Three best forever - 7 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 7

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 7

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( >💜💌💜 हेलोला पढ़ाकू दोस्तों मैं स्टोरी का मेन हीरो 😎,,,

लेखिका बिच में "oyeee,,, बंकू कही भांग गांजा अफीम चरस खाकर तो नही आया न?तू स्टोरी का चौकीदार है और पूरी स्टोरी में वही रहेगा समझ गयो या समझाऊं"
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( >💜💌💜 समझ गया सारी सारी (सॉरी ) लेखु दी मै स्टोरी का चौकीदार बंकु next ep के साथ हाजिर हु  अब आगे बढ़ते हुए पढ़ो।

मनीष की बात सुन धनेशी कुछ न बोल सकी हा में सर हिला दी और जाते हुए उन्हे देखी मनीष और राहुल उसे इग्नोर कर बाते करने लग गए थे रियूमा तो शुरू से ही आराम से बैठी बस धनेशी को चिढ़ी हुई नजर से घूर रही थी हालाकि वो दोनो भाई बहन से बराबर चीढ़ी हुई ही रहती थी तो वही  मस्तानी  उसे मुंह बनाकर चिढ़ा रही थी। अब आगे,,,,

धनेशी गुस्से में पैर पटक कर रह गई और अपनी बेस्ट फ्रेंड रिचा के पास आकर बैठ गई।

"ये दोनो नकचढ़ी खुद को समझती क्या हैं छिपकली की तरह मनीष से चिपकी रहती है " धनेशी गुस्से में भूनभुनाई तो उसके पास बैठी उसकी बेस्ट फ्रेंड रिचा जो मेकअप पुताई कर रही थी चिल्ला उठी "आईईईई,,,कहा है?कहा है छीपकली,,,???" 
और सीट पर चढ़कर कूदने लगी। सभी उसकी हरकत देख एक पल के लिए हैरान रह गए।

"ये पागल कोई छिपकली नही है निचे उतर" धनेशी उसे खींचते हुए बेठाई तो 

मस्तानी रियुमा एक साथ बोली "शायद तेरी बेस्ट फ्रेंड ने शीशे में अपनी शक्ल की जगह तेरी शक्ल देख ली है ना रिचा डा,,,,र्लिंग "
 डार्लिंग शब्द को लंबा खिंच कर बोली।

फिर क्या दुसरे ही पल सब हस पड़े। 

रिचा धनेशी गुस्से में सबको घुरी सब चुप हो गए।

1घंटा बित गया था। 

और छुक छुक करती ट्रेन अपनी मंजिल की ओर बढ़ती जा रही थी। 
वही मनीष और राहुल की बात चीत जारी थी तो वहीं मस्तानी उन्हे घूरे जा रही थी दरअसल वो राहुल को घूरे जा रही थी अब ये मत समझाना की लड़का ताड़ रही उसकी आंखो में तो नफरत की चिता धू धू कर के जल रही थी जो रियुमा से छुप ना सकी वो गौर से देख रही थी उसे 

"यार तेरे वजह से ये फ्री की ट्रिप हाथ लगी है,,,तू कमाल है yrr" राहुल मनीष की पीठ थपथपा कर हस्ते हुए बोला।
गर्मी छुट्टीया हैप्पी न्यू ईयर से शुरू हुई थी इसलिए सभी  इसी खास दिन पर न्यू ईयर सेलिब्रेट करना चाहते थे सब प्रिंसिबल सर से इस बारे में बात कर परमिशन लेना चाहते थे पर प्रिंसिबल सर किसी की नही सुने तब सबने मनीष को आग में धकेल दिया लेकिन उन्हें कहा पता की ये आग मनिष पर फूल की बरसात करती हैं। 

मनीष ने सर को मनाया तभी कॉलेज के तरफ से ट्रिप पर निकले है सब और ये ट्रिप बिल्कुल फ्री फ्री फ्री फोकट में है और ये क्यू एक स्प्राईज है जो जिसमे धमाल मचने वाला है जिससे सब अनजान है सिर्फ कुछ लोगों को छोड़कर hm तो फोकट की ट्रिप है किसी को फीस जमा करने की जरूरत नहीं पड़ी जिसको आना था वो आए और जो ना आ सके उनकी पर्सनली प्रोब्लम थी जो मुझे भी नहीं पता अब आगे पढ़ो,,,,,।

"क्या तू भी " ये बोल मनीष भी हस दिया ।

"नए साल के लिए बहुत बड़ा सप्राइज दिया तू मुझे अब मेरी बारी" राहुल खुशी के मारे बोला। 
तो 
मनीष कन्फ्यूज होकर "मतलब???" 

