खूबसूरत टकराव by Amreen Khan in Hindi Novels
“तुम जैसे लोग दूसरों की ज़िंदगी से खेलते हो, और सोचते हो सबकुछ ख़रीद सकते हो… लेकिन याद रखना, मैं बिकने वालों में से नही...
खूबसूरत टकराव by Amreen Khan in Hindi Novels
कबीर उठा और बाहर गया।बरामदे में खून की एक बूंद टपकी हुई थी…और वहाँ पड़ा था — वही लिफ़ाफ़ा।उसने उठाया —अंदर लिखा था,“अब स...