Chapter 10: सफर की शुरुआत
पिछले अध्याय में:
Draxon और Kevin, Old Kaifon के साथ, DarkZael के किले में छिपे रहस्यमयी नक्शे को चुराने निकले थे।
लेकिन असली मुश्किलें तो अब शुरू होंगी…
इस सफर में उन्हें न केवल खतरनाक दुश्मनों, बल्कि अपने डर और शंकाओं से भी जूझना होगा।
क्या वे इस चुनौती भरे सफर में सफल हो पाएंगे?
आइए जानते हैं आगे…
Draxon, Kevin और Old Kaifon—तीनों अब उस सफर पर निकल चुके थे, जहाँ हर मोड़ पर अनजाना खतरा था, और हर क़दम एक नई चुनौती।
जैसे ही वे एक ऊँचे पहाड़ी मोड़ से गुज़रे, Old Kaifon ने अचानक पूछा,
"Draxon... बुज़ुर्ग ने जो सुइयाँ दी थीं — बेहोशी वाली — वो अब भी तुम्हारे पास हैं न?"
Draxon ने सिर हिलाया, "हाँ, हमने उन्हें सुरक्षित रख लिया है — हर वक्त हमारे पास हैं।"
Old Kaifon ने हल्की मुस्कान के साथ कहा,
"अच्छा किया। ऐसे सफर में छोटी-छोटी चीज़ें भी बड़ी मदद कर सकती हैं।"
Kevin, जो अब तक चुपचाप चल रहा था, अचानक उत्सुक होकर बोला,
"हम वहाँ तक कैसे पहुँचेंगे? रास्ते कैसे हैं? और DarkZael के ठिकाने में क्या होगा ?”
Old Kaifon ने ठहरकर गंभीर लहजे में कहा,
"इस वक़्त हम जुनागढ़ के बाहरी इलाके में हैं।सबसे पहले हमें जुनागढ़ पहाड़ियों को पार करना होगा।"
वो थोड़ी देर रुके, फिर नज़रें ऊँची पहाड़ियों की ओर टिक गईं।
"जितनी शांत दिखती हैं, उतनी ही चालाक हैं। वहाँ के रास्तों में अक्सर लुटेरे छिपे मिलते हैं — बस सही पल का इंतज़ार करते हुए।
और पहाड़ियों के बाद जो रास्ता आता है... वो सीधा लगता है, लेकिन अक्सर लोगों को भटका देता है।
वहाँ हर कदम पर कोई न कोई नई मुश्किल सामने आ सकती है — बिना किसी संकेत के।"
Draxon की आँखों में बेचैनी थी।
"कैसी चुनौतियाँ?"
Old Kaifon ने गहरी साँस ली। चेहरा जैसे पुराने ज़माने की किसी परत में खो गया।
"सबसे पहले एक ज़हरीली नदी — जिसकी हवा तक साँस लेने वालों से दुश्मनी करती है।
फिर वो सूखा रेगिस्तान, जहाँ प्यास से ज़्यादा रास्ता थका देता है।
और आख़िर में... एक भूलभुलैया। वहाँ जाना आसान है... लौटना, किस्मत पर है।"
Kevin की आवाज़ में पूरा भरोसा झलक रहा था।
"जब तक आप साथ हैं, हमें डर किस बात का?"
Old Kaifon के होंठों पर हल्की सी मुस्कान आई।
"मैं बस जुनागढ़ की पहाड़ियों तक साथ रहूँगा।उसके आगे का सफर... तुम्हारा अपना है।"
Draxon ठिठक गया। उसकी आवाज़ में हैरानी थी।
"आप हमारे साथ क्यों नहीं चल सकते? क्या आपने पहले ये रास्ता पार नहीं किया?"
Old Kaifon ( कुछ पल खामोश रहे, नज़रें ज़मीन पर टिक गईं — जैसे मन में कोई अनकहा बोझ उभर आया हो) :
"अब वो ताक़त नहीं रही जो कभी थी। आगे की राहें मेरे लिए नहीं — तुम्हारे लिए हैं।
अब वो सफर तुम्हारे हौसले की परीक्षा है... मेरी नहीं।"
Kevin की आवाज़ में चिंता साफ़ झलक रही हैं ।
Kevin (गंभीरता से):
"हमें साफ-साफ़ बताइए... आगे और क्या-क्या खतरे हमारा इंतज़ार कर रहे हैं ?”
