Dastane - ishq - 3 in Hindi Crime Stories by Tanya Gauniyal books and stories PDF | Dastane - ishq - 3

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Dastane - ishq - 3

गैंग लीडर ने अपने आदमियों को ही मार दिया ।

" ज्यादा खुश मत हो मैने अपने आदमियों को इसलिए मारा क्योंकि जो तूझ जैसे बच्चे से डर गए, वो क्या किसी को मारते " गैंग  लीडर ने बंदूक अपने कंधे पर रखकर कहा । लड़के ने अभी भी कुछ नही कहा । गैंग लीडर टेडा़ हँसा और चारो तरफ से बहुत सारे लोग बाहर आ गए ।

 वो आदमी मुस्कराकर लड़के को देखकर  बोला :   " अब बता कैसे मारेगा इन सबको ? " 

फिर उसने नौटंकी भरे स्वर मे कहा : " कैसे करेंगा एक बेचारा सा लड़का अपने उम्र के दुगने लोगो से सामना, तू बेचारा छोटा सा और ये तेरी उम्र से काफी बडे़ और पहलवान जो किसी को भी पछाड़ सकते है " 

" लड़ने के लिए सिर्फ ताकत ही नही हिम्मत भी चाहिए " लड़का जो अभी तक खामोश था उसने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा ।

" ओ अच्छा हिम्मत " गैंग  लीडर ने एक आइब्रो उपर उठाकर कहा ।

फिर उसने अपनी बात पूरी कर कहा : " चल फिर आज देखते है तेरे अंदर और मेरे आदमियों मे कितनी हिम्मत है, जो जिंदा बचा वो जीत जाएगा और जो मर गया वो एक ( वो बडे़ कातिलाना आवाज मे बोला जैसे उस लड़के को ताना मार रहा हो ) और जो मर गया वो एक कायर की मौत मरेंगा "
ये सब बोलकर गैंग का लीडर आराम से पैर पसारकर बैठ गया जैसे कोई तमाशा देखने बैठा हो ।

आदमी की बात सुनकर , उसका जवाब देते हुए लड़के ने कहा : " मै इतनी आसानी और कायर की मौत नही मरूंगा, कायर कौन है और कौन अपनी जान की भीख मांगता है वो कुछ देर मे पता चल जाएगा " 

लड़के ने चारो और  देखा और उस आदमी को देखकर कहा : " जानता है  हाथी झुंड मे रहते है , उनके खो जाने के डर से पर शेर अकेला रहता है ( लड़का ये कहकर दो कदम पीछे  हटकर बोला ) अकेले घूमता है , ( दोबारा वो दो कदम पीछे  हटा और उन सारे आदमियो को घूरकर बोला  ) अकेला शिकार करता है और,ये कहकर वो आगे बडा़ और एक दम से कांच की टेबल पर लाट मारी और चीखकर बोला : " अकेले जंगल मे राज करता है " 

उसकी चीख और कांच की आवाज से सब कांप उठे । वो गैंग का लीडर जो सोफे मे बैठा था वो थर्रा गया । वो लड़का आगे आया, इससे पहले बोस का नौकर जो उसके पास ही खडा़ था वो कुछ करता लड़के  ने उसे एक लात मारी और वो  जमींन मे जा गिरा । लड़का गैंग लीडर के पास आया । गैंग  लीडर के पास बंदूक थी पर वो  कांच की आवाज से इतना डर गया था की गोलिया इधर उधर मार रहा था । इससे पहले वो निशाना लगा पाता । लड़के ने उसे कोर्र से पकडा़ और उसके साथ वाले साथी के पास फेंक दिया ।

लड़का उसे घूरते हुए बोला : " ये मेरा घर है और तुम बिन बुलाए महमान, और तुम्हें अपने घर से कैसे निकालना है मै अच्छी तरीके से जानता हूँ " । 

उसने  नीचे पडे़ आदमी को उंगली दिखाकर कहा : " अब अगर तू उस सोफे मे बैठा ,  वो सोफा तो होंगा पर तू नही होंगा " 

वो जमींन मे पडा़ आदमी  अपना डर छुपाकर हसँकर बोला : " मै तूझे अच्छे से जानता हूँ , तू मेरा कुछ नही कर सकता, बल्कि तू तो  किसी का भी कुछ नही कर सकता, तू राजेन्द्र की औलाद जरूर है पर डरपोक है डरता है दुसरो को मारने से, तो तू क्या कर लेंगा  हमारा ?  " 

