Dhun ishq ki.... Par dard bhari - 4 in Hindi Love Stories by Arpita Bhatt books and stories PDF | धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 4

Featured Books
Categories
Share

धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 4

साहिल हॉस्पिटल पहुंचता है, और जल्दी से सिमरन को उठाकर अंदर लेकर जाता है,(तभी वो नोटिस करता है कि इस लड़की ने तो शादी का जोड़ा पहना हुआ है, पर फिर वो उस बात को इग्नोर कर देता है।)जहां उसके फैमिली डॉक्टर ने पहले से ही सब इंतजाम किए हुए थे। क्योंकि यह साहिल का स्पेशल वार्ड था, जो उसने कभी भी इमरजेंसी के लिए ऑलरेडी बुक करवा रखा था। उसने रास्ते में ही फोन कर दिया था हॉस्पिटल में, ताकि वो सभी तैयारी करके रखे। सिमरन को स्पेशल वार्ड में ले जाया जाता है, जहां पर आस पास कोई आता भी नही है, तो लाइमलाइट में भी नही आते है। साहिल ने इसलिए अलग से अपने और अपने फैमिली वालो के लिए ऐसा इंतजाम किया हुआ था। 

साहिल, डॉक्टर को सारी सिचुएशन बात देता है कि उसे सिमरन किस तरह मिली, फिर डॉक्टर उस wait करने को कहकर अंदर चले जाते है। 

तभी साहिल का फोन बजता है, तो वो देखता है कि उसकी तानिया दीदी का कॉल है। जैसे ही साहिल फोन रिसीव करता है, तानिया उसे डाट लगाना शुरू कर देती है। 

तानिया; तुम हो कहां पर साहिल? मैं कबसे wait कर रही हुं तुम्हारा, डिनर पर! तुमने कहां था कि तुम पहुंचने वाले हो! तो अब तक आए क्यों नही? ऊपर से किस जगह पर थे तुम इतनी देर से, तुम्हारा सिग्नल भी नही पकड़ रहा था! मुझे चिंता हो गई थी भाई तुम्हारी! अब कुछ बोलोगे भी! 

साहिल; दीदी, आप कुछ बोलने दोगे, तब मैं बोल पाऊंगा ना कि मैं कहां फंस गया था। 

तानिया( झेपते हुए); अच्छा ठीक है, बोलो अब! 

साहिल; दीदी, वो पापा का फोन आया था, तो उन्होंने काम दिया था मुझे कुछ, जिसके लिए मुझे पहले वहां पर जाना पड़ा। उसके बाद साहिल सब कुछ बता देता है, जो भी हुआ था, उसके साथ! दीदी, मुझे तो इस लड़की की चिंता हो रही है। मुझे यह नही समझ आ रहा है कि इसने शादी का जोड़ा क्यों पहना हुआ था, और यह वहां क्या कर रही थी। 

तानिया; हां, यही हम भी सोच रहे है, अब अगर वो होश आया तो ही इसका जवाब हमे मिल सकता है। I hope की उसके साथ कुछ बुरा नही हुआ हो! ( तानिया को अंदेशा हो गया था कि पक्का उस लड़की के साथ कुछ तो बुरा ही हुआ है। ) 

साहिल; हां, डॉक्टर देख रहे है उसे! वैसे ज्यादा बाहरी चोट तो नही दिख रही थी मुझे उसकी! अब पता नही दीदी, बस मैं लेट तो नही हो गया ना उसे बचाने में? साहिल ने थोड़ा अफसोस करते हुए कहा। 

तानिया; तुम भी ना साहिल, कमाल करते हो! तुमने उसे बचाने की कोशिश की, यही बड़ी बात है। और हमे पता है कि उसे कुछ नही हुआ होगा। वो ठीक ही होगी। 

साहिल; हां दीदी, आप सही बोल रहे हो। तब तक डॉक्टर बाहर आ जाता है, तो साहिल, तानिया का फोन hold पर रख देता है। 

साहिल; डॉक्टर, अब कैसी condition है, उस लड़की की? 

डॉक्टर; वो ठीक है, लेकिन शायद धुआं बॉडी में जाने की वजह से वो बेहोश हो गई थी। और अभी इंजेक्शन का असर रहेगा तो वो रात भर तो बेहोश ही रहने वाली है। अब सुबह ही होश आएगा उसे! 

साहिल; लेकिन कोई घबराने की बात तो नही है ना डॉक्टर? अगर कोई प्रॉब्लम हो, तो आप मुझे फोन कर दीजियेगा, मैं अभी घर जा रहा हुं। 

डॉक्टर; हां, यही सही रहेगा। जैसे ही इस लड़की को होश आएगा, हम आपको कॉल कर देंगे। 

फिर डॉक्टर चले जाते है, और साहिल वापस कॉल अनहॉल्ड करता है, हा दीदी! 

