Kiss – A Story in Hindi Short Stories by Bikash parajuli books and stories PDF | किस – एक गाथा

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किस – एक गाथा

अध्याय 1 – नई शुरुआत

दिल्ली यूनिवर्सिटी का कैंपस।
साल 2030।
बारिश की हल्की फुहारें और कैम्पस के पुराने पेड़ों के नीचे चहल-पहल।

यहीं पहली बार अर्जुन ने सिया को देखा।
सिया सफेद कुर्ते और नीली जींस में भीगी-भीगी सी भागते हुए क्लास में आई। उसके चेहरे से पानी की बूंदें टपक रही थीं।

अर्जुन उसी क्लास में नया-नया आया था। वह चुपचाप कोने में बैठा उसे देख रहा था।
दिल की धड़कनें जैसे किसी ने बढ़ा दी हों।


🌸 अध्याय 2 – दोस्ती की राह

शुरुआत में अर्जुन और सिया में कोई बातचीत नहीं हुई।
लेकिन एक दिन लाइब्रेरी में दोनों आमने-सामने आ गए। सिया की किताबें गिर गईं और अर्जुन ने झुककर उन्हें उठाया।
सिया मुस्कुराई –
“थैंक यू…”

अर्जुन ने हकलाते हुए कहा –
“क…कोई बात नहीं।”

यही से उनकी दोस्ती की शुरुआत हुई।
धीरे-धीरे साथ पढ़ना, साथ कैंटीन में बैठना और कभी-कभी कॉलेज के गार्डन में घंटों बातें करना उनकी आदत बन गई।


🌸 अध्याय 3 – एहसास

दोस्ती कब प्यार में बदल गई, दोनों को पता ही नहीं चला।
अर्जुन हर बार सिया के बिना अधूरा महसूस करता, और सिया भी अर्जुन की बातों के बिना उदास हो जाती।

एक शाम दोनों इंडिया गेट पर बैठे थे।
चारों ओर रोशनी और लोगों की भीड़ थी।
अर्जुन ने पहली बार उसकी आँखों में देखा और कहा –
“सिया, मुझे लगता है कि मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता।”

सिया ने धीमे से मुस्कुराते हुए कहा –
“तो खोना मत।”

उस रात अर्जुन को पहली बार अहसास हुआ कि यह सिर्फ दोस्ती नहीं, बल्कि सच्चा प्यार है।


🌸 अध्याय 4 – इज़हार

एक दिन कॉलेज का वार्षिक समारोह था।
संगीत, डांस और हंसी-ठिठोली के बीच, अर्जुन ने सिया को भीड़ से दूर ले जाकर कहा –

“सिया, मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूँ। बहुत दिनों से… बहुत बार सोचता रहा… लेकिन अब और नहीं रोक सकता।
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ।”

सिया कुछ पल चुप रही, फिर उसकी आँखों में नमी और होंठों पर मुस्कान थी।
उसने धीरे से कहा –
“मैं भी…”

वो दोनों कुछ देर तक बस एक-दूसरे को देखते रहे।
और फिर… उनके बीच आया वो पहला जादुई पल।
हल्की ठंडी हवा चली, चाँदनी रात थी… और उनका पहला किस हुआ।

वो सिर्फ होंठों का मिलन नहीं था, बल्कि एक वादा था –
साथ निभाने का, हर हाल में।



🌸 अध्याय 5 – जुदाई

लेकिन ज़िंदगी हमेशा आसान नहीं होती।
सिया का परिवार परंपराओं से बंधा था। उन्हें अर्जुन पसंद नहीं था।
“लड़का तुम्हारे लायक नहीं,” यह सुनकर सिया के सपने टूटने लगे।

अर्जुन भी परेशान था। वह चाहता था कि सिया खुश रहे, लेकिन उसके बिना खुद को अधूरा पाता।

कई हफ़्तों तक दोनों चुप रहे, लेकिन दिल की आवाज़ दबाना आसान नहीं था।



🌸 अध्याय 6 – संघर्ष

अर्जुन ने हार नहीं मानी।
उसने पढ़ाई पूरी की, नौकरी पाई और धीरे-धीरे खुद को साबित किया।
सिया भी अपने परिवार से लड़ी, बार-बार कहा –
“मुझे अर्जुन से बेहतर कोई नहीं समझ सकता।”

दोनों ने दूरी, आँसू और मुश्किलों का सामना किया।
लेकिन हर बार जब उन्हें हिम्मत टूटती महसूस होती, वे उस पहले किस को याद करते –
जो उनका सबसे बड़ा वादा था।


🌸 अध्याय 7 – मिलन

सालों की मेहनत के बाद, वो दिन आया जब सिया का परिवार मान गया।
शादी के मंडप में बैठे अर्जुन और सिया की आँखों में आँसू थे।

फेरे लेते वक्त अर्जुन ने उसके कान में कहा –
“याद है, वो पहला किस?”

सिया मुस्कुराई –
“हाँ, और यही हमारे सफ़र की सबसे खूबसूरत शुरुआत थी।”



🌸 अध्याय 8 – एक नई गाथा

शादी के बाद दोनों की ज़िंदगी नए रंगों से भर गई।
कभी छोटी-छोटी नोक-झोंक, तो कभी बड़े सपनों की उड़ान।
लेकिन उनके बीच का प्यार हमेशा मजबूत रहा।

हर मुश्किल, हर खुशी, हर सफ़र में वो पहला किस उन्हें याद दिलाता रहा कि उनका रिश्ता सिर्फ शब्दों पर नहीं, बल्कि दिल के गहरे वादे पर बना है।


🌟 कहानी की सीख

👉 “किस – एक गाथा” सिर्फ एक रोमांटिक पल की कहानी नहीं है।
यह भरोसे, संघर्ष, और सच्चे प्यार की गाथा है।
👉 जब प्यार सच्चा हो, तो जुदाई और मुश्किलें भी रिश्ते को तोड़ नहीं सकतीं।
👉 और कभी-कभी, एक छोटा-सा किस भी दो दिलों को जीवनभर के लिए बाँध देता है।