Dastane - ishq - 9 in Hindi Fiction Stories by Tanya Gauniyal books and stories PDF | Dastane - ishq - 9

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Dastane - ishq - 9

So  ye kahani continue hongi pratilipi par kahani ka name same hai  but poster change hai with dark theme hai. mai yaha update nahi kar pari tou isliye sorry. After 10 - 15 episode  i will stop this update if you want do comment and follow me on 

pratilipi Id name - Tanya gauniyal 

Story name - same - Dastane - ishq ( mafia romance) 


And there I have reached more ahead so go and read their and do comment and follow me on my pratilipi I'd.Jismai meri first kahani ke sath sath second kahani bhi hai. So guys go and read their and follow me too for new updates in Instagram. If you want spoiler of this story follow me on Instagram 

Instagram I'd - Tanya gauniyal Instagram


I am waiting for your response readers do and comment 💬 and share your lovely thoughts. 

उधर सूट बूट पहने दो तीन आदमी ने  एक कपल के साथ आयुषी के फ्लेट की घंटी बजाई । 

लड़की ने  लड़के को देखकर कहा  : " क्या ये हमारी बात मानेंगी ?"

लड़के ने उसे दिलासा देते हुए कहा : " जरूर मानेगी हम उन्हें  हमारी situation समझाएगे "

लड़की उदासी से बोली : " पर वो अभी अभी यहा आए है, और ये फ्लैट कितना सुंदर है, तो किसी का ऐसे आचानक छोड़ना impossible  है "

 लड़का लड़की के कंधे पर हाथ रखकर बोला : " पर हम उन्हें इससे अच्छा फ्लैट दे रहे है तो बताओ वो क्यों नही मानेंगे ?"

लड़की सोचते हुए बोली : " हम्म वो तो है पर फिर भी इतनी रात को और वो भी बरसात मे " 

लड़की को सोचता देख लड़का उसे टोककर बोला : " ज्यादा मत सोचो मै कुछ भी करके ये फ्लैट ले लूंगा "

लड़की होश मे आई, उसने जब देखा की कोई खोल नही रहा तो  उसने दोबारा घंटी बजाकर  मन मे कहा : " मान जाए तो ठीक है "

आयुषी कपडे़ धोकर  किचन मे अपना काम कर रही थी । सामने बैठी राधिका टीवी देख रही थी ।

राधिका को जब घंटी की आवाज आई तो वो चिल्लाकर बोली : " दी कोई आया है "

ये सुनकर  आयुषी  के हाथ रूक गए । 

" अभी कौन आया होंगा ?" आयुषी  सोचते हुए बाहर आई,  उसने दरवाजा खोला तो एक कपल के साथ दो आदमी थे । 

आयुषी ने उन सबको देखकर कहा :" जी कहिए क्या काम है ? "

लड़के ने एक बार अपनी वाइफ को देखा फिर आयुषी को देखकर कहा : " एक्चुली ये फ्लेट आपको खाली करना होगा "

ये सुनकर आयुषी हैरानी से बोली : " क्या मतलब ? ये हमारा फ्लेट है हम ऐसे कैसे खाली कर दे और क्यों ? "

seceratory जो उन दोनों कपल के साथ आया था वो आयुषी को समझाते हुए बोला : " आप घबराइए मत एक्चुली ये फ्लेट पहले इन्हें चाहिए था "

दुसरा आदमी बोला :  "और इन्होंने हमारे साथ सारी फोर्मेलितिज पूरी कर रखी  है "

उन दोनों की बात सुनकर आयुषी ने कहा : " पर आप लोग इस तरहा से  हमे कैसे निकाल सकते है , हमने रैंट दिया है एंड इन लोगो ने आपके साथ formality की है पर हमने भी तो की है , हमारी भी बात हुई थी न फोन मे "