Old Kaifon (रुककर, गहरी सांस लेते हुए):
"सबसे पहले हमें जुनागढ़ की पहाड़ियों को पार करना होगा।
ऊपर से ये रास्ता बड़ा सीधा और शांत दिखता है...लेकिन यहीं सबसे ज़्यादा धोखा होता है।
इन चट्टानों की परछाइयों में लुटेरे छिपे होते हैं — आँखें गड़ा कर इंतज़ार करते हुए। इसलिए, हर कदम सोच-समझकर रखना।"
(Draxon और Kevin थोड़ी देर खामोश चलते हैं। तभी Old Kaifon फिर बोलते हैं। आवाज़ में एक गहराई आ गई है।)
Old Kaifon(रुककर, गहरी सांस लेते हुए):
"लेकिन ये तो सिर्फ़ शुरुआत है।
पहाड़ियों के बाद हमारी पहली असली चुनौती आएगी — ज़हरीली नदी।"
(Draxon ठिठक जाता है, आँखों में हल्की हैरानी):
"ज़हरीली नदी? ये कैसी होती है?"
(Old Kaifon कुछ पलों तक चुप रहते हैं। फिर उनका चेहरा गंभीर हो जाता है — जैसे कोई पुराना डर फिर से जाग उठा हो।)
Old Kaifon (धीमे, लेकिन बेहद ठोस स्वर में):
"उसका पानी गहरा नीला होता है। इतना नीला, कि देखने वाले की नज़र हटती ही नहीं। वो देखने में जादू जैसा लगेगा — लेकिन सच्चाई ये है... वो ज़हर से भरा होता है।
अगर उस पानी की बस एक बूँद भी त्वचा को छू जाए… तो ज़हर नसों में फैल जाएगा। और फिर कुछ ही मिनटों में पूरा शरीर सुन्न पड़ जाएगा — जैसे जान होते हुए भी जान नहीं बची हो।"
(Kevinका चेहरा सफेद पड़ने लगता है,गला सूख गया है। वह धीरे से बोलता है।)
Kevin (हल्के कंपकंपाते स्वर में):
"अगर गलती से... हमारा हाथ या पैर उस पानी से छू गया तो?"
(Old Kaifon बिना कुछ बोले धीरे-धीरे अपना थैला खोलते हैं। उसमें से एक छोटी काँच की शीशी बाहर निकालते हैं, जिसमें हल्का हरा-नीला तरल चमक रहा है।)
Old Kaifon (शांत लेकिन गंभीर लहजे में):
"इसमें एक खास जड़ी-बूटी है।
अगर ज़हर असर करे... तो इसे तुरंत प्रभावित हिस्से पर लगाना। ये ज़हर का असर धीमा कर देगा …लेकिन याद रखना — ये सिर्फ एक बार के लिए है।"
(Kevin शीशी को ध्यान से देखता है)
Kevin (धीरे से):
"लेकिन हम इस नदी को पार कैसे करेंगे?"
(Old Kaifon की आँखें अब गंभीरता से चमकने लगती हैं। वो दो क़दम पीछे हटते हैं, और बिना झिझक बोले):
"ये तुम्हें खुद समझना होगा। हर रास्ते का नक्शा किताबों में नहीं मिलता — कुछ रास्ते अपनी सोच से बनते हैं।
और कुछ... अपने डर से निकलते हैं।"
(Kevin ने लंबी सांस ली, जैसे खुद को अंदर से मजबूत कर रहा हो।)
Kevin (धीरे से, आँखों में चिंता):
"ठीक है... और उसके बाद?"
(Old Kaifon रुकते हैं। उनकी नज़रें दूर आसमान को ताकने लगती हैं — वहाँ जहाँ जमीन की रेखा गर्मी में हिलती हुई दिखती है।)
Old Kaifon (धीमी आवाज़ में, जैसे कोई लंबा सफर याद कर रहे हों):
"उसके बाद आएगा... एक विशाल रेगिस्तान। इतना फैला हुआ, कि उसकी रेत भी तुम्हें निगलने के लिए तैयार रहेगी।
वहाँ की गर्मी — सांसें सुखा देगी। तुम्हारा गला बार-बार पानी मांगेगा... लेकिन मिलेगा कुछ नहीं।"
(Darxon बीच में बोल पड़ता है, थोड़ा चौंक कर)
Draxon (तेज़ी से):
"वहाँ क्या होगा?"
(Old Kaifon की आँखें अब तेज़ हो गईं — चेहरे पर एक तरह की चेतावनी की चमक।)
Old Kaifon (आवाज़ में गहराई और सख़्ती):
"वहाँ एक गिरोह भटकता है… उसी चीज़ की तलाश में, जिसकी खोज में तुम निकले हो — ‘ShadowRix ’।
वो लोग DarkZael जैसे नहीं... उनसे भी ज़्यादा खतरनाक हैं।
उन्हें अगर शक भी हो गया कि तुम्हारे पास उसका कोई सुराग है —तो वे तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे। बंदी बनाएँगे... या उससे भी बुरा।"
(Kevin का चेहरा थोड़ी देर को सख़्त हो जाता है, आँखों में हल्की झुंझलाहट)
Kevin (आवाज़ दबाकर, माथे पर बल):
“"एक और मुसीबत!"
