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( >💜💌💜 मैं स्टोरी का चौकीदार बंकू हाजिर हु next episode के साथ पढ़ो और मौज मस्ती करो पर खबरदार दारू सुट्टेबाजी किए तो,,चलो टाइम खोटी बहुत हुई अब आगे पढ़ो,,,
इससे पहले की वो बस मोड़ता कोई जोर से चिल्लाकर रोने लगा।
"आआहूऊ,,हुहू,,ईआआ,,,," सभी चिहुंक कर देखे तो वो मस्तानी थी। अब आगे,,,,
मनीष उसे चुप कराते हुए सभी की ओर गुस्से भरी नज़रों से देख "चुप होजा क्यों रो रही? किसने हिम्मत की रुलाने की तुझे,,,तू बोल मै अभी उसे ठीक करता हु"
मनीष मस्तानी को चुप तो करा रहा था लेकिन साथ ही सभी पर शेर की तरह दहाड़ रहा था उसकी गुस्से भरी नज़रों को देख एक बार के लिए सभी सहम गए।
मनीष सिंपल है भोला भाला मासूम है सबकी बातें मानता है अपनी बात हो तो सब कुछ सह लेगा पर अगर बात मस्तानी और रियू पर आए तो शेर की तरह दहाड़ता है। उसे जल्दी गुस्सा नही आता पर जब आता है तो राम राम राम यही था ट्विस्ट अब बढ़ो आगे और पढ़ो,,,
"अरे कोई मुझे भी तो बोलने दो मेरी बात भी तो सुन लोओओओ,,,," बिचारी मस्तानी की कोई बात नहीं सुन रहा था इसलिए वो दहाड़े मार के रो रही थी और सभी हैरानी से देख रहे थे।
उसकी दहाड़ सुन स्ट्रॉन्ग एक बार फिर डर से चिहुकने की वजह से सीट से लुढ़क कर गिरते गिरते बचा "अरे मेरी मां तुम्हारा बोलने का मन है तो आराम से बोलो ना,,,ऐसे चिल्लाकर सदमा नही देना" स्ट्रॉन्ग अपने सीने पर हाथ रख आखें बड़ी कर लंबी लंबी सास लेते हुए बोला।
उसकी बात सुन मस्तानी बौखला गई वो और जोर जोर से चिल्ला कर रोने लगी "कोई बोलने ही कहा दे रहा सब मुझे इग्नोर कर रहे" सभी अपने कान पर हाथ रख लिए।
"हा हा सब चिल कौवे जैसे बिहेव कर रहे,,,कोई मेनर्स हैं की नही?" मनीष मस्तानी की तरफदारी करते हुए बोला।और उसे शांत किया।
"सॉरी मस्ती ,,,मैं तेरी बात पर ध्यान नहीं दिया" मनीष भावनाओ में बह उसे चुप कराते हुए ऐसे बोल रहा था जैसे बहुत बड़ा गुनाह कर दिया हो।
"अरे मनी मैं तूझे नही इन सबको बोल रही थी,,," मस्तानी उसे सांत्वना देते हुए बोली।
"पर आराम से बोलना चाहिए था" मनीष उसे समझाते हुए बोला।
"Ok मनी,,,तो आराम से थोड़ा और बोल दू" मस्तानी दात दिखाते हुए बोली।
बस के सभी बाराती मस्तानी को घूरने लगे तो मनीष सबको घूर के देखा जैसे कह रहा हो "आखें नीचे और सॉरी बोलो सब मस्ती को"
सभी मुंह बनाकर सॉरी बोले।
रियु उसे तिरछी नजरों से घूरते हुए बड़बड़ाई" साली चालबाज नौटंकी कही की"
"कुछ कहा तुमने रियू ?" मनीष रियु को बड़बड़ाते देख पास जाकर अपना कान खींचते हुए बोला।
"मुझे तेरा भाषण रत्ती भर पसंद नहीं इसलिए सॉरी बोल रही इसे,,सॉरी बे" रियु मुंह बनाकर बोली।
सभी रियू को घूरते हुए "ऐसे कौन माफी मांगता हैं"
रियू भी सभी को घुरकर "मैं,,,कोई प्रोब्लम???" सभी की बोलती बंद हो जाती हैं।
"अरे भाई बस स्टैंड की ओर पधारना है की नही जल्दी बताओ अब तक तो बाकी के बस स्टेशन पहुंच गए होंगे और प्रिंसीबल बहुत बेरहम है कही,,,," स्ट्रॉन्ग आगे बोलता की
"कोई जरूरत नहीं है स्टेशन की ओर चलो" मस्तानी सीट पर से उठकर ऑर्डर देने के लहजे में कही।
और अपने सीट पर बैठ गई।
