मुलाक़ात - एक अनकही दास्तान by Aarti Garval in Hindi Novels
रात का दूसरा पहर था। जैसलमेर का सोनार किला चाँदनी में नहाया हुआ था, और रेगिस्तान की ठंडी हवा रेत के कणों को हल्के-हल्के...
मुलाक़ात - एक अनकही दास्तान by Aarti Garval in Hindi Novels
महोत्सव की भीड़ धीरे-धीरे छंटने लगी थी, लेकिन आदित्य की आँखों में अब भी वही छवि बसी थी—संयोगिता, मंच के बीचों-बीच खड़ी,...