"मतलब बता की तुझे क्या चाहिए तू जो बोलेगा मैं दूंगा" राहुल सेखी बघारते हुए बोला ।

"नही यार मुझे कुछ नहीं चाहिए तेरी दोस्ती ही बहुत कुछ है मेरे लिए"  मनीष अपनी बात बड़े सय्यम से बोला ।

"अपने फायदे के लिए कही दोस्ती में धोखा ही न दे दे अगर ऐसा किया ना तो मनी की कसम साले को ऐसा सबक सिखाऊंगी की किसी को अपना मुंह दिखाने लायक नहीं रहेगा एक तो पहले ही सड़ा हुआ मुंह लेकर घूमता कौन ही देख ले मै तो जब भी देखू उल्टी जैसा फिल होता मन करता साले के मुंह पर ही कर दू हु,,," मस्तानी मन में राहुल को जी भर कर ताना और गालियां दे रही थी। 

वही उसके चेहरे के बनते बिगड़ते भाव को देख रियुमा सब समझ रही थी।
"बस कर सारी भड़ास मन में ही निकाल देगी क्या,,,? बचा के रख थोडा सा रियल के लिए" रियुमा उसके कान में फुसफुसाई तो
मस्तानी हड़बड़ा गई बोली "ह,, क्या,,,कुछ भी तो नहीं बोली मैं" 

"चल चल किसी और को बनाना" रियुमा जोर से बोल दी मनीष और राहुल सुन लिए वो दोनों की ओर देख
"क्या बनाना???" 

"कु,,कुछ भी तो नहीं,,,मुझे क्या बनाना कुछ भी नहीं" मस्तानी हड़बड़ाते हुए झट से बोली।

"ऐसे हड़बड़ा क्यों रही तुम,,, सच सच बताओ क्या खुसुर फुसुर कर रही थी तुम दोनो?" मनीष दोनो को शक भरी नज़रों से घूरते हुए बोला।

"मुझे लगता हैं मस्तानी केले की बात कर रही,,,है ना मस्ती" राहुल मस्तानी का पक्ष लेते हुए बोला। 

मस्तानी मुठ्ठी भींच कर मन में बोली "साले की हिम्मत कैसे हुई मुझे मस्ती बोलने की ये नाम सिर्फ मनीष रियु ले सकते हैं अभी इसको सही नियम बताती" वो सीट से उठकर उसे एक घुसा मारने के फिराक में थी की

रियुमा जो राहुल के मुंह से मस्ती नाम सुन उसे घूरने में लगी थी वो सीट से उठ उंगली दिखाते हुए
चिल्ला पड़ी "ओए खबरदार जो मस्तानी का निक नेम लिया तो,,,ये नाम सिर्फ मैं और मनी ले सकते हैं समझ में आया तुझे" 

उसका चिल्लाना सुन सभी चौक कर उसकी तरफ देखे सबकी नजर खुद पर महसूस कर रियुमा सब पर अपनी सरसरी निगाह डाल "क्या घुर रहे ? अपना अपना काम करो चुप चाप" 
उसके इतना कहते ही सब ऐसे बिहेव करने लगे जेसे बहरे हो।

"ठीक है ठिक है इतना गुस्सा करने की कोई जरूरत नहीं है" राहुल दोनो हाथों को सामने करते हुए बोला।

"शांत हो जाओ रियू और ये बताओ केले के लिए ही झगड़ रही थी ना या फिर कोई और बात कही,,," मनीष आगे कुछ बोलता की मस्तानी राहुल की बात में हामी भरते हुए बोली "हा हा ये कल,,,(मन में कलमुहा) म मतलब राहुल सही कह रहा,,,केला याने बनाना की ही बात हो रही थी,,,मेरे बैग में बनाना थे ना,,, रियू ने सारे ठूस लिए इसी बात पर हम झगड़ रहे थे" मस्तानी ने इतने सच्चाई वाला झूठ बोला की अब क्या ही कोई पकड़ पाए इसका झूठ।

"ये साली तो कहानी बनाने में महारत हासिल की है" रियुमा बड़बड़ाई।

"कुछ बोली रियू,,,?" मनीष पूछा । 

"तेरा सर " रियुमा गुस्से में झल्लाई।

"क्या हुआ मनी के सर को? फूट गया क्या??" मस्तानी हैरानी से बोली । 
उसकी बीना सर वाली बात सुन राहुल मनीष रियुमा अपना सर पीट लिए।

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( >💜💌💜क्या होगा आगे ?जानेंगे अगले ep में बने रहे स्टोरी के साथ।