"ठिक है नही मोड़ता लेकिन अब कोई दहाड़ मारा ना तो आई शपथ मैं ड्राइविंग त्याग कर चला जाऊंगा पाताल लोक बस यही खड़ी रह जाएगी और तुम सब हाय तौबा करते रह जाओगे" उसकी बात पूरी होती हैं तो सभी उसे घूरते हुए मुंह बनाने लगते है।
"कहानी बड़ी मस्त बना लेते हो आप बड़े भईया और सुन लेते हम सब,,, पर ये बेकार का टाइम पास सहन नहीं कर पा रहा कोई तो जल्दी बस मंजिल की तरफ भगाओ वरना हम सब ही आपको पाताल लोक में फेक आएंगे वो भी आधारकार्ड के अधिकार के साथ" मस्तानी डेंजर स्माइल कर बोली।
स्ट्रॉन्ग डर से हड़बड़ाते हुए बिना कुछ बोले जल्दी बस स्टार्ट कर टूटे स्टेशन की तरफ भगा दिया। सच का टूटा हुआ मत समझना सिर्फ नाम है।
"अरे पर वो फट्टू,,," रियू की बात बीच में काट कर मस्तानी बोली "वो कल,,,मतलब वो दूसरी बस में प्रिंसिबल सर के साथ पहुंच गया होगा यही बताना चाह रही थी कब से"
"व्हाट???" दोनो हैरानी से बोले।
"इसमें हैरान होने वाली क्या बात है" मस्तानी भौंहे उठाकर बोली। उसकी बात पर गौर कर रियू नॉर्मल हुई।
"पर वो तो हमारे ग्रुप में शामिल हुआ था ना?" मनीष ने हैरानी से कहा।
मस्तानी भौंहे उठाकर "काहे का ग्रुप ? ग्रुप ट्रिप पर पहुंचने पर बनेगा"
"छोड़ बे मनु क्या होता है इस बस में या उस बस में जा तो सब एक ही जगह पर ना" रियुमा मनीष को समझाते हुए बोली।
"पर वो,,," मनीष आगे कुछ बोलता की
रीयू दात पिस्ते हुए "चुप चाप अपनी सीट पर बैठ वरना उठाके बाहर फेक दूंगी" रियुमा का दिमाग खराब होते महसूस कर मनीष चुप चाप सीट पर जा बैठा और मस्तानी मुंह दबाए हस रही थी।
की उसे अपने कान में आवाज आई "ज्यादा हसी छूट रही हैं छुपाने में दिक्कत हो रही होगी? "
मस्तानी ध्यान न देते हुए बोल पड़ी "हा छुपाने के लिए कुछ देदो" तभी अचानक उसे आवाज जानी पहचानी लगी तो मुंडी बाई ओर घुमाई
तो रियू उसे घूरते हुए "मास्क दू छुपाने के लिए?"
मस्तानी खिसियानी हसी हंसते हुए "फ्री का माल है तो दे दे"
"ये ले" इतना बोल रियुमा उसके पीठ पर एक मुक्का जड़ दी। तो मस्तानी भी कहा कम थी वो लिया हुआ खर्चा उसूल कर दी
रियुमा दर्द से चिल्लाई "आआईईई,,,साली"
मस्तानी दात दिखाते हुए "कैसा लगा मेरा हाथ का मुक्का"
"इतनी पिद्दी सी दिखती और कैसी मारती हैं,,, तू खाती क्या बे?" रियुमा उसे हैरानी से घूरते हुए बोली।
"तेरा दिमाग" मस्तानी खिसियानी हसी हंसते हुए बोली।
तो पिछे की सीट पर बैठा हुआ मनीष बोला "दिमाग तो हम दोनो भी खाते है तेरा फिर हम में इतनी ताकत क्यों नही आती?"
"नखली वाला खाते हो क्योंकी असली वाला दिमाग तो पासवर्ड से लॉक है" मस्तानी हाथ बांधे बोली। वो दुनिया की सबसे होशियार बच्ची लग रही थी।
मनीष सीट पर से उठ रियुमा को देखता और रियुमा उसे फिर दोनो मस्तानी को फिर तीनों एक दूसरे का मुंह देख खिलखिलाकर हंस पड़े।
इनकी प्यारी सी दोस्ती की नोकझोक के साथ बस स्टेशन पहुंच गई। तीन बस पहले से वहा खड़ी थी जब सभी बस से नीचे उतरे तो हैरान रह गए प्रिंसिबल सर और बाकि टीचर्स और स्टूडेंट सभी गुस्से भरी नज़रों से उन्हे घुर रहें थे।
क्या होगा आगे? जानने के लिए मिलते हैं अगले ep में प्लीज बने रहे स्टोरी के साथ
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( >💜💌💜 हा तो दोस्तो मैं स्टोरी का चौकीदार बंकू पूछना चाहता हु की स्टोरी पसंद आ रही की नही? हा तो ही आगे लिखेंगी वरना मैं अपनी बक बक करता रहूंगा by by🤪🤪😜