Dhun ishq ki.... Par dard bhari - 28 in Hindi Love Stories by Arpita Bhatt books and stories PDF | धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 28

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धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 28

थोड़ी देर बार साहिल ही चुप्पी तोड़ता है और बोलता है कि;

साहिल - शायद तानिया दीदी उठ गई होगी, मैं उन्हे देखकर आता हुं। तुम अपना ध्यान रखना सिमरन! और फिर सिमरन के कमरे से बाहर चला जाता है। 

कमरे से बाहर आते ही साहिल जल्दी से खुद के कमरे में जाता है और स्माइल करता है। वो उस पल को याद करने लगता है जब सिमरन और वो एक दूसरे के करीब थे। साहिल मन में सोचता है कि, सिमरन ने सामने से मुझे किस किया इसका मतलब वो भी मुझे लेकर कुछ तो फील करती है। आज भगवान जी इतनी खुशी एक साथ दे देंगे तो मैं पागल ना हो जाऊं! कही मैं सपना तो नहीं देख रहा हुं ना! नही नही, यह असलियत है! सिमरन ने मुझे सामने से किस किया! साहिल सच में बहुत खुश लग रहा था। उसके दिल में जो फीलिंग्स थी, उसे समझ में आने लगी थी। 

इधर सिमरन अपने कमरे से साहिल के जाते ही खुद को सर के पीछे एक टपली मारती है, और खुद से ही बोलती है कि सिमरन , पागल है तू बिल्कुल! साहिल पता नही क्या सोच रहा होगा अब मेरे बारे में! उसे खुद को समझ में नही आ रहा था कि उसे अचानक से क्या हो गया था। तभी वो फिर से उस पल को याद करती है और मुस्कुराने लगती है। तभी उसके दिमाग में विपिन की बातें आने लगती है और वो मायूस हो जाती है। 

इधर तानिया अपने कमरे में नहाकर सो जाती है, तो उसे पता ही नही होता है कि अभी उनके घर में क्या हुआ होता है। वो जैसे ही उठकर हॉल में आती है तो देखती है कि हॉल का सामान इधर उधर बिखरा पड़ा है जैसे यहां किसी ने लड़ाई करी हो! तो वो साहिल को आवाज लगाती है। 

साहिल जो कि आप कमरे में उस पल को याद करके खोया हुआ था, तानिया की आवाज से होश में आता है और जल्दी से नीचे हॉल में जाता है। उसके आते ही तानिया पूछती है कि;

तानिया - साहिल, यह सब सामान बिखरा हुआ क्यों है?  हम सो रहे था तब कुछ हुआ क्या?

उसके बाद साहिल, तानिया को सब कुछ बता देता है कि कैसे विपिन ने यहां आकर तमाशा किया!

तानिया -यह विपिन की हिम्मत कैसे हुई हमारे घर पर आकर सिमरन के साथ ऐसा बिहेव करने की! सिमरन ठीक तो है न, साहिल? तानिया ने चिंता करते हुए पूछा।

साहिल - हां दीदी, अब वो ठीक है। दीदी, मैं बाहर जाकर देखता हूं कि यह सिक्योरिटी गार्ड आखिर करता क्या है? ऐसे कोई भी अपने घर में घुसा चला आता है।

तानिया - हां साहिल, हम तब तक सिमरन से मिलकर आते है। 

और तानिया सिमरन से मिलने उसके कमरे में चली जाती है। 

इधर आचार्य हाउस में;

किरण हॉल में बैठी हुई होती है, और अपने करियर के बारे में सोच रही होती है। वो सोच रही होती है कि उसने अपने पापा को बोल तो दिया है कि वो सब हैंडल कर लेगी, लेकिन उसे खुद पता है कि उसकी आवाज इतनी इफेक्टिव नही है। इसलिए तो वो सिमरन की आवाज का इस्तेमाल करती थी। तभी उसे एक कराहने की आवाज आती है। वो देखती है कि बाहर से विपिन चला आ रहा होता है, और उसे पूरे शरीर में चोटें लगी हुई होती है। किरण ये देखते ही घबरा जाती है और जल्दी से विपिन की तरफ दौड़ती है, और उसे संभालते हुए पूछती है कि;

किरण - यह क्या हुआ तुम्हे विपिन? कैसे हुआ यह सब? और जल्दी से सभी को आवाज लगाती है। 

विपिन तो मन ही मन गुस्से में आग बबूला हो रहा होता है और साहिल पर गुस्सा कर रहा होता है। तभी किरण के इन सवालों से वो और भी इरिटेट हो जाता है। लेकिन वो कुछ नही बोलता है, और चुप रहता है। 

इधर किरण तो विपिन की ऐसी हालत देखकर ही रोने लगती है। उससे विपिन का दर्द देखा नही जा रहा होता है। 

तब तक सुहाना जी और राजीव जी भी आ जाते है और किरण से पूछने लगते है कि ;

सुहाना जी - बेटा, क्या हुआ है विपिन को? इसे इतनी चोटें कैसे लगी?

