RAHE TERI DUA MUJH PER -CHOTHA HISSA in Hindi Fiction Stories by MASHAALLHA KHAN books and stories PDF | रहे तेरी दुआ मुझ पर - चोथा हिस्सा

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रहे तेरी दुआ मुझ पर - चोथा हिस्सा

चोथा हिस्सा ( भाग ) - वक्त मे पिछे - 1

फ्लेशबेक.…………………. 

छब्बीस साल पहले की जब  जाहिद बेग यानि शाहिद के अब्बू और उसका परिवार लखनाऊ रहा करते थे उनकी एक लेडिस कपड़ो की एक दुकान हुआ करती थी वह  दुकान जाहिद के अब्बा चलाया करते थे जाहिद ने जवानी की दहलीज पर कदम रखा था वो उस वक्त बाईस या तेईस साल का रहा होगा उसने बारवी के बाद पढ़ना छोड़ दिया था उसके अब्बा उसे दुकान पर बैठने के लिए कहा करते थे पर उसे दुकान पर बैठना पसंद नही था 

उसे दोस्तो की साथ घूमना फिरना फिल्मे देखना पसन्द था 
वो अपना सारा दिन घर और दोस्तो मै ही गुजरता था जिसकी वजह से उसके अब्बा उससे गुस्सा रहा करते थे .

उसी वक्त वह नूर से मिला था नूर एक खुबसुरत मासूम और चुलबुली वाली हमेशा चेहरे पर मुस्कान रखने वाली दूसरा की मदद करने वाली बहुत ही प्यारी लड़की थी मगर वो एक जीन थी तो वह लोगो से ज्यादा वास्ता नही रखती थी मगर चूपके चूपके लोगो की मदद कर देती थी अपनी जादुई शक्तियो से .

पहली बार जब शाहिद उससे मिला तो उसके पिछ कुत्तो का एक समूह लगा था नूर उनसे बच कर भाग रही थी वह जहा थी वह सूनसान रास्ता था रात के करीब साढे नो बजे थे और सर्दी के ऐसे मौसम मे तो सड़के भी सुनसान हो जाती है जाहिद उस समय सिनेमा से इवनिंग का शो देखकर आ रहा था वह अपनी धून मे पेदल ही घर तरफ जा रहा था उसे अन्दाजा ही नही था आज उसकी किस्मत बदल जायेगी जो लड़की उसकी जिन्दगी मे  दस्तक  देने आ रही है वो लड़की एक जीन है .

नूर एक घर से बाहर निकलती है और अपने घर की ओर चलना शुरू कर देती है रास्ते मे उसे एक बुजुर्ग सा आदमी उस रास्ते के एक तरफ लेटा हुआ था उसने अपने उपर एक पतली सी चादर ओड़ रखी थी वह ठंड से काप रहा था तो उस बुजुर्ग को इस हालत मे देख कर नूर  उस बुजुर्ग  आदमी पर तरस आ जाता है तो वह अपने जादू से उसके लिए एक रजाई और खाने के कोई समान बनाती है और फिर उस बुजुर्ग को उठाकर उसे वो समान देती है .
वो बुजुर्ग उसे यू देख कर चौक जाता है फिर उससे पूछता है .
बुजुर्ग : तुम कौन हो बेटी और इतनी रात मे मेरे लिए ये समान कहा से लाई .
नूर : (झूठ बोल कर ) अरे बाबा मै यही पास मे रहती हूँ आपको यू इस तरह देख कर मुझे बुरा लगा तो भाग कर अपने घर से ये सामान लियायी .
बुजुर्ग : खुदा तुम्हारा भला करे बेटी मेरी दुआ है तुम हमेशा खुश रहो .

उस बुजुर्ग की दुआए लेकर  वह अपने रास्ते चल पड़ती है
जब वो वहा से आगे चलती है तो उसे रास्ते मे एक कुत्ता देख लेता है तो वह  भोकना शुरू कर देता है और फिर कई और कुत्ते जमा हो जाते तो नूर वहा से भाग लेती है , 


नूर बस उस रास्ते भागे जा रही थी वह उस सुनसान रास्ते से थोडे रिहायसी इलाके मे पहुची मगर वहा पर अन्धेरा हुआ पड़ा था शायद उस समय बिजली गई हुई थी वह उन कुत्तो से बचते बचाते भागती है फिर वह एकाएक किसी से टकराती है टकरा कर वह नीचे गिरने वाली होती है जिससे वह टकराती है वह शक्स उसका हाथ पकड़ कर उसे गिरने से बचा लेता है और उसे अपनी बाहो मे ले लेता है नूर जिसकी बाहो मे इस वक्त थी वह शक्स जाहिद था 

