Tera Mera Safar - 14 in Hindi Love Stories by Payal Author books and stories PDF | तेरा मेरा सफ़र - 14

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तेरा मेरा सफ़र - 14


अगले दिन होटल में हल्की ठंडक थी, पर कियारा के भीतर कुछ और ही चल रहा था।
पिछली रात की वो नज़रें, वो मुस्कान — जैसे उसके दिल के

किसी कोने में अब घर बना चुकी थीं।
वो खुद से कहती रही, “ये बस attraction है… professional रहो कियारा।”

पर दिल, दिल ही तो है — वो तर्क नहीं, बस एहसास समझता है।

सुबह की मीटिंग खत्म होते ही अयान ने कहा,
“कियारा, आज थोड़ी देर के लिए terrace पर चल सकते हो?
कुछ discuss करना है।”
वो चौंकी — Terrace? और वो भी अकेले?

फिर धीरे से बोली, “Sure, sir.”

टैरेस पर हवा में हल्की ठंडक थी।
सामने समंदर फैला था, और आसमान हल्का सुनहरा।

अयान railing के पास खड़े थे, और उनके चेहरे पर usual calmness के पीछे कुछ और था —
शायद कोई जज़्बात, जो अब तक उन्होंने छिपा रखे थे।

“कियारा…” उन्होंने धीमे स्वर में कहा,
“कभी सोचा है कि कुछ रिश्ते बिना नाम के भी कितने पूरे लगते हैं?”

कियारा ने पलभर को उनकी ओर देखा, फिर नज़रें झुका लीं।
“कभी-कभी सोचा है, sir… पर शायद डर लगता है, कि कहीं वो रिश्ता सिर्फ़ एक तरफ़ा न रह जाए।”

अयान ने हल्की मुस्कान दी — “शायद हर रिश्ता किसी एक के एहसास से ही शुरू होता है।”

उनकी आवाज़ में सच्चाई थी, और उनकी आँखों में कुछ ऐसा जो कियारा ने पहले कभी नहीं देखा था।

कुछ देर दोनों खामोश रहे।
सिर्फ़ हवा की आवाज़ थी, और दो दिलों की धीमी सरगोशियाँ।

अयान ने धीरे से कहा,
“तुम्हारे साथ काम करते हुए मैंने बहुत कुछ सीखा… और शायद थोड़ा खुद को भी महसूस किया।”

कियारा ने धीरे से जवाब दिया,
“कभी-कभी किसी की मौजूदगी ही सीख होती है, sir।”

वो दोनों एक-दूसरे की तरफ़ देख रहे थे —
ना शब्द थे, ना कोई इज़हार, पर माहौल खुद बोल रहा था।

एक हल्की हवा चली, और कियारा के बाल उसके चेहरे पर आए।
अयान ने उन्हें देखने की कोशिश की, पर कुछ कह न सके।
बस उतना ही कहा —

“कुछ बातें अगर अधूरी रहें, तो भी पूरी लगती हैं।”

कियारा मुस्कुराई, “और कुछ बातें… अगर दिल से कही जाएँ, तो ज़िंदगी बदल देती हैं।”
वो दोनों उस पल में खो गए — जैसे वक्त ठहर गया हो।

शाम तक दोनों ने काम में खुद को व्यस्त दिखाने की कोशिश की,
पर हर नज़र, हर मुस्कान वही अधूरा इज़हार दोहरा रही थी।

अब ये एहसास बस एक खामोशी नहीं रहा था —
ये किसी रूह की दस्तक बन चुका था।

रात को कियारा ने अपनी डायरी में लिखा —


“कुछ एहसास वक्त नहीं माँगते...
वो बस एक नज़र चाहते हैं — इतनी सच्ची, कि उसमें पूरा दिल पढ़ा जा सके।

आज उसकी नज़रों में कुछ था... कुछ अनकहा, पर बहुत गहरा।
जैसे हर सवाल का जवाब वहीं छिपा था।

मैं सोचती रही… क्या ये वही पल था,

जब ख़ामोशियाँ बोल उठीं?
या फिर मैंने ही पहली बार, उन आँखों की भाषा समझी?

उसके हर देखे हुए पल में अब एक ठहराव महसूस होता है,
जैसे वक्त थमकर बस हमें देखता हो।

शायद आज… मेरी नज़रों ने उसका जवाब पा लिया।
शायद आज… वो एहसास शब्दों से परे सच हो गया।”
                            शायद 😕



To Be Continued…

क्या अब अयान भी अपने दिल की बात कह पाएँगे,
या ये खामोशियाँ फिर एक अधूरी मोहब्बत की कहानी बन जाएँगी?