Without you in Hindi Short Stories by Bikash parajuli books and stories PDF | तेरे बिना

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तेरे बिना

भाग 1 – पहली मुलाक़ात

आयुष और अनामिका की मुलाक़ात कॉलेज के पहले दिन हुई थी। भीड़-भाड़ वाले कैंपस में अनामिका की मासूम मुस्कान ने आयुष का दिल छू लिया। धीरे-धीरे दोनों दोस्त बने और फिर यह दोस्ती गहरी होती चली गई। अनामिका बेहद ज़िंदादिल और खुशमिजाज़ थी, जबकि आयुष थोड़ा संकोची और शांत स्वभाव का।

भाग 2 – प्यार का इज़हार

दोनों की दोस्ती कब प्यार में बदल गई, उन्हें खुद भी पता नहीं चला। आयुष के लिए हर सुबह अनामिका की हँसी से शुरू होती और हर रात उसकी यादों में खत्म। एक दिन हिम्मत करके आयुष ने कह ही दिया—
“अनामिका, मैं तुम्हारे बिना रह नहीं सकता… क्या तुम मेरी ज़िंदगी का हिस्सा बनोगी?”
अनामिका की आँखों में आँसू थे, पर होंठों पर मुस्कान—
“हाँ आयुष, तेरे बिना तो मैं भी अधूरी हूँ।”

भाग 3 – जुदाई की आंधी

ज़िंदगी जैसे दोनों पर मेहरबान थी, तभी किस्मत ने एक क्रूर मोड़ लिया। अनामिका को अचानक दिल की गंभीर बीमारी का पता चला। डॉक्टर ने साफ कह दिया— उसकी ज़िंदगी ज़्यादा लंबी नहीं है।
अनामिका ने आयुष से दूरी बनानी शुरू कर दी। वह चाहती थी कि आयुष उसकी कमी में न टूटे। लेकिन आयुष ने हार नहीं मानी। वह हर दिन उसके साथ रहा, हर दर्द को अपने प्यार से हल्का करने की कोशिश करता रहा।

भाग 4 – आख़िरी वादा

एक बरसात की रात, अनामिका अस्पताल के बिस्तर पर लेटी थी। उसने आयुष का हाथ थामकर कहा—
“अगर अगली ज़िंदगी सच में होती है, तो मैं फिर से तुझे ही चाहूँगी… तेरे बिना रहना मेरे बस की बात नहीं।”
उसके शब्द हवा में ठहर गए और अगले ही पल उसकी साँसें थम गईं।

भाग 5 – तेरे बिना…

आयुष टूट गया, मगर उसने हार नहीं मानी। उसने अनामिका के नाम से एक NGO खोला, जहाँ गरीब बच्चों को शिक्षा मिल सके। हर मुस्कान में उसे अनामिका की झलक मिलती।
उसका दिल आज भी कहता है—
“तेरे बिना मैं अधूरा हूँ, लेकिन तेरे प्यार ने मुझे जीना सीखा दिया।”


🌸 कहानी की सीख 🌸

1. सच्चा प्यार सिर्फ साथ निभाने का नाम नहीं, बल्कि हर हाल में एक-दूसरे का सहारा बनने का नाम है।
आयुष ने अनामिका को उसके आख़िरी पल तक संभाला, भले ही उसे पता था कि उसका भविष्य उसके साथ नहीं रहेगा।


2. जुदाई के बाद भी प्यार खत्म नहीं होता।
अनामिका के जाने के बाद भी आयुष ने उसकी यादों को सिर्फ रोकर नहीं जिया, बल्कि उन्हें अच्छे कामों में बदल दिया।


3. प्यार में त्याग सबसे बड़ी ताकत है।
अनामिका ने आयुष से दूरी इसलिए बनाई, ताकि उसकी जुदाई का दर्द कम हो। यह त्याग भी एक तरह का गहरा प्यार था।


4. ज़िंदगी अनिश्चित है, इसलिए हर पल को पूरी तरह जियो।
हमें नहीं पता कि कल किसके पास कौन रहेगा। इसलिए अपने प्रियजनों के साथ बिताए हर पल को संजोना चाहिए।


5. सच्चे रिश्ते मौत से भी बड़े होते हैं।
आयुष ने अनामिका को खोकर भी नहीं खोया, क्योंकि उसका प्यार यादों और नेक कामों में ज़िंदा रहा।

“सच्चा प्यार कभी खत्म नहीं होता, वह यादों और कर्मों में हमेशा ज़िंदा रहता है।” 🌹

लेखक : Bikash Parajuli

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