Three best forever - 51 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 51

The Author
Featured Books
Categories
Share

थ्री बेस्ट फॉरेवर - 51

( __/)
( • . •)
( >💜💜💜 होला आइला 😜 मेरे प्यारे यारों,
next ep में पधारो,,,

राहुल घबराते हुए "न नही मेरा शौक खत्म हो गया हमेशा के लिए तुम लोग कांड बताओ ?" 
तीनों पहले उसे घूरे फिर एक दूसरे को देख इशारों में चर्चा करने लगें। अब आगे,,,,

तीनों इशारों में चर्चा कर रहे थे।
मनीष आखें बार बार झपकाते हुए "बता दें क्या,,,?" 

मस्ती आखें दाए बाए घुमाते हुए "कोई जरुरत नहीं" 

रियू आंखे एक बार झपका कर "मैं मस्ती से सहमत हु" 

उन तीनो का इशारा देख राहुल कन्फ्यूज शक्ल बनाए बोल पड़ा "मुंह से बोलो न ऐसे भूत प्रेत की तरह आखें क्यू घुमा रहे?" उसकी बात सुन तीनों अपना इशारा चर्चा खत्म कर राहुल को घूरे फिर 

मस्ती बेपरवाह नज़रे फेर कर बोली "कोई डोर बेल नॉन स्टॉप बजाते जा रहा था" 

राहुल गुस्सा दिखाते हुए "कौन था वो कमबख्त?" 

मस्ती आगे बोली "दूध वाला था उसके बार बार बटन प्रेस करने से बटन गरम होकर ब्लास्ट हो गई और,," 

राहुल सदमे से चीखते हुए "और वो दूध वाला मर गया?" 

मस्ती उसे घूरकर "नही बे,,, बेहोश हो गया" 

राहुल हैरान भाव से "अच्छा फिर?" 

"फिर क्या होश में लाए और मम्मी ने उसे अच्छी फटकार लगाई और रफा दफा कर दिया" मस्ती ने हद से ज्यादा सच्ची लगने वाली भयंकर झूठी कहानी उसे सुना दी थी। जिसे सुन मनीष और रियू भी हैरान मस्ती का मुंह ताक रहे थे। 

"तुम दोनो क्यू उसका मुंह ताक रहे?" राहुल कन्फ्यूज शक्ल बनाए पूछा।

तो दोनों नॉर्मल हुए बोले "कुछ नहीं बस जो हुआ उसके बारे में सोच रहे थे" दोनो साथ में सफेद झूठ बोल दिए।

राहुल सारी बाते रफा दफा करते हुए "चलो भी जो बीत गया सो बीत गया अब आगे का,,,?" 

मस्ती बड़े आराम से बोली "आगे का ये की रियु को छोड़ कल मेरे घर से फूटो तुम दोनो" 

उसकी बात सुन मनीष रियू को कोई फर्क नहीं पड़ा क्युकी वो दोनो मस्ती के रंग रंग से वाकिफ थे। लेकिन राहुल हक्का बक्का हुए मस्ती को घुर रहा था। उसे  मस्ती से ऐसे जवाब की बिलकुक भी उम्मीद नहीं थी। 

"ह हा हा जाना पक्का है चिंता मत करो बस बात ये है की,,," मनीष अपनी बात पुरी करते हुए रुक गया। 

तो मस्ती खीजते हुए बोली "की क्या? जल्दी बोल बे मेरा दिमाग़ पहले ही खिसका हुआ है" 

"मैं बताता हु कल दो नही तीन लोग इस घर से फूटेंगे " मस्ती की बात सुन राहुल घबराहट के मारे जो मुंह में आया फट से बक दिया ।

जिससे मस्ती की डेंजर निगाहे उसकी ओर घूम गई जिससे राहुल की रूह कांप उठी। मस्ती बोली "ओए,,तू कौन बे डिसाइड करने वाला,,भूल मत मेरे घर पे खड़ा है अभी उठाकर बाहर फेक सकती हू" 

"मस्ती,,, बेटा ये क्या तरीका है दोस्तों से बात करने
का " सुनिता जी को बच्चो की फिक्र सता रही थी जिससे वो बाहर निकल आई और अनजाने में इन चारो की बिच की वार्तालाप सुन ली। 

"मम्मीईई,,," ये बोल मस्ती सिसकते हुए रो पड़ीं और अपनी मां के सीने से जा लगी। 
सुनिता जी ने भी उसे अपने आंचल में छुपा लिया इस वक्त दोनों को ही एक दूसरे की बहुत जरुरत थी।

बीते हुए मनहूस अतीत को इतने सालो बाद अपने सामने फिर खड़ा देख उनकी हिम्मत जवाब दे गई थी।

घुटन महसूस हो रही थी उस आदमी को नजरों के सामने देख। मनीष रियु भी अच्छे से समझ रहें थे वही राहुल तो वहीं समझ रहा था जो उसे बताया गया।

"मम्म,,मम्मी वो वो क्यू,,," मस्ती का रोना रुक ही नही रहा था मानो बचपन से अब तक खुद को रोक रखा था और अब जाकर उन आसूओ की धारा को आजाद किया हो 

सुनिता जी उसे चुप कराते आसू पोछते हुए "शीईईई,,, बस मेरी बच्ची अब और नहीं रोना है बहुत रो लिए वो मनहूस साया अब कभी नहीं पड़ेगा हम पर और अगर ऐसा हुआ ना तो मुझे कसम है तेरी उस कलमुहे को उसकी सही जगह भेज दूंगी ऐसा सबक दिखाऊंगी की मरने के लिए भी तड़पेगा" 

राहुल मनीष से धीरे से पुछा "अबे मनु मस्ती रो क्यू
रही ? और ये मम्मी जी ऐसे क्यू बोल रही?" 

