( __/)
( • . •)
( >💜💌💜 होला हेलो दोस्तों और मेरी दिवानियो next ep पढ़ लो।
"छी छी कितना अजीब लग रहा सुनने में ही" रिचा नाक मुंह सिकोड़ ली अब आगे,,,
" फालतू बातें सोच कर अब टाइम वेस्ट मत करो चलो सब सुबह तक ऐसे ही एक दूसरे का मुंह ताकते रहोगे क्या?" प्रिंसिबल सर सख्ती से बोले।
तो मोहिंता मेम सहमति में "अरे बच्चो तुम सब टेंशन मत लो किसी को घास फूस में कुछ नहीं करना है कम से कम देखने तो चलो"
सभी उनकी बात आख़िर मान ही लिए और चल दिए उस ओर जिस ओर से सभी का आगमन हुआ था अरे दरवाजे से बाहर सबके बाहर निकलते ही दरवाजा फिर अपने आप बंद हो गया डरपोक लोग फिर चिहुंक गए।
"लो आ गए बाहर अब क्या झोपड़े के अंदर भी घुसना होगा?" धनेशी तंज कसी तो
राहुल उसे डपटते हुए बोला "ए तू चुप रह ना थोड़ी देर डरपोक की नानी"
ये सुन धनेशी को कुछ खुराफात सूझी और उसने मनीष का हाथ पकड़ ली जिससे मनीष हड़बड़ा गया।
धनेशी मासूम सा चेहरा बनाकर "मनीष प्लीज मेरे साथ रहना मुझे बहुत डर लगता हैं सच में" रियू और मस्तानी बीना उनकी तरफ बीना देखे ही गुस्से में मुठ्ठी भींच कर रह गई।
मनीष उससे अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश
करते हुए "सब,,,सब तो यही है ना और,,,और रिचा हर वक्त तुम्हारे साथ ही रहेगी,,,तुम दोनो वैसे भी एक ही रूम में रहोगे डर,,, डरने की कोई जरूरत नहीं,,," मनीष हाथ छुड़ाने की जि जान से कोशिश करता लेकिन धनेशी जानबुझके डर के बहाने से और कसके जकड़ लेती।
"रूम होगा भी तो यहां का माहौल ही बता रहा,,,इस कब्रिस्तान के रूम में कितने गंदे कीड़े मकोड़े होंगे छी छी,,मैं नही रहने वाली इतनी गंदी जगह पर मेरी ब्यूटी स्किन को कुछ हो गया तो?" रिचा की ये बात दो धधकती आग में घी डालने का काम किया अब हमारी दोनो हिरोइन का दिमाग सटक जाता हैं।
"ए चुप सफेद पावडर बुटकी ज्यादा मच मच मत कर चुप चाप पिछे पिछे आ,,," रियुमा झल्लाते हुए बोल रही थी की बिच में मस्तानी उसकी बात पुरी कर "वरना यही पड़ी रह मेरेको घंटा फर्क नहीं पड़ता"
मस्तानी और रियु मनीष को घूरते हुए आगे बढ़ती है उन्हे ऐसे देख मनीष परेशान हो जाता हैं और ऊपर से धनेशी का हाथ छुड़ा नही पा रहा था। उसने बेचारगी से राहुल को देखा।
राहुल समझते ही "अबे वो दोनो गए तू क्यू खड़ा है चल अपन भी चलते,,,"
फिर धनेशि को घूरते हुए "ओए तू अपनी बेस्टी का हाथ पकड़ ना मेरे माल पर क्यू नज़र डाल रही" और उसका हाथ झटक कर छुड़ा देता है।
धनेशी आखें बड़ी बड़ी कर उसे घूरती हैं। सभी मुंह दबाए हंस रहे थे।
"अरे सर जी,,,,,आओ सब जल्दी वरना हम दोनों चले जायेंगे तो आप लोग गायब हो जानें का रिपोर्ट दर्ज करा दोगे" मस्तानी और रियु झोपड़े के द्वार के पास खड़ी सबको आवाज लगाई सभी कन्फ्यूज होकर उन्हें देखने लगे और जल्दी जल्दी वहा तक पहुचे।
सभी झोपड़ी के अन्दर गए तो वहा उन्हे वो जगह एक दम भूतिया भेस में नज़र आया डरपोक लोग तो डर से कांपने लगे और सभी मस्तानी को घूरने लगे।
उन सबको अपनी ओर घूरता देख मस्तानी एक आई ब्रो उच्चकाकर "क्या,,,? बाहर के बुरे नजारे को देखकर, उसे अंदर के नजारे से कंपेयर नही करना चाहिए।"
"झोपड़े के इतने अंदर आने पर ये मनहूस नजारा देख लिए तो अब क्या जमीन के अंदर के नजारे को भी देखने जाएं?" धनेशी मुंह बिगाड़ते हुए बोली।
"हा चलो जल्दी एक एक करके लाइन से" मस्तानी बेपरवाही से बोली सभी हक्के बक्के हुए उसे घूरने लगे।
फिर सभी स्टूडेंट गुस्से में उसपर चीख पड़े "क्या बकवास कर रही????"