राजीव जी - रुको, मैं डॉक्टर को घर बुला लेता हुं फोन करके! और वो फोन करने एक तरफ चले जाते है।

तब तक सुहाना जी और किरण, विपिन को सहारा देकर उनके रूम में लेकर जाते है। 

इधर ईशान अपने कमरे में होता है और वीडियो कॉल पर नक्ष से बात कर रहा होता है। 

ईशान - तूझे पता है नक्ष, सिमरन दीदी को मेरा सरप्राइज़ बहुत पसंद आया। आज तो मजे आ गए। 

नक्ष - हां हां, एक तो मुझे शादी में बुलाया नही, ऊपर से यहां फोन पर इतरा रहा है। नक्ष ने थोड़ा गुस्सा होते हुए कहा। 

ईशान - तुझे बता तो दिया यार कि मुझ खुद भी यहां आकर पता चला है कि दीदी ने शादी कर ली। अब तू ड्रामा ना शुरू कर! तभी ईशान को किरण की आवाज आती है पर वो इग्नोर कर देता है। 

नक्ष - हां, ऐसे ही तू भी शादी कर लेना, और बताना भी मत मुझे! फिर उसे कुछ याद आता है और वो बोलता है कि अबे साले, तू यह तो बता कि हमारी भाभी मिली या नही अब तक! या अब तक ऐसे ही घूम रहा है।

तभी ईशान के मन में तानिया आती है और वो मुस्कुरा देता है। 

ईशान - तू नही सुधरेगा! कोई नही है यार! 

नक्ष - यह जो तू अभी मुस्कुराया है ना, इसी से पता चल रहा है कि भाईसाहब नंबर पर लग गए है। चल चल अब नाटक मत कर और बता कि कौन है? 

ईशान - पागल ऐसा कुछ नही है। बस अच्छी लगती है मुझे लेकिन हमारा कुछ नही हो सकता है यार! फिर ईशान, नक्ष को तानिया के बारे में बता देता है। 

नक्ष - मतलब कि तुझे तानिया से प्यार व्यार हो गया है जो शायद तुझसे बड़ी होगी! शायद क्या पक्का वो तुझसे बड़े ही होंगे। 

ईशान - ओए, मैने कहा कि पसंद है। अभी उन्ही के बारे में सोच रहा था मैं! वैसे भी मैं एज डिफरेंस को नही मानता हुं। पर उनका साथ बड़ा अच्छा लगता है यारा! 

नक्ष - हां यार, लेकिन क्या वो भी तुझे पसंद करती है? पहले तू उनके बारे में जान, उनको समझ! फिर जब तुझे लगे कि वो भी तुझे पसंद करने लगी है तब जाकर अपने दिल की बात बता देना! मैं तेरे साथ हुं हमेशा! 

ईशान - तू सही कह रहा है यारा, थैंक्यू! 

नक्ष - हां हां, बस अब! यह बता कि तुझे पूजा मिली अब तक? 

ईशान - नही यार! उस दिन के बाद उसका कॉल भी नही आया और वो मिली भी नही मुझे! अगर वो कॉन्टैक्ट करने की कोशिश करेगी, तो तुझे बता दूंगा! तूझे टेंशन हो रही है क्या उसकी? 

नक्ष - नही यार! पर तूने कहा था ना कि उसने तुझे कॉल किया था, तो बस पूछ लिया। 

[ ईशान मन में सोचता है कि मैं जानता हूं कि तू पूजा की इतनी फिक्र क्यों करता है? और तेरे लिए मैं पूजा से बात भी करूंगा और उसे तेरी फीलिंग्स के बारे में भी बताऊंगा! ]

ईशान - चल ठीक है,अब मैं कॉल रखता हूं। तू भी ध्यान रख अपना! और पूजा की खबर मिलेगी, तो मैं तुझे बता दूंगा! उसके बाद दोनो फोन रख देते है और ईशान, नक्ष की बातों को सोचने लगता है। 

इधर डॉक्टर तब तक विपिन का चेकअप कर लेते है और उसे जहां पर भी चोट लगी थी, वहां पर पट्टी भी बांध देते है। फिर डॉक्टर, विपिन से पूछते है कि क्या आपकी किसी से हाथापाई हुई थी? क्योंकि ऐसी चोटें अक्सर तब ही लगती है।

क्रमश :