भाग 5:
रीना ने मोबाइल उठाकर चेक किया। सुबह ऑफिस जाने के बाद तीन मिस्ड कॉल आए थे— एक उसके ऑफिस के मैनेजर का, दूसरा दिल्ली में रहने वाले उसके सगे चाचा का और तीसरा एयरटेल टेलीफोन कम्पनी का था।
आज रीना ने जानबूझकर मोबाइल घर पर ही छोड़ दिया था। ताकि उसके मोबाइल की लोकेशन ट्रेस न होने पाए। रीना सुबह जब ऑफिस जाने के लिए घर से निकली, उसी बीच रीना के मैनेजर ने कन्फर्म करने के लिए कॉल लगाया था कि वह आज ड्यूटी आएगी या छुट्टी लेगी, क्योंकि कल ऑफिस से निकलते समय रीना ने कहा था कि “शायद वह कल ऑफिस नहीं आ पाएगी।"
रीना के चाचा हालचाल पूछने के लिए फोन किए थे, रीना उन्हें कॉल लगाती है, कॉल कनेक्ट होते ही रीना के चाचा पूछते हैं: "कैसी हो, बेटा? माधव काका और काकी कैसे हैं?
रीना : "सब ठीक हैं चाचा जी, आप मेरी चिंता मत कीजिए। चाची कैसी है, गुड़िया और बबलू?
चाचा जी मुस्कुराते हुए बोलते हैं: "सब ठीक है, गुड़िया बहुत याद करती है कि दीदी कब आयेगी? बेटा तुम वहां अकेली हो गई हो, मैं कब से बोल रहा हूं कि यहं तुम मेरे साथ दिल्ली में रहो, पर तुम अपनी जिद्द में अड़ी हुई हो।"
रीना : "चाचा जी, बस कुछ दिन और इंतजार कीजिए, मैं हमेशा के लिए, दिल्ली आपके पास आ जाऊंगी"
चाचा : "ना जाने, वहां अकेली रह कर क्या काम कर रही हो, मुझे समझ नही आ रहा"
रीना : "चाचा जी, मैने आपको बताया था कि और 6 महीना जॉब कर लुंगी तो पांच साल का अनुभव हो जायेगा, उसके बाद जॉब छोड़ कर दिल्ली आ जाऊंगी"
चाचा संतोष के साथ कहते हैं : "अच्छा, ठीक है, तूने एक बार जो सोच लिया तो सोच लिया, बहस करना बेकार है, अब फोन रखता हूं अपना ख्याल रखना"
रीना : "ठीक है चाचा जी" कहकर फोन काट देती है ।
उसके चाचा को क्या मालूम कि रीना यहां किस मकसद से ठहरी है, उसका इरादा क्या है?
उसी समय मालती चाय बना कर ले आती है, तीनों बैठकर चाय पीते हुए बातें करने लगते हैं ।
थोड़ी देर बाद, विशाल का फोन आ जाता है, रीना अपना बैग और मोबाइल उठा कर अपने कमरे में आ जाती है और कमरा बंद कर लेती है ।
रीना : हां, विशाल ! पहुंच गए"
विशाल : हां, इसलिए तो मोबाइल से फोन किया, मोबाइल घर छोड़ आया था"
रीना : हां, विकास जरूरी था, ताकि लोकेशन ट्रेस ना हो पाए"
विशाल : "कल या परसों, पुलिस को पता लग जायेगा, पेपर में भी छप जाएगा"
रीना : "हां, अब देखना पड़ेगा हमारे रायगढ़ा के पुलिस किस मुस्तेदी के साथ जांच करते हैं"
विशाल : "खैर, पुलिस को पता भी नहीं चल पाएगा कि वह जंगल में कैसे आया और किसने उसे इतने बेरहम तरीके से मारा"
रीना : "हां, मेरे और अक्षय के प्रेम संबंधों के बारे में किसी को नहीं पता, और पिछले एक माह से हम जंगल में उस जगह आ रहे थे, किसी ने देखा भी नहीं"
विशाल : "रीना ! अक्षय ने कभी घर में तुम्हारे बारे में चर्चा तो नहीं की ना?
रीना : "डरपोक था, साला, घर वाले उससे खुद परेशान रहा करते थे, उसने आज तक घर में बात नहीं की"
विशाल : "तब ठीक है ..... दूसरी बात, अक्षय, तुमसे ऑफिस में मिलने आता था क्या?"
रीना : "नहीं, मैने मना कर दिया था, सिर्फ एक बार आया था, जिस दिन उसे पहली बार देखी उसके दूसरे दिन बस"
विशाल : "हां, ये भी ठीक किया और तुमने बताया था कि उसे फोन नंबर नहीं दिया करके ये सबसे अच्छा काम किया"
रीना : "हां, मैने झूठ बोल दिया था कि मेरे पास मोबाइल नही है, वह मेरे ऑफिस के लैंड लाइन में कभी कभी फोन किया करता था, जो मेरे पास रहता है, जिसमे दिन भर में कई लोग फोन करते हैं"
विशाल : "हां, ये भी तुमने सेफ गेम खेला"
रीना : "उसने मुझे कई बार ऑफर किया नया मोबाइल खरीद कर देने के लिए। मैंने साफ इंकार कर दिया था, एक बार तो उसने खरीदकर ला दिया, पर मैं जिद्द में अड़ गई तो, उसे वापस अपनी छोटी बहन को गिफ्ट करना पड़ा"
विशाल : "तब तो पुलिस वालों को प्यार के एंगल में भी कुछ नहीं मिलेगा"
रीना : "हां, मैने बड़े संभल कर और सावधानी से ये सब किया है और जानते हो, उसे मैने घर का पता भी नहीं दिया, मैं रोज सुबह 8.00 बजे घर के नजदीक सड़क पर इंतजार करती थी, वह कार में आता और मैं उसके साथ चली जाती, वह रोज सड़क पर उसी जगह से मुझे ले कर जाता। मैं सड़क पर आने से चेहरे पर स्कार्फ ढक लिया करती थी, ताकि कोई पहचान नहीं पाए, समझे?"
विशाल : " वैरी गुड, तुम जीनियस हो, मेरी जान ..... रीना ! आज इस खुशी में फॉर्म हाउस में पार्टी मना लें?
रीना : "नहीं, विशाल, आज मैं आराम करूंगी, कल चलते हैं, पक्का"
विशाल : "ठीक है, मैं भी थक गया हूं ..... रीना अब उन दोनो को ठिकाने कब लगाना है?
रीना : "वो दोनो भी, रायगढ़ा आ चुके हैं, मुझे पता चल चुका है, बहुत जल्द उन्हें भी अक्षय के पास पहुंचा देंगे" .....
रीना किन दो लोगों की बात कर रही है? अक्षय से इन दोनो का क्या संबंध हो सकता है?