(Draxon ने हल्के इशारे से Kevin के कंधे पर हाथ रखा, स्वर शांत लेकिन दृढ़):
"Kevin, पहले पूरी बात तो सुन लो।"
(Old Kaifon की नज़रें अब एकदम स्थिर हो गई थीं। उनका अगला वाक्य मानो किसी रहस्य के दरवाज़े पर दस्तक देता है।)
Old Kaifon (धीरे से, आँखों में रहस्य की परछाई):
"जब तुम रेगिस्तान पार कर लोगे…
तो पहुँचोगे वहाँ — जहाँ नक्शे की आख़िरी रेखा जाती है — भूलभुलैया।"
Kevin (धीरे से, सवाल भरी आवाज़ में):
"भूलभुलैया...? कैसी भूलभुलैया?"
Old Kaifon (आवाज़ में गहराई और चेतावनी):
"यह जगह... भूलभुलैया, एक जाल है। एक बार जो इसमें घुस गया, उसका लौटना नामुमकिन हो सकता है।रास्ते ऐसे जुड़े होते हैं कि सही और गलत में फर्क मिट जाता है।
कभी छत से तीर गिरते हैं… और कभी ज़मीन ही तुम्हारे पाँवों के नीचे से गायब हो जाती है।"
(Draxon की आँखें चौड़ी हो जाती है, Kevin की साँसें भारी लगने लगती हैं।)
Old kaifon (धीरे-धीरे, जैसे शब्द खुद में समेटे हुए हों):
"नीचे छिपे फर्श गिर जाते हैं… और ज़हरीले तीर, आवाज़ तक दिए बिना वार कर जाते हैं।
हर मोड़ पर एक नई परीक्षा है — और हर गलती की कीमत, ज़िंदगी।"
(एक पल की खामोशी... फिर Draxon बोल पड़ता है)
Draxon (झिझकते हुए, थोड़ी बेचैनी के साथ):
"तो फिर... इस भूलभुलैया से बाहर कैसे निकलेंगे?"
(Old Kaifon की आँखों में हल्की मुस्कान उभरती है — लेकिन वो मुस्कान किसी रहस्य से कम नहीं लगती।)
Old Kaifon (हल्की हँसी और भरोसे के साथ):
"सिर्फ वही निकल सकता है… जो समझदार हो, चालाक हो, और हर कदम पर भरोसा रखना जानता हो।
और Draxon — मुझे यकीन है, तुम कर सकते हो।
तुम्हारे पास सोचने की ताक़त भी है... और तुम्हारे साथ है तुम्हारा सबसे भरोसेमंद साथी — Kevin ।"
(Kevin हल्का मुस्कराता है, लेकिन उसके चेहरे पर अभी भी चिंता झलक रही है।)
Kevin (नरम मुस्कान के साथ):
"आपका विश्वास हमारे लिए सबसे बड़ी ताक़त है।"
(Draxon की भौंहें सिकुड़ जाती हैं। वह कुछ सोचता है — फिर बोल पड़ता है।)
Draxon (चिंता से, धीमे स्वर में):
"अगर तीर हमें लग जाएं... वो ज़हरीले हों, तो?"
(Old Kaifon अब थैले से एक और छोटी शीशी निकालते हैं — कांच की, नीले ढक्कन वाली। उसमें झिलमिलाता हरा द्रव है।)
Old Kaifon (आवाज़ में स्पष्टता):
“अगर ज़हरीला तीर लग जाए... तो ये दवा तुरंत घाव पर लगाना। वरना ज़हर नसों में दौड़ जाएगा — और शरीर... धीरे-धीरे सुन्न पड़ने लगेगा।
याद रखना, वक्त सबसे बड़ा हथियार भी है... और दुश्मन भी।"
(Kevin ने गहरी सांस ली। उसके शब्द जैसे खुद को भी सुनाने के लिए निकले हों)
Kevin (धीरे, थके स्वर में):
"यह सफ़र... मेरी सोच से कहीं ज़्यादा खतरनाक है।"
(Draxon की आँखों में दृढ़ता आ गई। आवाज़ में संकल्प झलकने लगा।)
Draxon(आत्मविश्वास से, नज़रें हमज़ा की ओर):
"चाहे जैसे भी हो... हमें DarkZael के ठिकाने तक पहुँचना ही होगा।"
(थोड़ा रुककर फिर बोला, जैसे नई जिज्ञासा जाग उठी हो)
Draxon (आवाज़ में जिज्ञासा):
"और जब हम भूलभुलैया पार कर लेंगे... उसके बाद?"