लड़के ने इधर उधर चलके उस जमींन मे पडे़ आदमी को देखकर  कहा : " शेर जंगल का राजा होता है और राजा के सामने बैठने का हक किसी का नही है और तूझ जैसे चुहे को तो मै यूही मसल दूं " 

वो उसके पास जमींन मे बैठा और उसका मू पिचकाने लगा  । सब उसे रोकने बडे़ पर उसने पीछे  देखकर अपनी जलती नीली आँखों से उन सबको जो देखा , वैसे ही उनके शरीर मे कपकपी सी दौड़ गई  और वो दो कदम पीछे  हट गए । 

" मेरी इजाजत के बिना तू यहा से हिलेगा भी नही " लड़का  बोला और खडा़ हो गया ।

" चल तूझे जहन्नूम की शैर करवाता हूँ " लड़के ने कहा ।

ये कहकर वो पलटा और सबको बेरहम मौत देने लगा । वो मार ही रहा था तबतक उस लड़के  के पीछे  से एक आदमी ने उसपर चाकू से वार किया । उसने जिस इंसान को अपने हाथ मे पकडा़ था । आगे से चार पांच लोग आ रहे थे । उसने एक दम से उस पकडे़ हुए आदमी को जान से मारकर उन सबके  ऊपर फेंक दिया । वो सब पीछे  हटे और वो लड़का दहाड़ते हुए पीछे  पलटकर उस चाकू मारने वाले को घूरने लगा । 

वो चीखा : " आआआआआअ ... " 

उस इंसान के हाथ से चाकू छुट गया और  वो डर से पीछे  होने लगा । 

" क्यों डर गए ? वो भी एक बच्चे से " लड़के ने व्यंग्य से पूछा ।

फिर वो घूर्राते हुए आगे बोला : " शेर के एक ही दहाड़ से पूरा जंगल कांप उठता है , ( वो चिल्लाया और आवाजे गुंजने लगी ) कांच का टूकडा़ जिससे वो बेरहमी से सबको मार रहा था वो उसे ऊपर करके बोला : " देखा , पूरा घर   मेरी आवाज से गुंज उठा और तू पीठ पीछे  वार कर रहा है , आ ( उसने अने हाथ फैलाकर कहा  ) मार.. मार ना अब मार सामने से वार कर " 

पर वहा पर सब थर्र थर्र कांप रहे थे  और वो आदमी भी पीछे  होता गया ।

लड़के ने देखा की वो पीछे हो रहा है तो वो  बोला : " देख तू नही आएगा तो मै आऊंगा " 

उस आदमी ने हिम्मत करके चाकू उठाया और आगे बडा़ । इससे पहले वो मार पाता । लड़के ने कांच के टूकडे़ से उसकी गर्दन पर वार कर दिया  और वो आदमी बेसाहरा होकर जमींन मे जा गिरा । खून के छींटे वो गैंग  लीडर जो मौका देखकर  सोफे मे बैठने लगा था उसके मू मे और उसका साथी जो जमींन मे बैठा था उनके ऊपर जा गिरे , दोनों  कापंने लगे और जमींन मे बैठ गए  । वो पंद्रह साल का लड़का लोगो को ऐसे बेहरमी से मार था जैसे उसके पास दिल ही नही हो । 

लड़के ने गैंग लीडर को देखकर कहा : " तू अपने आदमियों को पीठ पीछे वार करना भी सीखाता था क्या ? ( व्यंग्य से )  ये किसकी निशानी है ये तो पता ही होंगा तूझे " 

वो गैंग लीडर उस लड़के का ये रूप देखकर हैरान रह गया और वो अभी भी सदमे मे था । उस लड़के ने कुछ नही देखा बस लोगो को मारता रहा । वहा लाश का ढेर लग गया था और अगर उन लाशो को कोई देख लेता तो ऊलटी करने से खुदको रोक नही पाता । किसी की  एक आँख नही थी , किसीका हाथ तो किसी के मू से खून निकल रहा था  तो कोई तड़प रहा था ।