"बकवास होंगे तुम लोग " ये बोल मस्ती जमीन पर बिछे घास के बने चटाई को हटाकर "मैं नही"
रियु,मनीष,राहुल, धनेशी,रिचा, उत्साह,स्ट्रॉन्ग, प्रिंसीबल सर, विजेंद्र सर, मोहिंता मेम या तक की ज्ञानेद्रीय सर भी और सारे स्टूडेंट सदमे से आंखे फाड़े नीचे की ओर देख रहे थे नीचे एक कुएं जितना बड़ा लोहे का लाल रंग का गोल दरवाजा था मस्तानी उस दरवाज़े को खोली सबने देखा अंदर पुरा अंधेरा था।
"कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा ये सच में सेफ है ना?" स्ट्रॉन्ग डरते हुए पूछा।
मस्तानी जबर्दस्ती मुस्कुराते हुए " ए भाई नही है सेफ अब जा घर,,," फिर गुस्से में साइको जैसे बोली "मैं बोली ना एक बार मुझे फॉलो करो दिमाग का दही भाजी काहे कर रहे,,,अब जब तक रूम में नही पहुंच जाते कोई कुछ नही बोलेगा समझ में आई बात,,,कोई कुछ नही बोलेगा"
"ठिक है कोई कुछ नहीं बोलेगा मतलब कुछ आगे पिछे भी कोई कुछ नही बोलेगा और,,," स्ट्रॉन्ग आगे और बोलता की चट्टाक की आवाज आई और
स्ट्रॉन्ग की चीख "मम्मीईई,,," ये मत सोचना की मस्ती लगाई है ये तमाचा प्रसाद ना ना वो तो
"जिस जिस को ये प्रसाद नही चाहिए चुप चाप मस्तानी को फॉलो करो नही आता तो आओ मेरे पास मैं सिखाता हूं अपने तरीके से" ज्ञानेद्रीय सर सभी को डेंजर स्माइल कर घूरते हुए बोले।
सभी के मन में खौफ जन्म ले लिया लेकीन फिर भी सभी खुद को नॉर्मल दिखा रहे थे और चुप चाप मस्ती को फॉलो करने का ठान लिए।
मस्ती सबको समझाते हुए बोली "अब सभी मेरी बात पर ध्यान दो यहां पच्चीस झोपड़े है और हर एक झोपड़े में दो दो रूम है तो,,,"
"मतलब सबको एक एक रूम मिलेगा" रिचा मस्तानी की बात काट कर चहकते हुए बोली।
मस्तानी उसे घूर कर "ए सफेद पावडर बूटी की दुकान अगली बार मेरी बात काट कर बीच में घुसी तो ठेंगा भी नही मिलेगा समझी" सभी हस दिए तो वही रिचा का मुंह बन गया।
"सभी को एक रूम शेयर करना होगा मतलब इस झोपड़े में दो बेड रूम है तो यहां चार लोग रहेंगे तो,,,,पहले टीचर्स आप लोग आइए" मस्तानी बोली तो
विजेंद्र सर हंसते हुए बोले "हेहेहे,,,नही पहले तुम सभी बच्चे जाओ वरना अगर पहले हम लोग चले गए तो सभी यहां डर के मारे बेहाल हो जायेंगे"
"ओह विजेंद्र सर आप कितने अच्छे है बच्चो की कितनी फिक्र करते है" मोहिंता मेम विजेंद्र सर को देख मुस्कुराते हुए बोली।
"झूठा फिक्रप्रचार कर रहा साला,,, जबकी खुद ही डर रहा पहले सुरंग में जानें के नाम से" ज्ञानेद्रीय सर उन्हे आखें छोटी कर घूरते हुए मन में बोले।
विजेंद्र सर हंसते हुए "हेहेहे,,, अब बच्चे हैं ही इतने प्यारे तो और क्या कर सकता हूं मोहिंता मेम,,,"
ज्ञानेद्रीय सर मन में "बच्चों का दुश्मन है साला साप है साप एनोकोंडा साप सबकी खुशियों को निगलने वाला"
तभी उनके कान के पास धिरे से कोई फुसफुसाया"कंट्रोल सर कंट्रोल" ज्ञानेद्रीय सर चिहुंक कर देखें
( __/)
( • . •)
( >💜💌💜 मेरे प्यारे रीडर्स दोस्तो कैसा लगा ep समीक्षा में जरुर बताना मिलते हैं जल्द ही next ep में by by टाटा 🤟😁😘