इस वक्त नूर जाहिद की बाहो मे थी और तभी पास के खम्भो की लाइटे जल जाती है और रोड़ रोशन हो उठता है जब रोशनी उनके उपर पड़ती है तो जाहिद को नूर चेहरा दिखाई पड़ता है वो उसे देखता ही रह जाता है वो बला की खुबसुरत थी उसने आज तक अपनी जिन्दगी मे इतनी खुबसुरत लड़की नही देखी थी वो सफेद गोल्डन कलर के सलवार सूट मे पहने हुए थी उसने सर पर दुपट्टे को ढका हुआ था उसका चेहरा एक दम गोरा था उसका चेहरे से नूर बरस रहा था उसकी नाक हल्की लम्बी बिदी हुए मगर खुबसूरत थी उसके होठ एक दम गुलाबी थे उसकी आँखे नीले रंग की थी उसने दोनो कानो में बाली पहने हुए थी 
उसका सारा शरीर एक दम गोरा दूध जैसा सफेद था वो  आसमान से उतरी हुई किसी परी कम नही लग रही थी उसके बदन से आती खुशबु उसको सम्मोहित कर रही थी .

जाहिद तो बस उसे देखकर उसमे खो गया उसका दिल जोरो से धड़क रहा था उसे ये भी याद नही उसने जिस लड़की को अपनी बाहो मे ले रखा है वो तो उसको जानता भी नही वह बस नूर को ही देखे जा रहा था

वही नूर भी जाहिद को ही देखे जा रही थी ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी शक्स ने उसे छुआ था कोई इतना करीब था वरना तो वो लोगो को अपनी जादूई शक्ति से दूर भगा देती है,

जाहिद भी दिखने मे कम नही था वो खुबसुरत जवान लम्बी कठ काठी और ताकतवर शरीर का मालिक था उससे चेहरे पर हल्की दाढ़ी मूछ उसकी आंखे हल्के भूरे काले रंग की थी उसका  शरीर दिखने मे गोरा खुबसुरत जवान मर्द का  था उसने नीले रंग पेंट और सफेद शर्ट डाली थी नूर भी पता नही क्यू उसमे ही खो गई,

दोनो एक दूसरे मे ही खोये हुए थे , तभी वो कुत्तो का समूह वहा आ पहुंचता है और दोनो को घेर लेता है कुत्तो का भोकना सुनकर दोनो होश मे आते है नूर उन कुत्तो को फिर से देखकर डर जाती है फिर जाहिद का हाथ पकड़ कर उससे मदद मांगती है .

नूर : महरबानी करके मेरी मदद करे मेरा इन कुत्तो से पिछा छुड़ा दीजिए आपका अहसान होगा ये मेरा बहुत देर से पिछा कर रहे है मुझे बहुत डर लग रहा है कही ये मुझे काट ना खाये .

जाहिद : अरे मोहतरमा ऐसा क्या कर दिया इन कुत्तो के साथ जो सारे ही आपके पिछे पड़ गये .

नूर : वो छोड़िये आप महरबानी करके मुझे बचा ले .

जाहिद : अरे कैसे बचाले भाई देखो तो कितनी खुखार किस्म के कुत्ते है वो देखो सफेद वाला उसके दांत कितने नुकीले है और वो काला वाला वो तो लगता है खा ही जायेगा .

सिस्स सिस्स दूर हटो दूर हटो देखो मै अच्छा आदमी नही हूँ अगर मुझे गुस्सा आ गया ना तो एक एक को चून चून के मारूंगा जाहिद ने उन्हे भागना चाहा .

लेकिन वह कुत्तो का समूह वहा से नही हिलता तो वह उन्हे भागाने के लिए कुछ ढूढ़ता है और उसे पास ही एक लकड़ी का डंडा मिल जाता है तो वह उसे हाथ मे उठा कर फिर फिल्मी डाइलोग मे कहता है .

जाहिद : अब आओ सालो ,कुत्तो कमिनो मे तुम्हारा खून पी जाऊंगा .

नूर : जनाब ये फिल्मी डाइलोग बाद मे मारे  पहले उन्हे भगओ जरा, कही ये आप का ही ना खून पी जाये .

जाहिद : अरे डराती क्यू हो भाई मेने आपका क्या बिगाड़ा है जो मुझे ऐसे डरा रही है और आप फिक्र मत करो अभी भगाता हूँ इन्हे यहा से .

फिर वह उस डंडे से उन कुत्तो को भगाता है उस डंडे को जमीन पर मार कर उन्हे डराता है और कुत्ते एक एक करके सभी वहा से निकल जाते है फिर वह नूर के पास आता है .

जाहिद : लो जी मोहतरमा आपकी मदद कर दी सभी कुत्ते यहा से भाग गए अब आपको डरना नही चाहिए .