(Old Kaifon का चेहरा थोड़ा कड़ा हो गया — जैसे सफ़र की अगली परत और भी गहरी हो।)
Old Kaifon(थोड़ी सख़्ती और थकावट के साथ):
"उसके बाद... एक और रेगिस्तान आएगा।"
(Kevin अचानक बोल पड़ता है — चौंक कर, थके हुए गुस्से के साथ):
"एक और रेगिस्तान? एक तो जैसे काफ़ी नहीं था!"
(Draxon उसकी ओर घूरता है — आँखों में सख़्ती, और स्वर में झुंझलाहट दबे हुए स्वर में फूटती है।)
Draxon (तीखे लहजे में):
"Kevin ! बीच में मत बोलो — Old Kaifon को बात पूरी करने दो।"
(Old Kaifonगहरी सांस लेते हैं, और अंतिम टुकड़ा साझा करते हैं।)
Old Kaifon(धीरे, लेकिन साफ़ स्वर में):
"उस भूलभुलैया के ठीक बाद... वही रेगिस्तान फैला है जहाँ DarkZael अक्सर जाता है।
वहाँ उसका ठिकाना है — लेकिन ढूँढना आसान नहीं होगा।"
(Draxon ने नज़रें टकराईं — चेहरा गंभीर था, और आँखों में एक ऐसा सवाल था जिसे अब टाला नहीं जा सकता था)
Draxon:
"इतने बड़े रेगिस्तान में... हम उसका ठिकाना ढूंढेंगे कैसे?"
Old Kaifon ने अपनी कमर से बंधी पोटली खोली — और उसके भीतर से सावधानी से एक पुराना, मुड़ा-तुड़ा काग़ज़ निकाला।
उस पर वक़्त की लकीरें थीं, और किनारे ऐसे जले थे जैसे वो कई रहस्यों से होकर गुज़रा हो।
Old Kaifon(धीमे, रहस्य से भरे अंदाज़ में):
"यह नक्शा रख लो। भूलभुलैया पार करने के बाद तुम्हें इसकी ज़रूरत पड़ेगी।
और एक बात और — वहाँ पहुँचते ही अपना हुलिया बदल लेना। DarkZael के सिपाही हर मोड़ पर नज़र रखते हैं। वो अजनबियों को बख़्शते नहीं।"
Draxon ने नक्शा दोनों हाथों से थामा — जैसे वह कोई राज़ नहीं, बल्कि एक ज़िम्मेदारी थाम रहा हो।
Draxon (शांत और ठोस स्वर में):
"हम आपकी बात का पूरा ध्यान रखेंगे।"
कुछ समय बाद...
जुनागढ़ शहर अब पीछे छूट चुका था। सामने फैली थीं — काली चट्टानों से बनी, रहस्यमयी और ऊबड़-खाबड़ — जुनागढ़ की पहाड़ियाँ। हर चोटी जैसे किसी पुराने किस्से को चुपचाप अपने सीने में छुपाए खड़ी थी।
Old Kaifon रुके। उन्होंने एक लंबी नज़र पहाड़ियों पर डाली, फिर धीरे से बोले:
"अब यहाँ से तुम्हारा सफर अकेला है। मैं तुम्हें इस मोड़ तक ला सकता था। आगे जो भी रास्ते हैं — वो तुम्हें खुद पहचानने होंगे।"
Old Kaifon ने कुछ क्षण Draxon की ओर देखा — उसकी आँखों में विश्वास था, और चेहरे पर एक सुकूनभरी शांति। फिर हल्के से मुस्कुराए।
Old Kaifon (धीमी, लेकिन यक़ीन भरी आवाज़ में):
"Draxon ... मुझे तुम पर पूरा भरोसा है। मेरा रास्ता यहीं तक था। तुम्हारा सफर अब शुरू होता है — और मुझे यक़ीन है, तुम रास्ता खोने वालों में से नहीं हो।"
Draxon कुछ कहना चाहता था, लेकिन चुप रहा। उसने सिर्फ सिर हिलाया।
फिर Old Kaifon पीछे मुड़े... और धीरे-धीरे वहाँ से चले गए।
Draxon और Kevin एक-दूसरे को देख कर चुपचाप पहाड़ियों की तरफ बढ़ने लगे।
उनके कदमों की आवाज़ सुनाई दे रही थी — और दूर एक बाज़ की चीख , जैसे आसमान से कोई इशारा दे रहा हो… सफर शुरू हो चुका था।
:- क्या Draxon और Kevin वाक़ई इस सफर को पूरा कर पाएंगे?
:- ज़हरीली नदी — क्या वे उसे पार कर सकेंगे या वहीं थम जाएगा सब?
:- और DarkZael...
कैसा है उसका छिपा हुआ ठिकाना?
:- क्या Draxon को मिलेगा वह नक्शा, जिसकी तलाश में वे निकले हैं?
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Chapter 11