RAHE TERI DUA MUJH PER AATHWA HISSA in Hindi Fiction Stories by MASHAALLHA KHAN books and stories PDF | रहे तेरी दुआ मुझ पर - आठवा हिस्सा

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रहे तेरी दुआ मुझ पर - आठवा हिस्सा

आठवा हिस्सा ( भाग ) वक्त मे पिछे - 5                        ****नुसरत की नफरत****                                        फलेशबेक जारी .....

इधर जाहिद दुकान पर पहुंचा तो उसके अब्बा अपने स्कूटर को स्टेंड पर लगा रहे थे उनकी नजर जाहिद पर पड़ी तो जो दबे पांव दुकान मे दाखिल हो रहा था .


कहा गये थे तुम यू दुकान को खुला छोडके .. जाहिद के अब्बा ने कहा .

जाहिद ने अब्बा की तरफ देखा जो थोड़ा गुस्सा नजर आ रहे थे, तो वह अपनी जान बचाने की कोशिश करता है .

अब्बा मै तो रहीम चाचा की दुकान तक गया था … जाहिद ने कहा .

क्यू क्या तुम अब चूड़ियो की दुकान खोलना चाहते हो जो रहिम की दुकान पर जाने लगे … जाहिद के अब्बा ने सख्त लहजे मे कहा .

जाहिद : ( बाहाना बनाकर कहा )नही नही अब्बा मै तो अम्मी और गुलनाज के लिए चूड़िया लेने की सोच रहा आप को तो पता ही गुलनाज को चूड़िया कितनी पसंद है ,और अम्मी को आपने आखरी बार कब दिलायी थी चूड़िया क्या आपको याद है ?

जाहिद की बात सून उसके अब्बा अपनी आंखे बड़ी कर उसे घूरते है तो वह अपनी नजरे झुका लेता है और सर झुका कर खड़ा हो जाता है, फिर वह सोचने लगता है .

जाहिद : ( मन मे )आज तो गये बेटा कोई और बहाना नही मिला था अब्बा को देख कर लग रहा है कि आज फिर बढ़िया सुनने को मिलेगी और वो भी यहा बाजार के बीच मे अब तो मेरी इज्जत की उड़ी धज्जिया , कई नूर देख लेगी तो मेरी लगता मौहब्बत होने से पहले ही खत्म हो जायेगी , (उपर देखकर )ऐ खुदा बचाले मुझे अब्बा से इस बार .

यू आसमान मे देखकर कर क्या बड़ बड़ा रहे हो … जाहिद के अब्बा ने कहा .

नही नही वो तो मे वैसे ही अब्बा … जाहिद अटक अटक कर बोला . जिसे सुनकर उसके अब्बा हंसने लगे और फिर उसके सर पर हाथ फिराकर कहा .

जाहिद के अब्बा : तुम भी ना जाहिद तुम्हे बेवजाह मुझसे डरने की जरूरत नही है मै कोई भूत थोड़े ही ना हूँ जो मुझसे इस तरह डरते हो मै तुम्हारा बाप हूँ जो कभी कभी तुम्हारी गलतियो पर तुम्हे धमका देता हूं .

जाहिद अब्बा की बात सून थोड़ी सुकुन की सास ली .
आप भी ना अब्बा आप कितना डरा देते है और यू बड़ी बड़ी आंखे करते है ना तो लगता है आज मेरी सामत आ गई .

उसके अब्बा फिर मुस्कुराये और उसकी कमर थपथपाई ,
वैसे चूड़िया कहा है बरखुददार आप तो खाली हाथ खड़े है … जाहिद के अब्बा ने कहा .

मै दुकान पर चूड़िया लेने जा रहा था तो वो अब्बा आपको स्कूटर पर आता देखा तो भाग पड़ा वहा से , लो अभी ले आता हूं…. जाहिद ने कहा .

रुको तुम, मै शाम को खुद लेता जाऊंगा अब तुम अन्दर दुकान मे चलो …. उसके अब्बा ने कहा .

वह दुकान मे जाने लगता है तो उसके अब्बा उससे कंधे पर हाथ रख कर कहते है .

जाहिद के अब्बा : शक्रिया .

वो किस लिए अब्बा … जाहिद ने कहा .

