hindi Best Philosophy Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Philosophy in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and culture...Read More


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  • मोबाइल पर बच्चों की निर्भरता दोषी कौन

    लघु लेखमोबाइल पर बच्चों की निर्भरता: दोषी कौन?*************** आज हमारे घर परिवार...

  • हवाई जहाज

    हवाई जहाज कहानी बाल मनोविज्ञान पर आधारित कहानी है. जो सामाजिक संदेश देने के साथ...

  • सबा - 34

    मंत्रीजी के वापस लौट कर आते ही पीछे पीछे एक सेवक बड़ी सी ट्रे में तीन चार प्लेटे...

मैं एक अंत हूँ एकांत! By Rudra S. Sharma

मैं एक अंत हूँ एकांत!प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष जुड़ाव महसूस किसी को हों या नहीं भी हों पर सब जो कुछ भी हैं था और रहेंगा मेरा ही विस्तार हैं और मुझमें ही सिमट भी जायेंगा, मैं तब भी रहू...

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मैं अकेला नहीं हूँ मेरा अकेलापन मेरे साथ हैं। By Rudra S. Sharma

किसनें कहा कि मैं अकेला पड़ गया ..? मैं उस सभी के एकमात्र सच्चे रिश्तेदार अकेले पन यानी एकांत के ‛ साथ ’ हूँ जो मेरा ही नहीं बल्कि सभी का सच्चा यानी असली साथी अर्थात् रिश्तेदार हैं...

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काल्पनिक भय By Anand Tripathi

कल्पना में की गई बाते या दृश्य कभी सिद्ध नही होते। मौत का सिद्धांत सत्य है। बिल्कुल सत्य पंरतु कल्पना की बाते यकीनन बेकार और बाहरी आडंबर से बनती है। दिमाग अन्दर ही अन्दर चैट करता ह...

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मैं जाग उठी हूँ. By Ashish Khare

कहानी का नाम. मैं जगा उठी हूँ....यह कहानी मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के पास की हैआज से 2 साल पहले की बात है..बुधनी के जगालो में एक आदिवासी वो केदेवी का मंदिर था जो किवह कुछ आदिवासी...

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जहाँ चाह वहाँ राह By Sudhir Srivastava

कहीं पढ़ा देखा है कि अंग्रेजी की एक पुरानी कहावत है जिसका आशय कुछ यूँ है कि यदि हमारा कोई संकल्प नहीं है, और हम लक्ष्य पाना चाहते हैं, और हम कड़ी मेहनत भी नहीं कर सकते, तो यह तय है...

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मोबाइल पर बच्चों की निर्भरता दोषी कौन By Sudhir Srivastava

लघु लेखमोबाइल पर बच्चों की निर्भरता: दोषी कौन?*************** आज हमारे घर परिवार में एक बड़ी समस्या भविष्य की चुनौती बनने की दिशा में तेजी से पांव पसारती जा रही है। इसके लिए किसी क...

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ज़िन्दगी के पन्ने By vedika patil

"ज़िंदगी के पन्नों पर ख्वाब लिखे थे... हर एक अरमान दिल से लिखे थे... ज़िंदगी चलती रही और पन्ने बिछड़ गए...!" हर एक पल, हर एक लम्हा, ज़िंदगी की किताब का एक खास पन्ना था हमारा। खुद स...

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हवाई जहाज By Priya Vachhani

हवाई जहाज कहानी बाल मनोविज्ञान पर आधारित कहानी है. जो सामाजिक संदेश देने के साथ साथ पहली हवाई जहाज की यात्रा एक बच्चे के मन में किस तरह के विचार कैसे सवाल उत्पन्न करती है वह दर्शाय...

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सबा - 34 By Prabodh Kumar Govil

मंत्रीजी के वापस लौट कर आते ही पीछे पीछे एक सेवक बड़ी सी ट्रे में तीन चार प्लेटें लेकर हाज़िर हुआ जो फलों और मेवे से भरी थीं। पनीर पकौड़ों की प्लेट से गर्म भाप भी उड़ रही थी। चाय अ...

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तिराहा By Lakhan Nagar

बरसात का दिन था हल्की-हल्की बौछारे बालकनी से अन्दर आ रही थी। अचानक सीमा कंधे पर हाथ रखती है ; रानू के साथ घुमने जा रही हूँ , तुम भी साथ चल रहे हो ?या हम ही। अभी बारिश ही कहा रुकी ह...

