" कल मन थोड़ी खराब था इसिलिए मैं बाहर चली गई थी ।अशोक नाराज होकर कहता है --->" ऐसे कौन बाहर जाता है , इतना फोन किया पर तुमने एक बार भी जवाब नही दिया , तुम्हें पता है कल">

तेरे मेरे दरमियान - 43 CHIRANJIT TEWARY द्वारा Love Stories में हिंदी पीडीएफ

TERE MERE DARMIYAAN by CHIRANJIT TEWARY in Hindi Novels
शाम का समय था । जानवी अपने पापा अशोक मुखर्जी से अपने पसंद के लड़के से शादी करने की जिद कर रही थी । जिस कारण से अशोक अपनी एकलौती बेटी जानवी को डांटता ह...