी! पर उसे अच्छा लगा कि सिमरन ने शुरुआत की!)
साहिल उसे चुप चाप सुनता रहता है, और सिमरन फिर उसे सब कुछ बता देती है कि कैसे उसी की बहन और विपिन ने उसे धोखा दिया। और उसके परिवार वालो ने भी उसी का साथ दिया। और उसने अपने परिवार का नाम भी बता दिया।
साहिल तो खुद शॉक रह जाता है। सबसे पहले तो उसके मन में आता है कि विपिन का मर्डर कर दे, अब तक नही सुधरा है वो इंसान! साहिल किरण को भी जानता था, और उसे विश्वास नही हो रहा था कि सिमरन और कोई नही बल्कि उसी की बड़ी बहन है। आज से पहले उसने सिमरन को कभी नही देखा था। उसे सिर्फ पता था कि आचार्य फैमिली के तीन child है, लेकिन किरण को ही उसने देखा था। बाकी दोनो का तो यही सुना था कि वो abroad रहते है।
इधर सिमरन यह सब बोलते बोलते रोने लग जाती है। मैने क्या गलती की थी साहिल, जो मेरे परिवार वालो ने मेरे साथ ऐसा किया? क्या मैं इतनी बुरी हुं साहिल? बोलो ना, क्या मैं बुरी हुं? और वो फिर रोने लग जाती है।
सिमरन को इस तरह से बिलखते दिखाकर साहिल की आंखों में भी नमी आ गई। वो समझ नही पा रहा था कि कोई इतना बुरा कैसे हो सकता है कि अपनी ही बहन के साथ ऐसा करे? विपिन को तो वो जानता था कि वो अच्छा इंसान नही है। लेकिन वो किरण को अच्छा समझता था, और वो ऐसी लड़की निकली। यह सोचकर तो साहिल को खुद से घिन आ रही थी कि वो कैसी लड़की के बारे में सोचा करता था। फिर वो खुद को संभालता है और बोलता है कि;
साहिल - सिमरन, मैं तुम्हारा दर्द समझता हुं। जिसे अपनो के हाथों ही धोखा मिला हो, उसके ऊपर क्या बीतती है, मैं समझ सकता हूं। तुम प्लीज संभालो अपने आप को!
सिमरन - मैं ठीक हुं साहिल! अब मुझे उनसे कोई रिश्ता नही रखना है। मैं जैसी हुं, ठीक हुं। उन्होंने मुझे मारने की कोशिश की, तो अब उनके लिए मैं मरी हुई ही हूं।
साहिल - सिमरन, एक बात कहूंगा, तो मानोगी क्या? मुझे लगता है कि तुम्हे उन्हे सबक सिखाना चाहिए। वरना ऐसे तो उनकी हिम्मत बढ़ती जायेगी, और वो और भी बुरा करेंगे लोगो के साथ !
सिमरन - लेकिन मैं अकेली उनका सामना नही कर सकती हूं। उन्होंने मुझे कभी अपना नही समझा, लेकिन मेरे लिए वो मेरा परिवार है। बहुत प्यार करती थी मैं अपने परिवार से! पर अब उन्हें अपना कहने में भी चिढ़ मचती है।
साहिल - मुझे एक बात नही समझ आ रही है सिमरन। उन्होंने तुम्हे कभी किसी की नजरों में क्यों नही आने दिया? इसलिए शायद आज तुम गायब हो, फिर भी किसी को कुछ पता नही है। तभी साहिल के माइंड में एक बात क्लिक होती है, और वो पूछता है कि सिमरन, क्या तुम कभी abroad गई हो?
सिमरन - नही ,क्यों? लेकिन मेरा भाई अभी वही पर है। वो भी आने वाला है, अब वापस यहां पर। मेरी शादी होने वाली थी, यह बात बताई थी मैंने उसे! लेकिन किससे, यह नही बताया था! मैने सोचा था कि वो आएगा तो उसे surprise मिलेगा! पर यहां तो मुझे ही शॉक लग गया। अब तो उसे कॉन्टैक्ट करने की भी हिम्मत नही हो रही है, क्या पता वो भी सभी की तरह मेरे साथ अच्छा रहने का नाटक कर रहा हो। और वो sad हो जाती है।
साहिल - मैने सोच लिया है सिमरन कि मैं तुम्हे इंसाफ दिलवाकर रहूंगा! कैसे, यह अभी सोचा नही है। लेकिन जल्दी ही सोच लूंगा।
सिमरन -नही ,साहिल! मुझे कोई बदला नही लेना है। यह मेरी गलती है कि मैने उन पर भरोसा किया।
साहिल - नही सिमरन! मैने देख है तुम्हे कि तुम किस तरह तड़पती हो अंदर ही अंदर! तुम्हे खुद को मजबूत बनाना होगा और उन्हे ये साबित करना होगा कि तुम भी स्ट्रॉन्ग हो! जिन लोगो ने तुम्हारी खुशियां छीन ली, उन्हे तो तुम्हे सबक सिखाना ही चाहिए।
सिमरन - शायद तुम सही कह रहे हो! पर अभी मुझे कुछ नही करना है। और वो उठकर अपने कमरे में चला जाती है। साहिल बस उसे पीछे से देखता रहता है।
साहिल वही पर बैठा होता है और मन ही मन सिमरन को दुनिया के सामने लाकर पहचान दिलाने का और इंसाफ दिलाने का निश्चय कर लेता है।
क्रमश :
फाइनली सिमरन ने साहिल को सब बता ही दिया। तो अब क्या लगता है दोस्तो, क्या सिमरन अपने परिवार के against खड़ी होकर उनसे बदला लेगी? क्या साहिल अपने मिशन के कामयाब होगा। क्या सिमरन उसका साथ देगी? और साहिल यह सब करेगा कैसे? अभी तो सिमरन के भाई का भी आना बाकी है! क्या वो भी अपने परिवार के साथ मिला हुआ होगा! देखते है अगले भाग में!
धन्यवाद!