Incomplete Without You: The Last Story of Susmita and Bikash in Hindi Love Stories by Bikash parajuli books and stories PDF | तुम्हारे बिना अधूरा हूँ मैं : सुस्मिता और बिकाश की आखिरी दास्तान

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तुम्हारे बिना अधूरा हूँ मैं : सुस्मिता और बिकाश की आखिरी दास्तान

  "तुम्हारे बिना अधूरा हूँ मैं: सुस्मिता और बिकाश की आखिरी दास्तान"


बिकाश हमेशा से एक शांत, गहराई से सोचने वाला लड़का था। उसे किताबों में खो जाना पसंद था, और वो अक्सर भीड़ में भी खुद को अकेला महसूस करता था। उसकी ज़िंदगी एक सीधी लकीर की तरह चल रही थी — न कोई हलचल, न कोई तूफान।

लेकिन फिर आई सुस्मिता, एक तूफान की तरह… मगर मुस्कुराहटों से भरा हुआ।

कॉलेज की लाइब्रेरी में पहली बार दोनों की मुलाकात हुई। सुस्मिता हंसमुख थी, चुलबुली थी और ज़िंदगी को पूरी तरह जीने में यकीन रखती थी। वहीं बिकाश — कम बोलने वाला, मगर दिल का साफ़।

पहली मुलाकात में ही दोनों के बीच कुछ खास था — वो नजऱों की झिझक, वो किताबों पर बहस, और वो खामोशी में छुपा आकर्षण।
धीरे-धीरे मुलाकातें बढ़ीं, और साथ में बैठने का सिलसिला भी।

पर दोनों ने कभी एक-दूसरे से "आई लव यू" नहीं कहा।
न कोई वादा, न कोई इज़हार।
लेकिन हर बात में मोहब्बत थी।
हर खामोशी में एक अपनापन।

एक दिन, अचानक सुस्मिता कॉलेज आना बंद हो गई।

बिकाश ने कई बार फोन किया, मैसेज भेजे, मगर कोई जवाब नहीं।
वो बेचैन रहने लगा।
करीब तीन हफ्ते बाद, एक अनजान नंबर से कॉल आया —
"मैं सुस्मिता की दीदी बोल रही हूं। वो अस्पताल में है… और हालात अच्छे नहीं हैं।"

बिकाश को यकीन नहीं हुआ। वो दौड़ता हुआ अस्पताल पहुंचा।
ICU में पड़ी सुस्मिता अब पहले जैसी नहीं थी। चेहरा कमजोर, शरीर थका हुआ, लेकिन मुस्कान अब भी वैसी ही थी।

"क्यों नहीं बताया?" — बिकाश की आवाज़ कांप रही थी।

सुस्मिता ने मुस्कुराते हुए कहा —
"क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि तुम मुझे दया की नज़रों से देखो।
मैं चाहती थी कि जब भी तुम मुझे याद करो, मेरी वही हंसती हुई तस्वीर तुम्हारे ज़हन में हो।"

बिकाश की आंखों से आंसू बहने लगे।

उसने उसका हाथ थामा और कहा —
"मैं तुम्हारे बिना अधूरा हूं, सुस्मिता… लेकिन तुम्हारी यादों के सहारे जी लूंगा।"

सुस्मिता ने धीरे से उसकी हथेली में कुछ लिखा —
एक शब्द: "लिखते रहना..."

अगली सुबह, सुस्मिता की सांसें थम गईं।

वो चली गई… हमेशा के लिए।

पर बिकाश ने लिखना नहीं छोड़ा।

आज भी हर रात वो एक कहानी लिखता है,
जिसका शीर्षक होता है — "प्रिय सुस्मिता"
हर कहानी में उसका नाम होता है।
हर पंक्ति में उसकी मुस्कान।
और हर मोड़ पर उसकी याद।

वो अब एक प्रसिद्ध लेखक है।
लाखों लोग उसकी कहानियाँ पढ़ते हैं।
मगर सिर्फ वही जानता है कि उसकी सबसे खूबसूरत कहानी कभी पूरी ही नहीं हो सकी।
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💬 संदेश (Moral):

> कुछ रिश्ते इज़हार नहीं मांगते,
बस साथ चलना चाहते हैं… थोड़े वक़्त के लिए ही सही।
प्यार वही सबसे सच्चा होता है, जो बिना कहे भी सब कुछ कह जाता है।
और कुछ लोग… चले जाते हैं, मगर दिल में हमेशा के लिए बस जाते हैं।

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BONUS POINTS 😄 

> सच्चा प्यार सिर्फ महसूस करने से नहीं चलता,
उसे समय पर जताना और निभाना भी जरूरी होता है।
वरना कभी-कभी सबसे खूबसूरत रिश्ते भी वक़्त के इंतज़ार में अधूरे रह जाते हैं।