वो उन सबको घूरते हुए बोला : " आओ और किसी को अपनी मौत से मुलाकात करनी है " 

बाकी  सब बचे हुए  लोगो ने अपनी जान बचाना ही बहतर समझा । जो सब  अभी अपना सीना चौडा़ करके खडे़ थे ये सोचकर की वो सब इस लड़के को यू चुटकी मे मसल देंगे, वो अभी इस लड़के से डरकर अपनी जान बचाकर  बाहर भाग गए वो भी अपने मालिक को अकेला छोड़ ।

उसने सोफे के पास पडे़ गैंग  लीडर  को देखकर कहा : " ऐसी भगोडे़ लोग लेकर आया था जो अपने मालिक के लिए अपनी जान भी नही दे सकते  ( फिर उसने तंज कसते हुए आगे  कहा ), क्यों कोई मर्द नही मिला क्या ?" 

उसने वो कांच इतना कसकर  पकडा़ था की उसके खुदके हाथो से खून निकलने लगा । उसने वो नीचे फेंक दिया और वहा पर जो लाशे थी उन्हें हटाकर  घुटने के बल बैठ गया । वो  अपने सर पर हाथ फेरकर और इधर उधर देखकर हल्की हल्की चीख के साथ  आहे भरने लगा । फिर एक दम से जोर से उपर देखकर चीख गया । कुछ देर चीखने के बाद वो खडा़ हुआ और सोफे मे बैठकर जमींन को घूरने लगा ।

" इधर आओ " वो दांत किटकिटाते हुए  बोला और दोनों आदमी चुपचाप उसके सामने घुटने के बल बैठकर अपनी जिदंगी की भीख मांगने लगे ।

" ऐ रहम कर , रहम कर दे , हमे वो कुर्सी नही चाहिए तू लेले , हम तेरे गुलाम बन जाएगे " वो दोनों गिड़गिडा़ते हुए बोले । 

लड़का जोर जोर से हसँने लगा ।

फिर उसने उस गैंग लीडर को देखकर कहा : " अब कौन है कायर ?कौन कायर की तरहा अपनी जान की भीख मांग रहा है मुझसे " 

उस आदमी ने सोचा अभी शान नही बल्कि जान की फिक्र करनी है इसलिए उसने रोते हुए कहा : " नही  नही तू कायर नही है ( उसने अपने सीने मे इशारा कर और अपने आप को मारकर कहा ) मै.. मै हूँ कायर प्लीज.. प्लीज छोड़ दे  मुझे " 

" तो तूझे तेरी जान चाहिए भीख मे "  उस लड़के ने उस आदमी को देखकर पूछा ।

" प्लीज मुझे मत मारो , मेरे बीवी बच्चे है " वो गैंग  लीडर गिड़गिडा़ते हुए बोला ।

लड़के ने उसे  घूरते हुए कहा : " जिसे तूने मारा क्या उसके बच्चे नही थे ?" 

वो हाथ जोड़कर अपनी जान की भीख मांगते हुए बोला : " प्लीज माफ कर दे , आइंदा मै ऐसा नही करूंगा " 

" जोर से बोल " लड़का जमींन को घूरकर बोला ।

उस आदमी ने अपनी बात को दोबारा  जोर से कहा । 

" आवाज नही आई " लड़के ने उसी अंदाज मे कहा ।

दोनों चीख चीखकर बोलने लगे और उसके पैरो के पास जा गिरे , " प्लीज , प्लीज माफ कर दे , मत मार हमे " 

लड़का जोर जोर से हसँते हुए बोला : " तुम्हारी चीखे मेरे दिल को सुकून पहुंचा रही है , मेरे दिल को ठंडक पहुंचा रही है , और जोर से चिल्लाओ " 

वो  दोनों इस बार ऐसे चिल्लाए की पूरा बंगला गुंज उठा ।

"आहहहहह... " लड़का  आराम से आँखें बंद करके  उन चिल्लाहतो को महसूस करके बोला जैसे ये आवाजे उसे बहुत सुकून दे रही थी । 

" अब तो हमे छोड़ देंगा " उस आदमी ने हकलाकर पूछा ।

तो उस लड़के ने अपनी आँखें खोली और उन दोनों का सर सहलाने लगा । वो नजरे झुकाए , उसी अवस्था मे थे । 

