त्रिशूलगढ़: काल का अभिशाप by Gxpii in Hindi Novels
हवा में अजीब सी घुटन थी। आसमान में बादल थे, लेकिन बिजली नहीं चमक रही थी।सिर्फ एक बेचैनी थी — जो हर दिशा से वेद को घेर रह...