वो आदमी अपनी गलती मानते हुए बोला : " एक्चुली आपसे   बात होने से पहले इन कपल से बात हो गई थी "

seceratory भी उसका साथ देकर अफसोस के साथ बोला : " और ये बात मुझे पता नही थी इसलिए आपको मैने ये एडरेस दिया ( उसने आदमी को देखा फिर आयुषी को देखकर बोला )  ये गलती हमारी वजह से हुई है "

उस आदमी ने भी आयुषी को समझाते हुए कहा : we are really सौरी आप प्लीज समझिए "

आयुषी ने गुस्से से उस आदमी और  seceratory को देखकर  कहा : " गलती आप दोनों से हुई और समझू मै , आप मुझे ऐसे नही निकाल सकते पैसे दिए है मैने और  गलती आपसे हुई है आप जाने, मै ये फ्लैट छोड़कर रात को  अपनी बहन के साथ कहा जाउंगी ?"

राधिका ने जब आयुषी की गुस्से से भरी आवाज सुनी तो वो उसके पास आई और पूछा : " क्या हुआ दी "

उन सबने राधिका को देखा और राधिका ने उन सबको देखकर पूछा : " ये लोग कौन है दी ? "

आयुषी ने चिड़कर उन सबको  देखकर  कहा : " ये लोग अपनी गलती की वजह से हमे इस फ्लैट से निकालने आए है "

राधिका हैरानी से बोली : " क्या ?"

आयुषी ने राधिका को देखकर कहा : " हा राधी  ये लोग चाहते है हम यहा से चले जाए क्योंकि हमसे पहले ये फ्लैट इन कपल ने खरीद लिया था " 

राधिका  ने उन सबको घूरकर कहा : " ऐसे कैसे खरीद लिया ? आप सब जानबूझकर हम दोनों को अकेला देखकर हमे परेशान कर रहे है , हमने इस फ्लैट के पैसे दिए है तो आप लोग हमे यहा से निकाल नही सकते "

आदमी ने उन दोनों बहनो को समझाते हुए कहा : " हम आपको निकाल नही रहे , हम आपको  हमारा ही दुसरा  फ्लेट दे रहे  है । ( उसने चाबी आगे आयुषी के हाथ मे रखकर कहा  ) हमे खेद है की हमारी वजह से आपको परेशानी हो रही है, पर हमने जो फ्लेट आपको दिया है वहा तक हम आपको खुद छोडे़गे, आप चिंता मत किजिए "

आयुषी ने वो चाबी लौटाने की कोशिश मे कहा : " पर वो फ्लेट आप इन लोगो को दे देजिए न "

 लड़की आयुषी को समझाते हुए  बोली : " देखिए हमने इन्हें एडवांस दिया है और हमारे फ्रेंडस इसी फ्लोर के एक  फ्लेट मे रहते है, इसलिए हम यहा शिफ्ट होना चाहते है, प्लीज आप बुरा मत मानिए  "

आयुषी को लगा अब उसके पास कोई चारा नही है । ये फ्लैट लेकर ही मानेगे और फिर उसने सोचा की वैसे भी ये बदले मे फ्लैट दे ही रहे थे और खुद छोड़ने भी जा रहे थे तो इस बात मे कोई बुराई नही है ।

राधिका  उन्हें घूरकर बोली : " हमने कह दिया ना आप रखिए अपना फ्लैट अपने पास हम ठीक है यहा " 

उन सबकी नजर आयुषी पर थी जिसके हाथ मे दुसरे फ्लैट की चाबी थी ।

आयुषी ने उन्हें देखकर  मरेमन से कहा  :  " ठीक है ,  वैसे भी हम आज ही आए थे पर हमने सामान निकाल लिया था, हमने अपना सामान रखना है आप लोग थोड़ा वेट करेंगे ?"

राधिका हैरानी से उसे देखकर बोली : " दी आप.." 