तानिया; क्या कहां डॉक्टर ने? 

साहिल; मैं घर आकर बताऊंगा वो सब, आप खाने की तैयारी करो, मैं बस आता हूं, ठीक है। फिर साहिल कॉल रख देता है। 

और जल्दी से बाहर जाने के लिए निकलता है, तभी उसकी नजर रूम में bed पर लेटी, सिमरन पर जाती है, तो थोड़ी देर तक वो उसे देखता रहता है, फिर चला जाता है।  

इधर किरण के घर में; 

राजीव आचार्य( किरण और सिमरन के पापा); सच कहे तो हमे किरण की चिंता हो रही है। वो बस किसी मुसीबत में ना फंसे, तो ही अच्छा है। 

सुहाना आचार्य(किरण और सिमरन की मम्मी); हमने आपसे कहा था कि किरण का साथ मत दीजिए। पर आपने मेरी एक नही सुनी। 

राजीव जी; बात वो नही है सुहाना जी, किरण की खुशी के आगे हम कुछ नही कर सकते है। विपिन प्यार है उसका। और सिमरन तो हमारी बेटी के खुशी के पीछे ही पड़ गई है। 

सुहाना जी; आप बस कुछ भी करिए लेकिन हमारी बेटी किरण की खुशियों पर आंच नही आनी चाहिए। 

( उन्हे एक बार भी सिमरन की चिंता नही हुई कि वो कैसी है, और किस हालत में है? हो भी क्यों, उन्होंने सिमरन को अपनी बेटी समझा ही कहां था कभी! ) 

राजीव जी; वैसे अच्छा ही हुआ जो वहां आग लग गई। बला टली हमारे ऊपर से! अब हमने तो कुछ किया नही! आग तो accidently ही लगी थी। उन्होंने अपने आप को और सुहाना जी को समझाते हुए कहा। 

सुहाना जी; सही कहा आपने! हमारी बेटी को चैन से जीने ही नही देती थी वो लड़की! (उन्होंने मुंह बनाते हुए कहा।) 

राजीव जी; वैसे विपिन और किरण आज वही पर रुकने वाले है, और कल तक यहां आ जायेंगे। फिर देखते है कि क्या करना है आगे! 

सुहाना जी; हां,तब तक अपन भी rest कर लेते है। आज थक भी तो गए है बहुत! फाइनली जैसा सोचा था, वैसा ही हुआ सब! हमारी किरण कितनी खुश लग रही थी ना, राजीव जी! 

राजीव जी; हां, सही कहा। विपिन बहुत प्यार करता है उसे, और वो तो जान देती है विपिन के ऊपर! 

सुहाना जी; पर हमे एक चिंता हो रही है राजीव जी! आपने उस बारे में कुछ सोचा है क्या? 

राजीव जी; हां, हम भी वही सोच रहे थे वैसे! पर उसका भी कोई सॉल्यूशन तो करना पड़ेगा। पर अभी के लिए इतना नही सोचते है,उस बारे में! 

सुहाना जी; अब तो चले अपन सोने, या पुरी रात ऐसे ही निकालनी है। 

राजीव जी; हां बिल्कुल, चलो!और वो दोनो सोने चले जाते है। 

इधर साहिल के घर में; 

साहिल आता है तो तानिया उससे उस लड़की के बारे में पूछती है। जो भी डॉक्टर ने कहा होता है, वो साहिल अपनी दीदी को बता देता है। 

तानिया; एक काम करेंगे साहिल, सुबह हम भी चलेंगे तुम्हारे साथ, उस लड़की से मिलने! बेचारी किस हालत में होगी। 

साहिल; ठीक है दीदी, जैसा आप कहे। वैसे भी उसे सुबह तक होश आ जायेगा तो आप उससे सही से बात भी कर पाएंगे। आखिर है कौन वो? और ऐसी हालत में वहां पर कैसे पहुंची? 

तानिया; हां, हम भी यही सोच रहे है, साहिल! अब छोड़ो, और तुम जल्दी से आओ फ्रेश होकर, फिर खाना खाते है। 

क्रमश: 

हा तो दोस्तो, कैसी लग रही है आपको स्टोरी? क्या लगता है कि राजीव जी और सुहाना जी किस चीज के बारे में चिंता कर रहे थे? क्योंकि उन्हें सिमरन की चिंता तो होने से रही! Waise तानिया बड़ी समझदार लगती है हमे, हैं ना! चलिए मिलते है अगले भाग में! तब तक आप हमे बताइए कि आप क्या सोचते है? 

धन्यवाद!❤️✨