Three best forever - 50 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 50

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 50

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( >💜💜💜 हेलो लोला 👋 Wlcm to बैक Next ep,,,

राहु गुस्से में रियू की तरफ़ बढ़ने लगा की मनीष मस्ती सामने आकर अल्ट्रा सीमेंट की दीवार बन खड़े हो गए। अब आगे,,,,

"खबरदार जो अपने गंदे हाथ से रियू छूने की कोशिश भी की तो" मनीष हाथ बांध कर गुस्से से लाल टमाटर बना
हुआ बोला तो
मस्ती भी हाथ मलते हुए बोली "कही इसकी कीमत तुम्हारे दोनों हाथो को न चुकानी पड़े इसलिए कुछ भी बोलने और करने से पहले हजार बार सोच लेना" 

रियू जम्हाई लेते हुए आराम से लेकिन 
गुर्राते हुए बोली "बहुत हुई बक बक हम पक गए तो अब   जल्दी यहां से कीजिए प्रस्थान और दुबारा इस घर की चौखट पर या फिर कहूं घर के आस पास भी नजर आए तो जानें के लिए नही कहेंगे बल्कि,,," 

"सीधा अंदर करवा देंगे" ये सुन राहु की आंखे अचानक से चमक उठी उसकी शक्ल देख तीनों समझ गए की वो क्या समझ रहा है।

फिर भी तीनों अनजान बनते हुए पूछे "कुछ समझे?" 

"घर के अन्द,,,," राहु अपनी बात खत्म करता की 

तीनों कुटिल मुस्कान देते हुए बिच में बोल पड़े "न न घर के अंदर नही जेल के अंदर,,," ये सुन राहु की आंखे फैल गई।

"हम बेवकूफ नहीं है जो साप के बार बार डसने के बाद उसको दुबारा  डसने के लिए घर में घुसने देंगे,,अब फूट इधर से साला भीख मांगे की तरह मुंह उठाकर आ गया" मनीष सड़ा सा मुंह बनाकर बोला। 

तो मस्ती जबरदस्ती हस्ते हुए बोली "अरे यार मनी ऐसा मत बोल,,इज्जत तो भिखारी की भी होती है ना फिर इसे खाली हाथ कैसे जानें दे सकते हैं" 

तो मनीष सोचकर बोल पड़ा "वैसे बात सही है,,तो फिर अपना छ साल पुराना गमछा दे दू क्या?" 

"अबे वो गमछा नहीं कच्छा है" रियू ने मुंह बनाते कहा । 

तो मनीष शर्मिंदगी से हस्ते हुए बोला "ही ही ही,,वो क्या हैं की मुझे बोलने में शर्म आ रही थी इसलिए गमछा बोल दिया" 

ये सुन राहु आंखे फाड़े मनीष को देखने लगा। तो वही मस्ती रियू चिढ़ाने वाली हसीं हसने लगी। 

मस्ती कुटिल मुस्कान देते हुए "जो देना है दे लेकिन कीमती चीज ही देना ताकी इसे खुद की ओर हमारी औकात याद रहे" 

"ऐसी बात तो रुको मैं लेकर आया दान करने को सबसे कीमती चीज" ये बोल मनीष फट से गया और फट से आकर बोला "लो मैं ले आया लो ये दान कर दो इसकी कीमत कोई नहीं लगा सकता" 

सबने देखा उसके हाथ में दो रोटी थी।

मस्ती तंज भरी हसी हंसकर बोली "समझ नहीं आ रहा ये रोटी दान कर पुण्य करने जा रही या पाप?" 

"पुण्य का पता नहीं लेकिन इसके साथ जो आधी ज़िंदगी बरबाद हुई है उस जिंदगी की शुद्धि हो जायेगी" हस्ते हुए बोल मनीष मस्ती के हाथ में दो रोटी रखा। 

मस्ती ने एक हुंकार नफरत भरी नज़र राहु पर डाली जो उसे ही घूरे जा रहा था। 

फिर मस्ती कुटिल मुस्कान लिए पुरे सम्मान के 
साथ बोली "लीजिए दान और कीजिए यहां से प्रस्थान" 
और उसके हाथ में रोटी पकड़ा दी लेकिन ये क्या राहु ने भरे गुस्से में उसका हाथ झटक दिया। सभी आक्रोश में उसे घूरने लगे क्युकी रोटी जमीन पर गिर चुकी थी और रोटी का अपमान हो गया था। 

रियू भड़क उठी "कमीने कुत्ते ये क्या किया" 