मुझे याद दिलाने के लिए वैसे भी हमसे थोड़ी खफा है बैगम आज कल क्या पता चूड़ियो से थोड़ी नाराजगी कम हो जाये …जाहिद के अब्बा ने मुस्कुराकर जवाब दिया .

जिसे सुनकर जाहिद भी मुस्कुराता है और फिर दुकान के अंदर चला जाता है .

इधर नूर घर आती है तो उसके अब्बा घर नही थे उसकी अम्मी वही तखत पर बैठी उन से स्वेटर बुन रही थी वह उनके पास आकर बैठ जाती है और उनके काँधे पर सर रख देती है , उसकी अम्मी को उसको यू इस देखकर उसकी उदासी समझ लेती है तो वह एक हाथ से उसका गाल सहलाती है 

नूर की अम्मी : आ गई मेरी बच्ची तुझे मैने कहा है अकेले बाहर ना जाया कर मगर तू इस मां के दिल की बात नही समझती, तेरी ये मां तुझसे कितनी मौहब्बत करती है तुझे इसका इल्म ही नही है , पता है मै कितनी खोफ मे रहती हूं अगर तेरे साथ कुछ हो गया तो मै जीते जी मर जाऊंगी , मै पहले ही अपना .

वह इतना बोलते ही चूप हो जाती है , नूर अपनी अम्मी मौहब्बत से अच्छी तरह वाकिब थी , भलेहि वह औरत उसकी असल मां नही थी, मगर वह नूर को जान से भी ज्यादा चाहती थी उसको अपनी सगी औलाद से भी ज्यादा 
मौहब्बत थी उसका ख्याल रखा उसको अपने हाथो से खाना खिलाया उसको इंसानी तालीम दी , उसको लोगो की परवाह करना सिखाया , उसको सिखाया कि एक सच्चा इंसान लोगो की कैसे मदद करता है, लोगो के कैसे काम आता है .

नूर को उसके इंसानी मां बाप ने उसको एक इंसान की तरह पाला उसे कभी गैर मखलूख नही समझा और इसी वजह से वह इंसानो से मौहब्बत करती थी और अपनी जादूई ताकत से वह इंसानो की मदद करती थी और अब तो वह अपने आप को एक इंसान ही समझने लगी थी .
वह अपनी अम्मी की मोहब्बत समझ रही थी , उनकी बाते बड़े ध्यान से सून रही थी , मगर उनकी आखरी लाईन पर उसका ध्यान गया तो वह एक दम उनसे अलग हुई .

मै पहले ही अपना क्या अम्मी ? आप अपनी बात पूरी करे … नूर ने अम्मी से पूछा .

वो कुछ नही मेरी बच्ची वो मेरे मुह से वैसे ही निकल गया , तू ये बता आज तू उदास क्यू है ? और इतनी थकी थकी क्यू है ?…. उसकी अम्मी ने बात बदल कर कहा .

नूर समझ गई थी कोई बात है जो उसकी अम्मी उसको नही बताना चाहती इसलिए उसने आगे बात ना बड़ाना सही समझा .

कुछ नही मै तो ठीक हू अम्मी आपको ऐसा क्यू लग रहा है मै उदास हूँ…. नूर ने कहा

चल झूठ ना बोल मुझसे मै सब समझती हूं तुम नुसरत से मिलकर आ रही हो पता है मुझे जरूर कोई बात हुई होगी तुम दोनो के बीच तभी तुम्हारा चेहरा इतना उतरा हुआ है .

अम्मी की बात सून कर वह चोक गई फिर उनसे पूछा

नूर : आपको कैसे पता मै आज नुसरत से मिली क्या वो यहा आई थी ? क्या उन्होंने कुछ किया आपके साथ क्या उन्होंने आपको धमकाया ? दिखाईये कई उन्होंने आपको ज्खमी तो नही कर दिया .

नही नही उसने कुछ नही किया मेरे साथ, वो दोपहर मे आयी थी तुमसे मिलने पर तुम यहा थी नही तो मैने उन्हे कहे दिया तुम बाहर गई हो तो वह चली गई बस इतना ही…. नूर की अम्मी ने कहा .

बस इतना ही ,जरूर उन्होंने आपको धमकाया होगा वो निशान आपके गले मे साफ नजर आ रहा है और आप मुझसे झूठ बोल रही है…. नूर ने कहा .

नूर की अम्मी : वो तो तुम जानती ही हो ना वो कैसी है हम इंसानो से नफरत करती है .