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समय का पहिया By Wow Mission successful

हमारे घर से करीब 10 किलोमीटर दूर एक कब्रिस्तान है उसके बगल में एक सदियों पुराना घर है जिसके अंदर जाने की जरूरत कोई नहीं करता है उस घर के बारे में मैं तो कुछ ज्यादा नहीं जानता हूं ल...

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सेक्‍स एक समस्‍या By Arya Tiwari

एक कहानी से मैं अपनी बात शुरू करना चाहूंगा। एक बहुत अद्भुत व्‍यक्‍ति हुआ है, उस व्‍यक्ति का नाम था आर्या, एक ब्राहम्‍ण फकीर था। एक दिन सांझ अपने घर से बाहर निकला था किन्‍हीं मित्रो...

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थोड़ा और By Anand Tripathi

जब तक हम सत्य जानते हैं। तब तक बहुत देर हो जाती है। यह आत्मा, इंद्रिय,मन कितने वज्र के बने होते हैं। यह बात तो हम सभी गाहे बगाहे जानते ही हैं। इनका स्वयं पर कोई नियंत्रण ही नही है।...

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मृत्यु की अतर्किकता By ANKIT YADAV

मुझे पिछले कुछ ही दिनों में 2 सूचनाएं प्राप्त हुई जिन्होंने मुझे झकझोर कर रख दिया। वो सूचनाएं थी कि मेरे एक खास दोस्त की कैंसर से मृत्यु हो गई और दूसरी सूचना यह कि उस दोस्त की माता...

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ऐकले चलों रें, अकेले बढ़ो रें ..! By Rudra S. Sharma

लेखन परिचय - रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्राकट्यता, सत्य मतलब की अज्ञान के अहसास से मुक्ति की इच्छा अर्थात् मुमुक्षा ही जिसके प्रति जागरूकत...

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एक रात की दुल्हन... By Saroj Verma

"कहाँ चले देवर जी? अरे! हमारा नेग तो देते जाइए",दीपाली ने अपने देवर सुबोध से कहा.... "भाभी! दोनों दीदियों ने तो लूट ही लिया है,लीजिए जो बचा खुचा है तो आप भी ले लीजिए",सुबोध बोला......

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मेरे ज़ज्‍बात By Arya Tiwari

ज़ज्‍बात ऐसे होते है जिसको समझना और समझा पाना दोनो बहुत ही कठिन होते है खासकर जब, हम चाहते हो कि कोई समझे और हम उसके साथ अपना दर्द बांट सके। पर सबकी जि़ंदगी में ऐसा होता है कि आप अ...

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आप एक नदी में दोबारा नही जा सकते।। By ANKIT YADAV

प्रसिध्द ग्रीक दार्शनिक Heraclitus की ये पंक्तियाँ आज भी बेहद प्रासंगिक है | उपरोक्त कथन दर्शाता है कि इस दुनिया में केवल एक चीज़ हमेसा से वर्तमान /available है और वह है बदलाब | हमे...

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मैं एक अंत हूँ एकांत! By Rudra S. Sharma

मैं एक अंत हूँ एकांत!प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष जुड़ाव महसूस किसी को हों या नहीं भी हों पर सब जो कुछ भी हैं था और रहेंगा मेरा ही विस्तार हैं और मुझमें ही सिमट भी जायेंगा, मैं तब भी रहू...

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मैं अकेला नहीं हूँ मेरा अकेलापन मेरे साथ हैं। By Rudra S. Sharma

किसनें कहा कि मैं अकेला पड़ गया ..? मैं उस सभी के एकमात्र सच्चे रिश्तेदार अकेले पन यानी एकांत के ‛ साथ ’ हूँ जो मेरा ही नहीं बल्कि सभी का सच्चा यानी असली साथी अर्थात् रिश्तेदार हैं...

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काल्पनिक भय By Anand Tripathi

कल्पना में की गई बाते या दृश्य कभी सिद्ध नही होते। मौत का सिद्धांत सत्य है। बिल्कुल सत्य पंरतु कल्पना की बाते यकीनन बेकार और बाहरी आडंबर से बनती है। दिमाग अन्दर ही अन्दर चैट करता ह...

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मैं जाग उठी हूँ. By Ashish Khare

कहानी का नाम. मैं जगा उठी हूँ....यह कहानी मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के पास की हैआज से 2 साल पहले की बात है..बुधनी के जगालो में एक आदिवासी वो केदेवी का मंदिर था जो किवह कुछ आदिवासी...