तो मनीष भावहीन हुए बोला "कुछ नहीं दूधवाले से झगड़ा कुछ ज्यादा ही हो गया ना बस इसलिए" 

राहुल ख़ुद में फुसफुसाया "hmm पर मम्मी जी का डायलॉग बहुत ज्यादा नहीं हो गया? और इसमें रोने जैसा क्या है?" 

उसकी इस बे फालतू की फुसफुसाहट को रियू ने सुन लिया और तरेर कर उसे घूरते हुए बोली "तूने देखा
क्या ?" 

राहुल घबराते हुए "न,,नही" 

"फिर अपना बकवास मुंह बंद रख वरना खाना खाने लायक नहीं रहेगा" रियू की गुस्से भरी सर्द आवाज सुन राहुल को अपनी रीढ़ की हड्डी में कप कपि महसूस हुई उसके आगे बोलने की हिम्मत ही नहीं हुई।

वही अब तक दोनों मां बेटी भी नोर्मल हो चुकी थी। और सुनीता जी उसके कान पकड़े डाट कॉम 
सूना रही थी "बोल ऐसे कोई बात करता है दोस्तों से"

"हा मै करती हु ही ही ही" ये बोल मस्ती हसने लगी। तो वही उसका जवाब सुन सुनिता जी सिर पीट ली तो मस्ती फिर बोली "मम्मी रियु को रोक लो ना,,वो जाने की बात कर रही" 

मम्मी उसे समझाते हुए "बेटा रियू को जाना तो होगा ही उसका भी अपना परिवार है उसके मां बाप उसकी रह देख रहें होंगे आखिर सिर्फ कॉलेज की छुट्टियां में ही तो जा पाती हैं बाकी तो तुम सब साथ में ही रहते हो" 

"नही वो नही जाएगी यही रहेगी तो यही रहेगी बसस,, मै और कुछ नहीं सुनना चाहती" और मुंह फुलाए अपनी रूम की ओर बढ़ गई।

रियू मन में "अब एक बकवास सा डायलॉग चिपकाएगी" 
उसके ये सोचते ही मस्ती दरवाजा बंद करने से पहले
चिल्ला कर बोली "अगर गई ना तो फिर कभी अपनी शक्ल मत दिखाईयो" ये सुन सबने कान पर हाथ रख लिया।
तभी धड़ाम से दरवाज़ा बंद हो गया। सबको पता था ऐसा ही होने वाला है इसलिए सब कान ढक लिए थे।

सभी परेशान हो उठे तो वही रियु नॉर्मल ही रही।

राहुल बोला "अब क्या करे,,?" 

तो मनीष बोला "मुझे क्या पता?" फिर बेपरवाह रियु को देख बोला "तू कुछ बोली क्यू नही? " 

रियु भौंहे तान कर "क्या बोलती?" 

मनीष बोलने को हुआ की उससे पहले
राहुल दात पिस्ते हुए "रोक नहीं सकती थी मस्ती को अक्ल की दुश्मन" 

रियू उसे घूरते हुए "अबे उसका नौटंकी चल रहा सब 
बैल बुद्धि" 

वही सुनीता जी भी हस्ते हुए बोली "रियू सही बोल रही जाओ देखो दरवाज़ा खुला ही छोड़ रखा है उसने जानबूझकर और मजे कर रही होगी" 

राहुल हैरानी से "सच में?" 

"हा जाओ और टैंशन फ्री रहो,,मैं भी जा रही पड़ोस में चुगली करने टाटा बच्चो" बेपरवाही से बोल सुनिता जी दरवाजे की ओर बढ़ गई। 


( __/)
( • . •)
( >💜💜💜 🥳🤩😇 हे मेरे प्यारे नमूने यारों स्टोरी के 50 ep कंप्लीट हो गए।
बधाई देना मत भूलना 😁 वैसे मुझे पता है कोई नही देगा 🥺फिर भी कोई न निराश होने से भी क्या ही हो जायेगा 🥳🥳🤩🤩🤩🤩मैं तो बहुत खुश हु पहली बार 50 ep कंप्लीट की हु थैंक्यू प्रतिलिपी आपके कारण ही हो पाया है ये चमत्कार ✨थैंक्यू सो मच💜💜💜

आगे क्या होगा?  जानने के लिए मिलते हैं जल्द ही next ep में by by टाटा 💜 पर्पल यू 💜