The magic of Bollywood in Hindi Human Science by Vijay Sharma Erry books and stories PDF | बॉलीवुड के करिश्में

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बॉलीवुड के करिश्में

निबंध: बॉलीवुड के करिश्मे
लेखक: विजय शर्मा एरी (Vijay Sharma Erry)
शब्द संख्या: लगभग 2000+


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प्रस्तावना:

भारतीय सिनेमा, जिसे हम प्यार से “बॉलीवुड” कहते हैं, न केवल भारत की एक समृद्ध कला और संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि यह एक ऐसी मायावी दुनिया भी है, जिसमें आम इंसान की कल्पनाएँ, सपने और इच्छाएं समाहित होती हैं। यहां हर कोई सितारा बनना चाहता है। बॉलीवुड के करिश्मे ने न जाने कितनों की ज़िंदगी बदल दी, कुछ को फर्श से अर्श पर पहुंचा दिया, तो कुछ को इस चकाचौंध ने निगल लिया। यह एक ऐसा संसार है जहां हर दिन कोई न कोई कहानी बनती और बिगड़ती है।

इस निबंध में हम बॉलीवुड के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर गहराई से चर्चा करेंगे – कैसे यह इंडस्ट्री प्रसिद्धि, धन, और अमरता देती है, लेकिन साथ ही साथ नशे, अकेलेपन, धोखे और अंधकार की ओर भी ले जाती है।


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1. बॉलीवुड का जादू: प्रसिद्धि और अमरता

बॉलीवुड कलाकारों को भगवान जैसा दर्जा मिलता है। उनके फैन्स उन्हें पूजते हैं। अभिनेता-अभिनेत्री चाहे किसी गाँव से आए हों, पर एक सफल फिल्म उन्हें घर-घर में पहचाना चेहरा बना देती है।

उदाहरण:
ध्यान दें कि अमिताभ बच्चन जैसे सितारे जिनका करियर कई बार गिरा, पर हर बार वे "फीनिक्स" की तरह लौटे। शाहरुख़ ख़ान, जो दिल्ली के एक सामान्य परिवार से थे, आज “किंग ऑफ बॉलीवुड” हैं।

सिनेमा की ताकत यह है कि अगर कोई कलाकार एक बार दर्शकों के दिलों में बस जाए, तो वह अमर हो जाता है। राजेश खन्ना आज भी अपने संवादों और अंदाज के लिए याद किए जाते हैं।


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2. बहु-प्रतिभा का प्रदर्शन

बॉलीवुड न केवल अभिनय की दुनिया है, बल्कि यहां गायन, नृत्य, निर्देशन, लेखन, कॉमेडी, और तकनीकी कौशल के लिए भी अवसर हैं।

उदाहरण:
फरहान अख्तर – गायक, अभिनेता, लेखक और निर्देशक हैं। प्रियंका चोपड़ा एक अंतरराष्ट्रीय आइकन बन चुकी हैं – गायिका, अभिनेत्री, निर्माता और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में।

बॉलीवुड ने कई ऐसे लोगों को आगे बढ़ने का मंच दिया जो बहु-प्रतिभाशाली थे और जिनका कोई गॉडफादर नहीं था।


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3. धन की बौछार

बॉलीवुड में यदि कोई सितारा बन गया तो उसे विज्ञापन, ब्रांड एंडोर्समेंट, वेब सीरीज, इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स और इवेंट्स से करोड़ों की आमदनी होती है।

उदाहरण:
अक्षय कुमार वर्षों से सबसे अधिक कमाई करने वाले अभिनेताओं में शुमार हैं। शिल्पा शेट्टी, माधुरी दीक्षित, मलाइका अरोड़ा जैसे कलाकार विज्ञापनों और टीवी शो से करोड़ों कमाते हैं।


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4. सामाजिक प्रभाव और जागरूकता

बॉलीवुड ने सामाजिक जागरूकता के लिए भी बहुत कुछ किया है। फिल्मों ने समाज को सोचने पर मजबूर किया है – जैसे कि "तारे ज़मीन पर", "पिंक", "पद्मावत", "Article 15" आदि।

यह देश की संस्कृति, परंपरा, इतिहास, और यहां तक कि समस्याओं को भी वैश्विक मंच पर पेश करता है। एक अच्छी फिल्म लोगों की सोच और नज़रिया बदल सकती है।


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5. बॉलीवुड का अंधेरा – नशा, ड्रग्स और वाइन

बॉलीवुड की चकाचौंध के पीछे एक गहरा अंधेरा भी है। जहां एक तरफ ग्लैमर है, वहीं दूसरी ओर आत्महत्या, डिप्रेशन, शराब और नशे की आदतें भी हैं।

उदाहरण:
सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने बॉलीवुड की काली दुनिया को उजागर किया। यह इंडस्ट्री बहुत प्रतिस्पर्धी है, जहां नकारात्मकता बहुत जल्दी पकड़ लेती है।

ड्रग्स मामले में कई बड़े नाम सामने आए – दीपिका पादुकोण, सारा अली खान, अर्जुन रामपाल और रिया चक्रवर्ती। NCB (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) ने कई बार इन मामलों की जांच की।