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जहाँ चाह वहाँ राह By Sudhir Srivastava

कहीं पढ़ा देखा है कि अंग्रेजी की एक पुरानी कहावत है जिसका आशय कुछ यूँ है कि यदि हमारा कोई संकल्प नहीं है, और हम लक्ष्य पाना चाहते हैं, और हम कड़ी मेहनत भी नहीं कर सकते, तो यह तय है...

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मोबाइल पर बच्चों की निर्भरता दोषी कौन By Sudhir Srivastava

लघु लेखमोबाइल पर बच्चों की निर्भरता: दोषी कौन?*************** आज हमारे घर परिवार में एक बड़ी समस्या भविष्य की चुनौती बनने की दिशा में तेजी से पांव पसारती जा रही है। इसके लिए किसी क...

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ज़िन्दगी के पन्ने By vedika patil

"ज़िंदगी के पन्नों पर ख्वाब लिखे थे... हर एक अरमान दिल से लिखे थे... ज़िंदगी चलती रही और पन्ने बिछड़ गए...!" हर एक पल, हर एक लम्हा, ज़िंदगी की किताब का एक खास पन्ना था हमारा। खुद स...

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हवाई जहाज By Priya Vachhani

हवाई जहाज कहानी बाल मनोविज्ञान पर आधारित कहानी है. जो सामाजिक संदेश देने के साथ साथ पहली हवाई जहाज की यात्रा एक बच्चे के मन में किस तरह के विचार कैसे सवाल उत्पन्न करती है वह दर्शाय...

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सबा - 34 By Prabodh Kumar Govil

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तिराहा By Lakhan Nagar

बरसात का दिन था हल्की-हल्की बौछारे बालकनी से अन्दर आ रही थी। अचानक सीमा कंधे पर हाथ रखती है ; रानू के साथ घुमने जा रही हूँ , तुम भी साथ चल रहे हो ?या हम ही। अभी बारिश ही कहा रुकी ह...

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सेक्‍स एक समस्‍या By Arya Tiwari

एक कहानी से मैं अपनी बात शुरू करना चाहूंगा। एक बहुत अद्भुत व्‍यक्‍ति हुआ है, उस व्‍यक्ति का नाम था आर्या, एक ब्राहम्‍ण फकीर था। एक दिन सांझ अपने घर से बाहर निकला था किन्‍हीं मित्रो...

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थोड़ा और By Anand Tripathi

जब तक हम सत्य जानते हैं। तब तक बहुत देर हो जाती है। यह आत्मा, इंद्रिय,मन कितने वज्र के बने होते हैं। यह बात तो हम सभी गाहे बगाहे जानते ही हैं। इनका स्वयं पर कोई नियंत्रण ही नही है।...

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मृत्यु की अतर्किकता By ANKIT YADAV

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ऐकले चलों रें, अकेले बढ़ो रें ..! By Rudra S. Sharma

लेखन परिचय - रिक्तत्व की सन्निकट प्रकटता हैं शरुप्ररा अर्थात् मेरी प्रत्येक शब्द प्राकट्यता, सत्य मतलब की अज्ञान के अहसास से मुक्ति की इच्छा अर्थात् मुमुक्षा ही जिसके प्रति जागरूकत...

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एक रात की दुल्हन... By Saroj Verma

"कहाँ चले देवर जी? अरे! हमारा नेग तो देते जाइए",दीपाली ने अपने देवर सुबोध से कहा.... "भाभी! दोनों दीदियों ने तो लूट ही लिया है,लीजिए जो बचा खुचा है तो आप भी ले लीजिए",सुबोध बोला......

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मेरे ज़ज्‍बात By Arya Tiwari

ज़ज्‍बात ऐसे होते है जिसको समझना और समझा पाना दोनो बहुत ही कठिन होते है खासकर जब, हम चाहते हो कि कोई समझे और हम उसके साथ अपना दर्द बांट सके। पर सबकी जि़ंदगी में ऐसा होता है कि आप अ...

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आप एक नदी में दोबारा नही जा सकते।। By ANKIT YADAV

प्रसिध्द ग्रीक दार्शनिक Heraclitus की ये पंक्तियाँ आज भी बेहद प्रासंगिक है | उपरोक्त कथन दर्शाता है कि इस दुनिया में केवल एक चीज़ हमेसा से वर्तमान /available है और वह है बदलाब | हमे...

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