पता नही क्या दुश्मनी है उनकी इंसानो से जो वो इतना गुस्सा रहती है…. नूर ने कहा 

मै जानती हूँ वो क्यू नफरत करती है हम इंसानो से… नूर की अम्मी ने कहा .

आपको पता है तो मुझे भी पता होना चाहिए आखिर क्यू वह इतना नफरत करती है इंसानो से , क्या आप मुझे बताओगी अम्मी ? ….. नूर ने कहा .

नूर की अम्मी : हा उन्होने एक बार बताया था ,पर मुझे नही पता तुम्हे ये बात बतानी चाहिए या नही मगर मुझे लगता है तुम्हे ये बात जाननी चाहिए .

एक बार मै बाजार जा रही थी तब मैने उन्हे किसी को घूरता देखा जब मैने अपनी नजर उधर दौडाई जिधर वह देख रही थी वह एक अस्पाताल था उस अस्पताल के आंगन मे एक शक्स को वहा बेंच पर बैठा देखा उसे देख कर लग रहा था 
कि वह जेहनी तोर पर कमजोर है, नुसरत बस उस शक्स को ही देखे जा रही थी उसके आंखो से आंसू बहे निकले थे , फिर वह शक्स नुसरत को देख लेता है और पागलो की तरह हरकत करता हुआ नुसरत के पास पहुच जाता है और उसका हाथ पकड़ कर वह माफी मांगता है मगर नुसरत उसे गुस्से से अपने से दूर कर देती मगर वो शक्स जमीन पर पड़ा गिडीगड़ा रहा था और उससे मांफी मांग रहा था फिर वहा पर अस्पताल के कुछ लोग उस शक्स को अन्दर ले जाते हैं .

फिर मैने नुसरत की ओर देखा तो वह वहा नही थी फिर मै मुड़कर चली तो वह मेरे पिछे खड़ी थी .

क्या तुम्हे मुझसे डर नही लगता जो तुम इस तरह मेरा पिछा कर रही हो … नुसरत ने गुस्सा दिखाते हुए मुझे कहा .

नही नही मे तो यहा से गुजर रही थी तब आपको खड़ा देखा,  मैने आपका पिछा नही किया मै कसम खाती हूं … मैने डरते हुए कहा .

नुसरत : तुम्हारे लिए अच्छा होगा तुम मुझसे दूर ही रहो और कभी मेरे रास्ते मे ना आओ .

उसका लहजा खोफ भरा था फिर भी मैने उनसे उस शक्स के बारे मे पूछा , वो कौन था … मैने उनसे कहा .

मेरा सवाल सुनकर उनका चेहरा दुख मलाल और गुस्से से भर गया , फिर उन्होंने मेरी ओर देखा और गुस्से से कहा .

