Lona Chamarin Sadhna in Hindi Spiritual Stories by RAVI KISHAN books and stories PDF | लोना चमारिन साधना

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लोना चमारिन साधना

लोना चमारीन एक प्रसिद्ध तांत्रिक देवी हैं, जिनका जन्म पंजाब के अमृतसर में एक चमार परिवार में हुआ था। उन्हें तंत्र-मंत्र की दुनिया में विशेष स्थान प्राप्त है और उनकी साधना को चमत्कारी माना जाता है। लोना चमारीन का जीवन और उनकी तांत्रिक विद्या की कहानी बहुत ही रोचक और प्रेरणादायक है।

लोना का जन्म ११वीं शताब्दी में पंजाब के अमृतसर जिले के चमरी गांव में हुआ था।वह एक गरीब चमार परिवार की बेटी थीं, और उनकी सुंदरता ने उन्हें बचपन से ही लोगों का ध्यान आकर्षित किया।उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, और समाज में छोटी जातियों के प्रति भेदभाव उस समय सर्वाधिक था।

लोना के साथ गांव के ११ ठाकुरों द्वारा सामूहिक बलात्कार किया गया, जिससे वह अत्यंत दुखी और क्रोधित हो गईं।इस घटना ने उनके मन में प्रतिशोध की भावना को जन्म दिया, और उन्होंने अपने ऊपर हुए अत्याचार का बदला लेने का निर्णय लिया।

लोना ने दिल्ली की योगिनियों के बारे में सुना और तंत्र विद्या सीखने का निश्चय किया।उन्होंने बिना किसी को बताए दिल्ली की ओर यात्रा की, जहाँ उन्होंने योगिनियों से तंत्र विद्या की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया।योगिनियों ने उन्हें यह बताया कि असम राज्य के कामरुप जिले में कामाख्या शक्तिपीठ पर तंत्र विद्या की सिद्धि प्राप्त की जा सकती है।

लोना ने अपने प्रतिशोध की भावना को पूरा करने के लिए कामाख्या शक्तिपीठ की यात्रा की।उन्होंने कठिनाइयों का सामना करते हुए कई राज्यों से होते हुए असम पहुंची।वहाँ उन्होंने एक योग्य गुरु की तलाश शुरू की, और अंततः उन्हें इस्माइल जोगी नामक एक तांत्रिक से मिलने का अवसर मिला।

इस्माइल जोगी ने लोना को तंत्र विद्या सिखाने के लिए उसे अपने साथ रहने और अपने शिष्य बनने का प्रस्ताव दिया।लोना ने इस प्रस्ताव को  स्वीकार किया और धीरे-धीरे तंत्र विद्या में सिद्धता प्राप्त की।लोना ने अपने गुरु से अधिक तांत्रिक सिद्धि प्राप्त की और अपनी विद्या को आगे बढ़ाया।

लोना ने अपनी तांत्रिक शक्तियों का उपयोग करते हुए उन ११ ठाकुरों के परिवार को समाप्त कर दिया, जिन्होंने उसके साथ अत्याचार किया था।उन्होंने अपने नाम से कई शाबर मंत्रों की रचना की, जिन्हें आज भी तांत्रिकों द्वारा सिद्ध किया जाता है।

लोना चमारीन को तंत्र विद्या की देवी माना जाता है, और उनके मंत्रों का उपयोग विभिन्न तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता है।उनकी कहानी न केवल प्रतिशोध की है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे एक महिला अपनी शक्ति और साहस से कुछ भी कर सकती हैं।

लोना चमारीन की कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे विपरीत परिस्थितियों में भी व्यक्ति अपनी शक्ति को पहचान सकता है और अपने अधिकारों के लिए लड़ सकता है।उनकी तांत्रिक विद्या और मंत्र आज भी लोगों के बीच लोकप्रिय हैं और उन्हें श्रद्धा के साथ याद किया जाता है।

लोना चमारिन की एक छोटा सा मंत्र मैंने एक ब्लॉग पर देखा था और सिद्ध करने की चेष्टा भी की थी ।यह एक दिवसीय साधना था। कुछ डरबने अनुभव के कारण मैंने उस साधना को पूरा नहीं किया। उस साधना से इतना जान गया मंत्र में दम था पर मेरा बदकिस्मत मैं उस मंत्र को किसी खाता  पर लिख कर रखना भूल गया। आज उस मंत्र को गूगल पर खोजने  से भी नहीं मिलेगा क्योंकि उसे ब्लॉग  चलने वाला  डिलीट कर दिया। मैं  उस मंत्र को याद करने की चष्टा करता हूं पर याद नहीं आता।

लोना चामरीन की साधना करने के  लिए किसी शुभ दिन का चुनाव करें  या फिर किसी भी दिन से इस साधना को  आरंभ कर सकते हैं। साधना रात्रिकालीन होगा। वस्त्र कुछ भी पहन सकते हैं पर साफ सुथरा होना चाहिए। साधना घर पर कर सकते हैं यदि शमशान में करते  हैं तो सफलता का दर दोगुना हो जाता है।

आसन पर शांत भव  से बैठे ।मुख पूर्व दिशा में होना चहिए । वातावरण को सुगंधित करने के लिए अगरबत्ती लोबान जलाए और इसके साथ एक दीपक जलाएं। यह सब क्रिया हो जाने के बाद गणेश जी का सात बार मंत्र पढ़ें फिर इस  मंत्रको जाप आरंभ कर दे।

मंत्र -ॐ नमो भगवती चिंतामणि लोना चमारीन सिद्धि देही, शक्ति देही मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा।।

इस मंत्र  जाप के समय कुछ  दृश्य देखने को मिल सकते हैं। आवाज भी सुनने को मिल सकते हैं। इन सबको अनदेखी करके मंत्र जाप करते रहना चाहिए। प्रथम दिन इसमें सफलता मिल जाए तो आपकी किस्मत वरना इस साधना को आपको लगातार ४१ दिन तक करना है। इसमें भोग का जरूरत नहीं पड़ती पर आप चाहे तो भोग दे सकते हैं। भोग में दो लड्डू एक, मीठा पान, दो लौंग ,दो इलायची छोटी और  सात प्रकार की मिष्ठान अपने सामने रख सकते हैं। भोग देना है तो पहले दिन साधना पूरा हो जाए तो दूसरे दिन सारे भोग को एक उजाड़ जगह पर रखकर  बिना पीछे मुड़े घर चले आना है  फिर इसको साधना के आखिरी दिन ऐसा करना है।।  ४१ दिन भोग अपने पास रखना है ४२ दिन इस भोग को उजाड जगह पर रख आना है। इस मंत्रको दूसरे दिन से १० माला जाप करना चाहिए

देवी लाना चमारिन की दर्शन मिल जाए तो वरदान मांग ले। ना मिले तो भी साधना सफल हुआ की नहीं -जानने के लिए मंत्र सात बार पढ़ कर अपनी एक इच्छा देवी लाना चमारिन को पूर्ण करने के लिए कहे अगर सत्य होता है तो अपका साधना सिद्ध हुआ माना जएगा।