Marriage Deal - Ek Anokha Rishta - 7 in Hindi Love Stories by Sony books and stories PDF | मैरेज़ डील - एक अनोखा रिश्ता - 7

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मैरेज़ डील - एक अनोखा रिश्ता - 7

after 5 months......मुंबई , जुहू .....राजवीर का घर...

अपने बेड रूम में गहरी नींद में सोए हुए राजवीर कुछ बडबडा रहा था।"मामा... के पास रहना हे...... मम्मा....खून... मम्मा उठो..."ऐसे ही कुछ अधूरे शब्दों को बडबडा ते हुए, वो बैचेन हुए जा रहा था। जेसे कोई बच्चा कोई डरावनी चीज देख ते हुए डर रहा हो।

" मम्मा".... चिल्ला ते हुए वो उठ के बैठ जाता हे। चेहरा पसीने से लतपत , धडकने बढ़ी हुई।..... एक गहरी सांस लेते हुए वो  खुद को नार्मल कर ने की कोशिश कर ता हे।

"क्या हुआ डार्लिंग????""बगल में बीना कपड़ों के बस एक चादर में अधि अधूरी लिपटी हुई एक लड़की की नींद और नसे भरो सेक्सी आवाज सुन, वोह एक नजर उसके ऊपर डाल कर... अपने नजर फेर लेता हे।वो खूबसूरत सी सेक्सी लडकी भी जेसे उसके आदतों से वाकिफ थी। बीना कुछ रिएक्शन वो भी सो जाति हे।

राजवीर साइड के टेबल पर रखी हुई अपनी मोबाइल उठाते हुए उसे चैक करने लग ता हे।अभि सुबह के ६ बजे थे ,और........ Mrs संध्या राठौड़ के ८ मिस कॉल्स और एक मैसेज थी। उसने कॉल पे तब्जू ना देते हुए... मैसेज ओपन किया।

"पता हे कॉल रिसीव नहीं करोगे, फीर भी हर साल की तरह इस साल भी एक आस लिए, कॉल कर रही हूं। happy birthday day beta ।.... गुजरे हर साल की तरह इस साल भी बस एक ही दुआ  है... आज  तुझे तेरे हर दर्द की दबा मिल जाए।"

मैसेज पढ़ कर, बीना किसी रिएक्शन दिए हाथ में फोन पकड़े,वो बाल्कनी के तरफ चला गया।राजबीर के बालकनी से समन्दर की व्यू बेहद साफ और खूबसूरत थी। हाथ में एक सिगरेट पकड़े वहीं खड़ा समन्दर को ताक ने लगा।.........

मोबाइल के रिंग से उसका ध्यान टूटा। अननोन नंबर देख, रिसीव कर हेलो बोल ते हुए वो वहीं बाल्कनी में पड़े हुए सोफे पर ही लेट गया।

"हैप्पी बर्थ डे"। अचानक किसी अननोन नंबर से अपने लिए विश सुन राजवीर गुस्से के साथ साथ शॉक्ड भी रहे गया। उसके जानने बालो में इतनी हिम्मत नहीं थी के उसे कोई बर्थ डे विश करे ..... और किसी अननोन इनसान को सायद ही पता था के आज उसका बर्थ डे हे।

"Who इस इट????"राजबीर ने सर्द आवाज में पूछा पूछा।

एक बेहद सॉफ्ट आवाज से दूसरे तरफ की सक्स ने कहा...."अगर उस दिन मेरे जिस्म के साथ मेरे आवाज को भी महसूस कर ने की कोशिश किया होता.... तो आज ये सवाल पूछ ना नहीं पड़ता।..... माई डियर हसबैंड।"

ये सुन राजबीर जो लेटा हुआ था... अचानक उठकर बैठ गया। इन ५ महीनो में नहि मेहेक के बारेमे उसने कभी पता करनेकी कोसिस की और नाही मेहेक ने उस से कॉन्टेक्  किया था। वो कुछ शॉक्ड तो हुआ... फीर भी, नार्मल अंदाज से  बोला...

"पांच महीने हो गए हे... राठोड़ बिल्ला में तुम्हे किसीने बताया नेहीं के...किसकी हिम्मत नहीं के मुझे आज बर्थ डे विश करे।"

मेहेक बोली....."बताया था... मम्मा ने भी और दादू ने भी।"राजबीर सिगरेट का धुआं छोड़ ते हुए बोला...."फिर भी विश कर रही हो.... माननी पड़ेगी तुम्हारे हिम्मत को।"

मेहेक बोली......"राजबीर राठौड़ की पत्नि हूं... हिम्मत तो मुझमें कूट कूट भरा हुआ है।.... और वैसे भी, हमारे शादी के बाद आप की ये पहली बर्थ डे हे, तो सोचा आप की पसंद के कोई अच्छी सी गिफ्ट दूं।"