नुसरत : वो शक्स जिसे तुमने देखा वो इंसान जिसे मै मौहब्बत कर बैठी थी और वो भी अपने कबिले और अपनी जीनो की कोम के खिलाफ जाकर मैंने उसे मौहब्बत की  और वो भी मुझसे मौहब्बत करता था हम रोज एक दूसरे से मिलते थे, हम एक साथ एक खुबसुरत जिन्दागी बिता रहे थे फिर उसे पता चला कि मै एक जीन हूँ तो वो डर गया , उसका डरना मै समझ सकती थी, मगर उसने मुझे नही छोड़ा उसने मुझसे मिलना जारी रखा मै खुश थी कि वह मेरे बारे मे जानकर भी वह मुझसे मौहब्बत करता है मगर मै गलत थी और फिर एक दिन उसने मेरी साथ दगा किया वो कुछ मोलवियो को लेकर मेरे पास आया उसके साथ उसकी बहन और उसकी मां भी थी , तब मुझे पता चला कि वह शुरू से ही मेरे बारे मे सब जानता था , वह उसकी मां और बहन, ये लालची लोग मिलकर मेरे जरिये अमीर बनने कि फिराक मे थे वो मेरे साथ रहकर ये जानने की कोशिश कर रहा था कि मै अपनी जादूई ताकत से क्या क्या कर सकती हूं और जब उसे पता चला कि मै मेरी जादुई ताकत से वो लोग सच मे अमीर बन सकते है तो उन्होंने उन मोलवियो का सहारा लिया अपने लालच को पूरा करने के लिए , उन मोलवियो ने इल्म की ताकत से मुझे काबू करने की कोशिश की और कामयाब भी हो गाये थे , मगर मेरे अन्दर उन लालची लोगो के खिलाफ जो गुस्सा भर गया था वह फूट पड़ा मैने उन मोलवियो को अपनी जादूई ताकत से खत्म कर दिया, फिर उसकी मां और बहन को भी नही बक्सा 
उन्हे भी इस दुनिया से रुखसत कर दिया और फिर बचा वो शक्स जिसने मेरी साथ मौहब्बत का खेल खेला था मैने उसे 
कई रोज तक इतना तड़पाया कि वह अपनी दिमागी हालत खो बैठा ,तब जाकर मेरा गुस्सा ठंडा हुआ मै उसे मार सकती थी लेकिन नही मारा क्यूकि मै उसे रोज मरता देखना चाहती थी और मै देख रही हूं .
मुझे मेरी इंसानो को मारने की सजा मिली और मुझे मेरे कबिले से निकाल दिया गया मेरी आधी जादुई ताकत भी छिन ली गई .
उस शक्स ने मुझे सिखाया कि तुम इंसान कितने धोकेबाज और लालची होते हो ,तुम पर कभी भरोसा नही किया जा सकता और अब तक मुझे तुम लोगो पर भी भरोसा नही है मगर नुर के मां बाबा से वादे के मुताबिक तुम लोगो को उसके मां बाप बनने का हक मिला है, उसका खयाल रखना अब तुम्हारी जिम्मेदारी है और ये मत भूल जाना की वह एक जीन है और उसके साथ कभी दगा नही करना वरना वो तुम्हारा आखरी दिन होगा .


नुर की अम्मी की बात खत्म हुई तो नुर नुसरत के लिए बहुत बुरा महसूस करती है उसे उनके लिए दुख होता है और फिर
वह अपने आप से वादा करती है वह कभी किसी इंसान की मोहब्बत मे नही पड़ेगी .


इधर घर पर जाहिद का बुरा हाल था वह नुर के ही बारे मे सोचे जा रहा था उसके दिल ने नुर के लिए जगह बना ली थी वह नुर से मोहब्बत करने लगा था अब वह नुर से बार बार मिलना चाहता था वह अपने आप को नुर के ख्यालो मे खोया बिस्तर पर लोट पोट होता रहा कब रात हुए कब सवेरा हुआ उसे पता ही नही चला वो बस नुर के ही ख्यालो मे था वह उससे मिलने की कोई तरकीब ढूढ़ने लगा मगर 
कुछ समझ नही आ रहा था फिर वह नीन्द की आगोश मे 
चला गया उसे सोये हुए कुछ वक्त ही हुआ था कि उसके कमरे का दरवाजा बज उठा, उसने उठकर कर दरवाजा खोला तो सामने अपनी अम्मी को पाया उसकी अम्मी ने उसे देखा तो उसकी आंखे सुजी पड़ी थी रात की निन्द ना ले पाने की वजाह से वह उससे पूछती है .

जाहिद की अम्मी : बेटा तुम ठीक तो हो तुम्हारी आंखो को क्या हुआ क्या तुम रात भर सोये नही तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ( उसके सर पर हाथ रखकर) देखा .

तभी जाहिद की नजर कमरे से निकलते अपने अब्बा पर पड़ जाती है तो वह हा अम्मी मे ठीक हू आप फिक्र ना करे कह कर जल्दी से तैयार होने चला जाता है , फिर अ नाश्ता कर अपने अब्बा की साथ दुकान पर चला जाता है,
पर दुकान पर भी वह नुर के ही ख्यालो मे ही खोया था 
उसका वहा मन नही लग रहा था जब उसके अब्ब उसको इस हालत मे देखते है तो वह उसके पास आते और उसके सर पर हाथ रख कर देखते है तो उसका माथा तप रहा था .

जाहिद के अब्बा कहते है : जाहिद बैटा तुम अब घर चले जाओ तुम्हार तबीयत ठीक नही लग रही जाकर किसी डॉक्टर को दिखाकर दवाई ले लो और आराम करो .

वह अब्बा की बात सुनकर मन ही मन खुश होता है उसे मोका मिल गया था नुर से मिलने का तो वह खुशी खुशी वहा से निकल कर नुर के घर की तरफ पहुच जाता है .


कहानी जारी है.....✍️