सुबह की हल्की धूप परदे से झाँक रही थी। होटल के कॉरिडोर में वही रोज़ की रौनक थी, पर आज कियारा को हर चीज़ अलग लग रही थी —
जैसे सबकुछ वैसा ही था, मगर उसका दिल बदल गया था।वो कॉफ़ी मशीन के सामने खड़ी थी, पर उसकी सोच अब भी पिछली रात में अटकी हुई थी —
“मुझे नहीं पता ये क्या है… लेकिन तुम्हारे बिना अब ये जगह अधूरी लगती है।”उस एक लफ़्ज़ ने उसकी दुनिया बदल दी थी।
कॉफ़ी का कप हाथ में लिए वो लॉबी की खिड़की के पास चली गई। बाहर बारिश के कुछ बूँदें अब भी गिर रही थीं। हवा में अयान की कही बातें जैसे गूँज रही थीं — और उसके
दिल में अब कोई डर नहीं था, बस एक मीठी धड़कन।उसी वक्त अयान वहाँ से गुज़रे। उनकी नज़र अनजाने में कियारा पर ठहर गई।
दोनों के बीच कुछ न कहा गया, फिर भी सब कुछ कहा जा चुका था।
“Good morning,” अयान ने कहा।कियारा हल्के से मुस्कुराई, “Morning, sir…”वो “sir” अब उतना औपचारिक नहीं लगा — जैसे उसमें अपनापन घुल गया हो।
अयान ने पूछा, “आज शाम एक dinner meeting है investors के साथ, तुम आओगी न?”“हाँ, ज़रूर,” उसने जवाब दिया।
अयान मुस्कुरा दिए — वो मुस्कान जिसमें अब झिझक कम, अपनापन ज़्यादा था।दिन भर दोनों अपने-अपने काम में व्यस्त रहे,
पर नज़रें एक-दूसरे से बार-बार टकराती रहीं। हर बार जैसे कोई नया एहसास जन्म लेता था।शाम हुई। होटल की टेरेस पर सजी डिनर मीटिंग में हल्की लाइट्स और सॉफ्ट म्यूज़िक था।
कियारा ने आज पहली बार ऑफिस के बाहर खुद को सजाया था — साधारण, फिर भी बेहद खूबसूरत।अयान की नज़र जैसे उसी पल वहीं थम गई।
कियारा ने नज़रों से पूछा — “क्या देख रहे हैं?”अयान के होंठों पर बस इतना आया, “वो, जो शायद शब्दों में कह नहीं सकता।
”मीटिंग के बीच कई बातें हुईं, पर उनके बीच की खामोशी अब भी सबसे ऊँची थी।कभी अयान उसकी फाइल थामते तो उनकी उंगलियाँ हल्के से छू जातीं — और कियारा का दिल कुछ पल को रुक जाता।
कभी वो किसी गेस्ट की बात समझाते हुए मुस्कुराती, तो अयान बस देखता रह जाता — जैसे दुनिया उसी पल में सिमट गई हो।
मीटिंग ख़त्म हुई। सब लोग चले गए।टेरेस पर बस वो दोनों रह गए — हवा में अब भी बारिश की महक थी।“आज का दिन अच्छा गया,”
अयान ने कहा।कियारा ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “हाँ, क्योंकि आपने साथ दिया।”“और तुमने वजह दी,” अयान ने धीरे से कहा।कुछ पल की चुप्पी के बाद कियारा बोली,“
अयान, अगर कल सब कुछ पहले जैसा न रहा तो?”अयान ने उसकी तरफ कदम बढ़ाए, “तो मैं उसे पहले से बेहतर बना दूँगा।
”कियारा ने हल्के से सिर झुकाया — “ज़िंदगी में पहली बार किसी ने ऐसा कहा है।”अयान ने उसकी आँखों में देखा,
“कभी किसी को इतना मत डरने दो कि वो तुम्हारी मुस्कान छीन ले। अगर मैं हूँ, तो तुम्हारी मुस्कान भी होगी।”उसके शब्दों ने जैसे उसकी रूह को छू लिया।
हवा और ठंडी हुई। कियारा ने अपने बालों को कानों के पीछे किया, और धीरे से कहा —“आपको पता है, जब कोई एहसास बोल पड़ता है,
तो वो इज़हार नहीं बनता… वो कहानी बन जाता है।”अयान ने मुस्कुराते हुए कहा, “तो फिर हमारी कहानी शुरू हो चुकी है।”वो दोनों कुछ देर तक चुप रहे।
आसमान में हल्की फुहार थी, और दिलों में एक अनकही शांति।उस पल उन्हें लगा — शायद अब वक्त उनके साथ है।
रात को कमरे में लौटकर कियारा ने अपनी डायरी खोली।
कल की आख़िरी लाइन वहीं से शुरू हुई जहाँ आज की शुरू हुई थी —>
“कभी-कभी किसी का एक लफ़्ज़, पूरी ज़िंदगी की खामोशी मिटा देता है।आज उसने कहा नहीं, पर हर बात उसकी नज़रों में थी।शायद अब डर नहीं, भरोसा महसूस होता है —कि ये रिश्ता वक्त की परीक्षा नहीं, रूह की पहचान बनेगा।”वो मुस्कुराई, पन्ना बंद किया, और खिड़की से बाहर देखा —बारिश अब भी गिर रही थी, जैसे आसमान भी किसी का इज़हार सुन रहा हो।---
✨ To Be Continued…
अब जब इज़हार ने अपनी आवाज़ पा ली है,क्या उनका रिश्ता इस सुकून को निभा पाएगा,या आने वाला वक्त उन्हें किसी ऐसी दूरी पर ले जाएगाजहाँ प्यार को फिर से साबित होना पड़ेगा — बिना शब्दों के, सिर्फ़ एहसासों से?