आयुषी ने उसका हाथ पकड़ लिया ।

कपल ने एक दुसरे को मुस्कराकर देखा और फिर आयुषी  को देखकर कहा : "  जी जरूर " 

वहा पर कुछ और लोग आए और उस कपल से बात करने लगे । 

अंदर जाते ही राधिका चिड़कर बोली : " दी, हमे ही क्यों ?" आप क्यो मानी?, देखो ना दी ये कितना अच्छा फ्लैट है "

आयुषी ने उसे समझाते हुए कहा : " राधी अगर हम नही मानते तो वो रात भर यही रहते और वैसे भी वो हमे फ्लैट दे रहे है न "

राधिका मू फुलाकर बोली : " पर अगर वो फ्लैट अच्छा नही हुआ तो ?"

आयुषी उसके पास आई और उसका हाथ थामते हुए बोली : " राधी हमे फ्लैट मिल रहा है यही काफी है बहन, जा तैयार हो जा, हमे जल्दी निकलना चाहिए बारिश दोबारा शुरू ना हो जाए " 

राधिका ने मू फुलाकर " ओकए दी " कहा और अंदर चली गई ।

आयुषी भी  कमरे मे चली गई । उन्होंने आधा ही सामान निकाला था इसलिए उन्हें ज्यादा वक्त नही लगा और कुछ ही देर मे दोनों अपना सारा सामान लेकर बाहर आई । आयुषी फ्लैट बंद करने लगी  ।

राधिका ने उस फ्लैट को देख मू बनाकर कहा : " कितना अच्छा फ्लैट था "

उस आदमी ने राधिका की बात सुन ली थी वो राधिका से बोला : " जो फ्लैट आपको दे रहे है वो इसके जैसा ही है आपने हमे पैसे दिए थे तो हम आपके साथ धोखा नही करेंगे "

राधिका ने उसे देखकर मू बनाकर कहा : " वो तो वैसे भी नही होना चाहिए वरना हमे पुलिस कंप्लेन करनी आती है "

उसकी बात सुनकर  आदमी चुप हो गया और इधर उधर देखने लगा । उसकी इस हरकत से राधिका  हसँने लगी । आयुषी ने फ्लैट की चाबी लड़की को पकडा़ई ।

लड़की हिचकते हुए बोली  : " थैंकयू हमारी बात पर आपने.."

लड़की कह ही रही थी आयुषी बीच मे बोली  :- " इत्स ओकए आप लोग यही रहे "

कपल ने एक दुसरे का हाथ पकडा़ और मुस्करा दिए  । 

आयुषी ने राधिका को देखकर  कहा : " चल राधी "

 राधिका ने मू बनाकर अपना सामान पकड़कर कहा : " हा दी और कोई चारा भी नही है  हमारे पास "

आयुषी ने भी अपना सामान पकडा़ और लिफ्ट का बटन दबाया, लिफ्ट खुली और आयुषी  अंदर गई । राधिका उस secretary और उस आदमी को घूरते हुए आयुषी के पास लिफ्ट मे गई ।उन दोनों ने बेचारा सा मू बनाया हुआ था । आयुषी को अपनी बहन और उन आदमियों के चेहरे को देखकर हँसी आ रही थी, दोनो नीचे पहुंचे । 

राधिका इधर उधर देखकर बोली : " अब हमे टैक्सी कहा मिलेगी, दी " 

आयुषी बोलने ही वाली थी तबतक दो आदमी जो सीढी से उतरकर आए, वो बोले : " आइए हम आपको छोड़ देते है "

वो सब गाड़ी के पास गए । secretary ने उस आदमी से कुछ बाते की और वो चला गया ।

आदमी ने कार का दरवाजा खोलकर कहा : " बैठिए "

आयुषी बैठी और राधिका भी उस आदमी को घूरते हुए बैठी  ।राधिका की नजरो से वो आदमी झेप गया था । दोनों कार मे बैठे और कुछ दूर जाने के बाद गाडी़ रूकी ।

हर हर महादेव ।