मस्ती उसकी बात काट कर राहु को घूरते
हुए "नही रियू कुत्तों का अपमान मत करों,, क्युकी रोटी की कीमत तो कुत्तों को भी पता होती है" 

"और यही समझ कर मैं ये रोटी लाया लेकिन भूल गया था की ये तो हैवान तो कुत्ता कहलाने के भी लायक नही है,,पाप हो गया मुझसे की इस हैवान को रोटी दान करने का सोचा" मनीष राहु को नफ़रत भरी नज़रों से देख आखिरी शब्द दात पिस्ते हुए कहा।

वही राहु पर नशा हावी हो चुका था वो लड़खड़ाती जुबान से बोला "पा,,पाप पुण्य ज्ञान अ,,अ,,पने पास रख स,,मझा,,,जा र,,हा मै सुना तुमने सुनि,,ता जा रहा म,,मै जा र,,," 

रियू मस्ती मनीष साथ में बोले "अब जा भी साले कितना ढिढौरा पिटेगा" 

"ह,, जा रहा पर याद रखना प,, प,, पछताओगी तुम,, तुम तुम तुम,, तुम सब प,,छताओगे बहुत पपछता,,ओ,,गे" राहू लड़खड़ाते हुए अपनी बात खत्म किया । और लुढ़कते गिरते पड़ते अपने रास्ते चला गया। 

मनीष मस्ती रियु तीनों के चेहरे पर गंभीर भाव थे। मनीष जल्दी दरवाजा बंद किया और फिर तीनो गुस्से भरे धधकते चेहरा बनाए हॉल में आए और सामने का नजारा देख उनका दिमाग डबल टिबल खिसक गया । और वजह था राहुल जो कान में इयर फोन लगाए सॉन्ग सुन बैठे बैठे झूम रहा था और यही देख तीनों का गुस्सा उस पर फूट पड़ा और तीनों एक दूसरे को देख डेंजर स्माइल कर टूट पड़े राहुल पर 

पांच मिनट बाद

राहुल टूटा फूटा पीटा हुआ सोफे पर पड़ा था। और तीनों सोफे पर बैठ उसे घुर रहे थे। 

वही राहुल घबराए हुए कन्फ्यूज शक्ल बनाए 
मन में "पता नहीं मैने ऐसा क्या पाप कर दिया जो इन तीनों ने जालिमों की तरह बेहरमी से मुझे कूट दिया पूछ लू क्या,,?" 
वो बोलने को होता है की उनकी धधकती आग जलती आंखे देख वो डर से कांप उठा उसकी बोलती बंद हो गई। 
वो फिर मन में "इनकी शक्ल देख लग रहा अगर चू की आवाज भी की तो अपनी जलती आखों में ही मेरा अंतिम संस्कार क्रिया कर्म सम्पन्न कर देंगे,,हे भगवान मुझे मेरी  गलती ही बता दो? आखिर क्यूं पीटा गया मैं??" 

सोच सोच कर उसका दिमाग चकरा गया फिर अंत हिम्मत करके खीजते हुए पुछ ही पड़ा "बस अब बहुत हुआ,,, क्यू अपने लातो का छापा मारा मुझ मासूम पर? क्या किया मै बोलो ?" 

मनीष दात पिस्ते हुए "साले यहां भारी कांड होकर चला गया और तू,,," 

"और तुम बहरे लंगूर की तरह कान बंद किए हस रहे थे" मनीष की बात पुरी करते हुए मस्ती भी गुस्से भरी नजर से घुर कर बोली ।

राहुल मिमियाते हुए "गाना ही तो सुन रहा था ऐसा क्या हो गया?" 

रियू हाथ की मुठ्ठी बनाते हुए "बहुत गाना सुनना है,,, सुनाऊं क्या मैं और?" 

राहुल घबराते हुए "न नही मेरा शौक खत्म हो गया हमेशा के लिए तुम लोग कांड बताओ ?" 
तीनों पहले उसे घूरे फिर एक दूसरे को देख इशारों में चर्चा करने लगें।

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( >💜💜💜🤪तो मेरे भोले भाले प्यारे नमूने यारों राहु का चैप्टर हमेशा के लिए यही क्लोज होता है। और आगे देखते हैं और कौन सा विलन टांग अड़ाता है इन तीन दोस्तों की दोस्ती में मिलते हैं जल्द ही next ep में प्लीज पढ़ते हो तो छोटी सी समीक्षा बैठक में शामिल जरुर हो जाया करो। 🙏😇💜💜💜