" ये चीखे मुझे हर रोज सुनाई देनी चाहिए , यही मेरा सुकून बन गई है , चिल्लाओगे न " लड़का ये बोलकर  अभी भी उनके बाल सहलाए जा रहा था । दोनों ने बुरी तरहा रोकर हा मे सर हिलाया । 

" तो रूक क्यों गए ? चिल्लाओ " वो उन दोनों के बालो को नोचकर बोला । 

पूरे बंगले मे आवाजे गुंजने लगी और वो आँखें बंद करके सुकून भरने लगा । 

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ये सब सुनकर सबकी आँखें हैरानी से फैल गई । अनवर अरमान सब हैरानी से उस लड़के को देखने लगे । अनवर आगे बैठा और पीछे अरमान  ड्राइवर ने गाडी़ शुरू की और गाडी़ रोड मे निकल गई  । लड़के के  चेहरे और कपडो़ मे अभी भी खून लगा था । खुलेआम वो खिड़की से बाहर बंदूक लिए बैठा  था ।
लड़का  साफ साफ  बाहर के लोगो के डरे हुए चेहरे को देख रहा था  पर किसी मे इतना दम नही था की वो कुछ कह सके , सिगनल आया, वहा पर गाडी़ रूकी । 

" यहा से लेफ्ट नही राइट लेना "  लड़के ने सर्द सी आँखो से कहा ।

अनवर , अरमान दोनों कन्फ्यूज्न से उसे  देखने लगे ।

अनवर के मन मे जो सवाल था, उसने अपना सवाल किया  : " पर सब हमारा इंतजार कर रहे है , अगर हम नही गए तो कुर्सी मे  कोई और बैठ जाएगा "

" किसी की इतनी औकात नही की वो उसमे बैठ सके , जो मैने कहा वो करो " लड़के ने रूड टोन मे कहा  ।

अनवर ने ड्राइवर को इशारा किया और उसने गाडी़ मोड़ दी । कुछ देर बाद  वो एक बस्ती मे पहुंचे । उबड़ खाबड़ रास्ते , घरो मे टिन  से छप्पर लगाए थे और वहा पर बस्ती के लोग पूराने कपडो़ मे थे । कुछ बच्चे आपस मे झगड़ रहे थे । 

गाड़ी रूकी, लड़का  उतरा । सबकी नजर गाड़ी की आवाज की डारेक्शन मे गई । उन्होंने उस लड़के को देखा   तो सब "छोटे साहब आ गए " ये कहकर उसके पास आए । एक आदमी ने लकडी़ से बना फुट्टा उसके पीछे  रखा और लड़का  आराम से उसमे बैठ गया । एक आदमी  ने उसके पैर के नीचे एक पत्थर रखा और लड़के ने  अपने पैर उस पत्थर पर रख दिए ।

" असलम " वो बोला और एक उसी की उम्र का लड़का आगे आया और उसके आगे सिगरेट खोली । उसने एक सिगरेट ली और अपने मू मे दबा दी ।

अनवर ने लाइटर से वो सिगरेट जलाई और उस लड़के ने सिगरेट की एक गश लेकर कहा : " जिसको तुम सब ढूंढ़ रहे हो , वो नही आएगे " 

वहा पर सब उसके पीछे  देख रहे थे । जब सबने ये सुना तो वो एक तक उसे देखने लगे, अनवर ने उन्हे  सब कुछ बताया तो सब हैरान रह गए । असलम और वहा पर कई सारे बच्चे उस लड़के को देख रहे थे । कुछ उसकी उम्र के थे  तो कोई उससे छोटे थे ।

लड़के  ने उन सबको देखा और अपनी बात रखते हुए कहा  : " क्या तुम सब मेरे साथ चलने को तैयार हो ? " 

असलम  के साथ बाकी सब बच्चों ने भी हा कहा । उसने सिगरेट नीचे फेंक दी और पैरो से रौंदकर बोला  : " अब हमारे राज करने का वक्त आ गया है "

 ये कहकर लड़का  पलटकर गाडी़ मे बैठ गया और बाकी सब भी एक बडी़ सी बस मे बैठे । सबके हाथ मे हथियार थे और वो निकल गए जुर्म के रास्ते मे पूरे शहर मे अपना राज , डर और डर फैलाने ।

हर हर महादेव ।