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6. कास्टिंग काउच और शोषण

कास्टिंग काउच यानी काम के बदले यौन शोषण – यह बॉलीवुड की एक खुली सच्चाई है। कई उभरते कलाकारों ने स्वीकार किया है कि उन्हें काम पाने के लिए समझौता करना पड़ा।

उदाहरण:
शर्लिन चोपड़ा, कंगना रनौत, रणवीर सिंह जैसे कई कलाकारों ने यह स्वीकारा कि वे भी इस कड़वे अनुभव से गुज़रे हैं।

यह एक ऐसा काला पक्ष है जिसमें सपनों को तोड़ा जाता है और इंसान आत्म-सम्मान तक खो बैठता है।


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7. रिश्तों की अस्थिरता और फ्री सेक्स कल्चर

बॉलीवुड में रिश्ते बड़े जल्दी बनते और उतनी ही जल्दी टूटते हैं। शादी, तलाक, लिव-इन रिलेशनशिप, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर आम बात बन चुकी है।

उदाहरण:
ऋतिक रोशन और सुजैन खान, आमिर खान और किरण राव जैसे जोड़े टूट गए।

कई अभिनेता बिना शादी के भी माता-पिता बन चुके हैं। यह दर्शाता है कि नैतिक मूल्यों में गिरावट आई है।


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8. नेपोटिज़्म और भेदभाव

बॉलीवुड में नेपोटिज़्म (भाई-भतीजावाद) भी गहरी समस्या है। बाहरी लोग अपनी मेहनत से ऊपर नहीं उठ पाते क्योंकि बड़े परिवारों के बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है।

उदाहरण:
कंगना रनौत ने कई बार इस मुद्दे को उठाया। सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने इसे चर्चा का विषय बना दिया।

भले ही बाहरी टैलेंट हो, लेकिन बिना गॉडफादर के लंबा टिकना मुश्किल होता है।


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9. मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्याएं

बॉलीवुड की दुनिया बाहरी रूप से बहुत सुंदर लगती है, लेकिन अंदर से यह कई कलाकारों को तोड़ देती है।

उदाहरण:
जिया खान, सुशांत सिंह, विवेका बाबाजी जैसे कई कलाकार मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या कर चुके हैं।

यह इंडस्ट्री केवल ग्लैमर नहीं, मानसिक रूप से बहुत ही चुनौतीपूर्ण होती है।


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10. मीडिया ट्रायल और प्राइवेसी की कमी

बॉलीवुड कलाकारों की प्राइवेसी नहीं होती। मीडिया हर पल उनके पीछे रहता है। छोटी सी बात को भी बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है।

उदाहरण:
ऋतिक-कंगना विवाद, सलमान खान के केस, शाहरुख़ के बेटे आर्यन खान का ड्रग केस – इन सबमें मीडिया ट्रायल ने लोगों की धारणा को प्रभावित किया।


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11. बॉलीवुड और राजनीति

बॉलीवुड का राजनीति से भी गहरा संबंध है। कई अभिनेता राजनीति में आए – अमिताभ बच्चन, हेमा मालिनी, सनी देओल, किरण खेर आदि।

इसके उलट, कई बार नेताओं द्वारा फिल्मों का विरोध किया जाता है, जिससे कलाकारों को सेंसरशिप और धमकियों का सामना करना पड़ता है।


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12. बॉक्स ऑफिस दबाव और झूठा प्रचार

आजकल फिल्मों का प्रमोशन इतना आक्रामक होता है कि असल में फिल्म का कंटेंट पीछे छूट जाता है। Box Office Collection के आंकड़े भी अक्सर बढ़ा-चढ़ाकर बताए जाते हैं।

OTT के दौर में कुछ राहत तो मिली है, लेकिन फिर भी “कलेक्शन” ही कलाकार की सफलता का मापदंड बन चुका है।


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निष्कर्ष:

बॉलीवुड एक ऐसा संसार है जहां सपने बिकते भी हैं और टूटते भी। यह एक ऐसी रंगमंच है जहां कुछ कलाकार सितारे बन जाते हैं, तो कुछ गुमनाम रह जाते हैं। जहां एक तरफ प्रसिद्धि, पैसा, और शोहरत है, वहीं दूसरी ओर अंधेरा, अकेलापन, और विषाद भी है।

यह जरूरी है कि दर्शक इस इंडस्ट्री को सिर्फ ग्लैमर की नज़र से न देखें, बल्कि इसके पीछे की सच्चाई को भी समझें।

बॉलीवुड को एक ऐसी जगह बनाना होगा जहां टैलेंट को बिना भेदभाव के पहचाना जाए, कलाकारों का मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षित हो, और महिलाओं को सम्मानपूर्वक काम करने का अवसर मिले।

अंत में यही कहा जा सकता है —

> “बॉलीवुड एक आईना है – जो समाज को भी दिखाता है और स्वयं को भी; फर्क इतना है कि इसमें सिर्फ खूबसूरती नहीं, कड़वी सच्चाई भी झलकती है।”




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