नूर : शुक्रिया आपका आपने मेरी मदद करी आपका अहसान रहेगा मुझपर .

जाहिद : अरे नही नही शुक्रिया की कोई जरूरत नही वैसे आपका घर किधर है 

नूर : जाहिद की ओर देखकर आप क्या करेंगे मेरे घर का पता जान कर आपके इरादे ठीक नही लगते .

जाहिद : अरे ऐसी बात नही है वो यू आप इस तरह रात को रोड़ पर अकेली है ना इसलिए मैंन सोचा आपको आपके घर तक छोड़ दू तो बताईया कहा है आपका घर .

नूर : नही मै खुद चली जाऊंगी घर वैसे भी वो ज्यादा दूर नही है .

जाहिद : ये तो अच्छी बात है चलो मै आपको घर तक छोड़ देता हूं .

नूर : मैने आपसे कहा ना मै खुद चली जाऊंगी अपने घर तक .

जाहिद : देखियो मोहतरमा मै यू आपको अकेला नही जाने दे सकता वैसे भी इतनी रात को आपको यू अकेले बाहर नही जाना चाहिए आज कल का माहोल ऐसा नही है अकेली औरत को देखकर लोग उन कुत्तो से भी ज्यादा हेवान बन जाते है और मै अपने सामने किसी औरत को उन हैवानो का शिकार होते नही देख सकता और अगर आपको मुझसे कोई तकलीफ हो तो मै आपसे दूरी बनाकर चलूंगा .

नूर जाहिद को सुन रही थी पता नही बाते अच्छी लग रही थी  वैसे उसे किसी भी मदद की जरूरत नही थी मगर वह जाहिद को घर छोड़ने के लिए हा कर देती है .

नूर : ठीक मगर दूर होकर चलेंगे आप मुझसे और मुझे घर छोड़कर आप रस्ते निकल जाना और मेरे घर के बाहार मजनूओ की तरह चक्कर लगाने ना लग जाना वैसी भी कोई कमी नही है मजनुओ की मुझे एक ओर नही बढ़ाना .

जाहिद : देखो आप मै कोई मजनू वजनू नही हूँ मै तो सिर्फ मदद कर रहा हूं आपकी वैसे भी आप इतनी खुबसुरत हो तो लाईने तो लगेगी ही मजनुओ की .

नूर : देखा ना आ गये ना ओकात पर .

जाहिद : अरे भाई तारीफ ही तो कर रहा था आपकी चलो कुछ नही बोलूंगा अब आपको ,चलो चले . .

फिर दोनो चल पड़ते है नूर के घर की तरफ .

जाहिद : वैसे आप कर क्या रही थी रात को अकेले रोड़ पर ?

नूर : आपने कहा था कि आप बोलेंगे नही .

जाहिद : अरे बता दीजिये ना .

नूर : वो मेरे अब्बा एक हकीम है तो उनके मरीज को दवाई देने गई थी .

जाहिद : इतनी रात मे .

नूर : नही दिन मे गई थी वहा उनकी बेटी की साथ वक्त का पता ही नही चला तो रात हो गई .

जाहिद : वैसे अब रात को अकेले मत निकलियेगा हो सके तो अपने अब्बा को साथ लेकर जाया करे .

नूर को जाहिद की बाते सुनकर बड़ा अच्छा लग रहा था उसका दिल कर रहा था कि वह उससे और बाते करे मगर वह अब चूप चाप चल रहा था और फिर थोड़ी दूरी पर उसका घर आ जाता है घर की सीढ़ी पर उसका उसकी अम्मी इन्तेजार करती दिखाई दी वह जाहिद को वही रोक कर अपने घर की तरफ चली जाती है .

नूर : लो मेरा घर आ गया अब आप अपने रस्ते चले जाओ .

जाहिद : ठीक है वैसे आपका नाम क्या?

वह इतना बोलता इससे पहले नूर वहा से निकल जाती है ,
वह उसे जाते हुए देख रहा था वह अपने घर जाती है सामने से एक औरत उसका नाम लेकर पुकारती है .

औरत : नूर बेटी कहा थी तुमने इतनी देर कैसे लगा दी मै तुम्हारा कब से इन्तेजार कर रही थी .

नूर : नही अम्मी वो हिना की साथ बातो मे वक्त का पता ही नही चला , चलो अन्दर चलते है .

शाहिद : (मन मे ) तो इस खुबसुरत परी का नाम नूर है होना भी चाहिए नाम की तरह नूर जो बरसता है इस पर ,
कोई नही नूर जी फिर मुलाकात होगी आपसे .

फिर जाहिद अपने घर की ओर चल देता है .

कहानी जारी है ...