"विनय कहाँ है तू?" सुबह के सात बजे रोम आ पहुँचा और विनय के हाथ में वो किताब देखकर बोल उठा। "पूरी रात?"
विनय ने खाली सिर "हाँ" में हिलाया।
"अरे इतना तो कोई बैराने को भी ना पकड़े रखे। तू तो इस किताब को भी नहीं छोड़ता।" बोलकर रोम ज़ोर से हँसने लगा।
"हाँ... हाँ... तेरा जोक श्रुति मैडम को सुना ही देना।" विनय ने किताब अपनी तिजोरी में रखी और फ्रेश होने उठ गया। उसके पैर पूरी रात बैठे रहने से काँप रहे थे। रोम उस समय उसके कमरे के बाहर जाकर चाय नाश्ते का ऑर्डर देने चला गया। थोड़ी देर में विनय फ्रेश होकर बाहर आया। इतने में रोम भी चाय नाश्ता लेकर आ गया।
विनय आज अपनी वर्दी पहन चुका था और दोनों वहाँ से निकल गए। गाड़ी चलाते हुए विनय ने रोम से पूछा, "क्यों आज सुबह-सुबह आ गया, कोई खास खबर है?"
"खबर तो मुझे भी नहीं पड़ती कि अच्छा लगता हूँ या नहीं?" रोम एयरहोस्टेस के ख्याल में खो गया।
"मेरी सुबह खराब करने आया है।" विनय माथे पर हाथ रखते हुए बोला।
"अरे... सुबह वालों का मैं तेरा सर हूँ। मेरी भी कुछ रिस्पेक्ट हो।" रोम लेहका लेते हुए बोला।
"तो बताओ, क्यों सुबह-सुबह मुझे परेशान करने आए हो?"
"न्यूज़ ऐसे मिले हैं कि आज रात अंडरवर्ल्ड डॉन आदम हमारे कलकत्ता में आया है।"
रोम बोला।
"अंडरवर्ल्ड डॉन? ये नाम तो पहली बार सुना।" आश्चर्यचकित विनय एकदम से बोला।
"इसलिए तो अंडरवर्ल्ड डॉन कहलाता है। हम भी नहीं पहचानते।" रोम थोड़ा समझदार बना हुआ बोला।
"अच्छा तो श्रुति मैडम ने तुझे भेजा। मैं भी कब से सोच रहा था कि तू अचानक सुबह-सुबह उठ कैसे गया?"
रोम झुँझलाकर बोला, "तो गाड़ी चला ना।"
फिर दोनों उस होटल पहुँचे जहाँ आदम पिछली रात रुका था।
"मैनेजर कहाँ है? इस होटल का मैनेजर! मुझे उससे अर्जेंट मिलना है, जल्दी बुलाओ।" रोम होटल कर्मचारियों पर रौब जमाने लगा। इतने में विनय उनकी नज़र से बचकर होटल के कमरे चेक करने लगा।
विनय ने होटल के तीनों माले चेक कर लिए, लगभग तीस कमरे देखे। जिसमें उसे कई कमरे खाली दिखे। उसे यहाँ कोई सबूत नहीं मिला, तो वह नीचे उतरने लगा। तभी सीढ़ी के पास का पहला कमरा उसका ध्यान खींचता है और वह अंदर गया। वहाँ उसे एक फाइल पड़ी मिली। विनय ने वो फाइल उठाई और खोली।
फाइल देखकर विनय चकित रह गया। वह फाइल जीद की थी। "लेकिन जीद की फाइल यहाँ कैसे?" जीद के अपहरण में आदम का हाथ लगता दिख रहा था।
विनय की गति तेज हो गई और वह तुरंत बाहर निकलकर नीचे पहुँचा। नीचे लॉबी में उसने देखा कि रोम मेनेजर से झगड़ रहा था, लेकिन इस समय उसने रोम को रोकने की कोशिश नहीं की और वहाँ सामने वॉशरूम के पास एक मीटिंग रूम का दरवाज़ा खुला देखा तो वहाँ पहुँचा।
विनय ने दरवाज़े को धीरे से अपनी ओर खींचा और हलके से उसमें झाँका, लेकिन मीटिंग रूम खाली था। फिर भी विनय कमरे के अंदर गया और मेज़ पर पड़ी चीज़ों को देखने लगा।
विनय को वहाँ कुछ भी नहीं मिला और वह अपने एक हाथ में फाइल लेकर बाहर निकल गया। बाहर आकर उसने रोम को संभालते हुए कंधे पर हाथ रखकर साथ चलने को कहा।
"मिल गया सबूत?" रोम बोला।
रोम की तरफ देखकर (थोड़ा हँसकर) विनय बोला, "मिल गया।"
"ये तेरे हाथ में फाइल किसकी है?"
"ये फाइल और वो किताब ही अब हमें उनके तक पहुँचाएँगे।" विनय बोला।
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