BAGHA AUR BHARMALI by Sagar Joshi

BAGHA AUR BHARMALI by Sagar Joshi in Hindi Novels
गाँव, किले, रेगिस्तान और पुरानी हवेलियाँ—हर जगह इन दोनों की छाप मिलती है, पर साफ़-साफ़ कुछ नहीं मिलता।कुछ बूढ़े बताते है...
BAGHA AUR BHARMALI by Sagar Joshi in Hindi Novels
Chapter 2 — रावल लूणकरण का मालदेव को उम्मादे का विवाह-प्रस्ताव भेजनासंधि के बाद किला शांत तो हो गया था, लेकिन रावल लूणकर...
BAGHA AUR BHARMALI by Sagar Joshi in Hindi Novels
Chapter 3 — विवाह में षड्यंत्र और उसके विफल होने की घटनाशादी का शुभ दिन तय हुआ, और सूरज ढलने से पहले ही मारवाड़ के राव म...
BAGHA AUR BHARMALI by Sagar Joshi in Hindi Novels
Chapter 4 — उम्मादे का जोधपुर आगमन और भारमाली का साथ जाना विवाह समाप्त होने के बाद, जैसलमेर किले में एक अनोखी खामोशी उतर...