राजवीर एक तिरछी स्माइल देते हुए बोला...."अगर तुम्हरा ये हसबेंड वाइफ वाला  गेम खतम हो गया हो तो बर्थ डे गिफ्ट में मुझे .... डाइवोर्स पेपर्स साइन कर देदो "।

मेहेक एक मजाकिया  स्माइल लिए बोलि....." आप ने बचपन में वो कहानी नहीं सूने...एक बूढ़ी औरत और सोने के अंडे देने वाली मुर्गी की कहानी।"

"तो में तुम्हारे लिए वो सोने के अंडे देने वाला मुर्गा हूं.... और तुम वो औरत..राइट।"....राजबीर एक सवालिया अंदाज से मुसकुराते हुए पूछा।

"बिल्कुल डियर हसबेंड... आप मेरे लिये वो मुर्गे तो हो लेकीन में उस औरत जेसी बिल्कुल नहीं हूं.... जो एक ही बार में आप को हलाल कर दूं।"

ये सुन राजवीर कुछ मुस्कुराहट के साथ तीखे लफ्जों में केहेता हे..."बस...५ ही महीने...my dear wife..

फिर थोड़ा मजाकिया अंदाज में बेचारगी के लहजे में बोला..."तुम ने तो मुझे निराश कर दिया। मुझे तो लगा था तुम्हरा ये सती सावित्री बन ने का नाटक कुछ दिन और चलेगा ,... लेकीन अफसोस... तुम तो बस पांच महीने में ही बोर हो गईं और अपनी सच्चाई जाहिर कर दी।"

ये सुन ते हुए मेहेक जोर जोर से हस ने लगी... उस हसी में कुछ तो था जो राजबीर समझ नहीं पाया, पर खुद को असहज महसूस कर ने लागा। और चीड़ ते हुए बोला....."डोंट वेस्ट माई टाइम.... अगर हमारे बीच अब कोई पर्दा नहीं हे, और इस शादी को लेकर तुम्हारो नियत भी बिल कुल साफ हो चुकी है तो, साफ साफ बोलो डाइवोर्स पेपर्स पर साइन करने केलिए क्या लोगी।"

कुछ वक्त केलिए दुसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आई।

"हेलो....हेलो..." खामोशी को तोड़ ते हुए राजवीर बोला।

"यहीं हूं.. डियर हसबेंड.. बस सोच रही हूं के एसा क्या मांगू जो आप से भी ज्यादा कीमती हो मेरे लिए।"

ये सुन राजबीर मजाक उड़ाते हुए बोला..."अच्छा.. तो सोचलिया?? मुझ से ज़्यादा कीमती क्या हे???"

थोड़ा रुक ते हुए मेहेक बेहद धीमी आवाज में बोली...."मेरी सेल्फ रिस्पेक्ट..... जिस की आप ने धाजिया उड़ादी हे।"

फिर थोड़ा गहरी सांस लेते हुए सहमी हुई बोली..."आप तो ये सोच भी नहीं सकते के, उस लकड़ी के ऊपर क्या बेती होगी..... जिस के पति ने बीना उसके सकल दिखे उसके साथ एक रात बिताया, और सुबह उसके उठ ने से पहले ही उसके हाथों में डाइवोर्स पेपर्स थमाकर चला गला।"

ये सुन राजबीर कुछ पलों केलिए खामोश हो गया। फीर कुछ बोल ने ही वाला था के दूसरे तरफ से मेहेक एक गहरी सांस लिए बोली..."जब आप का दीया गया वो दर्द में आप को सुध समेत लौटा दूंगी,आप के बीना मांगे ही में डायबोर्स पेपर्स पर साइन कर दूंगी। और आप को बीना कुछ बोले ही आप के ज़िंदगी से चली जाउंगी........ जेसे आप गए थे।"थोड़ा खामोश होते हुए वो फिर बोली....."जस्ट वैट एंड वॉच मिस्टर हसबेंड।"

इतना बोल उसने फोन कट कर दिया।

यूसी दिन सुबह १० बजे ..

राजबीर का ऑफिस

राजवीर अपने ऑफिस में एक कपल के साथ उनके वैडिंग प्लान कर ने में बिजी था। साइड में अमन बैठे उसके पॉइंट्स नोट कर रहा था। बिल्कुल उसके सेक्रेटरी के तरह।सकल में बारा बजे हुए थे, और बीच बीच में गुस्से से राजवीर को घूर रहा था।......... पर राजवीर के चेहरे में कोई भाव नेहीं थे।वो बेहद इत्मीनान से क्लाइंट के साथ बिजी था।इस बात से बेखबर के कोई तूफान की  तेजी से उसके उस बेजान दिल में दस्तक देने बाली हे। जिसके बाद शायद बहत कुछ...... या फीर सब कुछ बदल ले बाला था.... उसके जिन्दगी में।               


To be continued 

क्या मेहेक राजबीर को तलाक देगी??कोन है जो राजवीर के जिन्दगी में दाखिल होने वालो हे???