(कुछ सपने सिर्फ रातों में नहीं आते... वो दिन में भी पीछा करते हैं)
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“तुम मुझे नहीं पकड़ पाओगे, अविराज!”
“अच्छा? तो भागो... मैं भी देखता हूं!”
दोनो हँसते हुए दौड़ने लगते हैं।
अविराज ने पीछे से प्रणाली को पकड़ लिया और बहुत प्यार से उसे अपनी बाहों में भर लिया।
अविराज (मुस्कुराते हुए):
“तो तुम कह रही थीं कि मैं तुम्हें पकड़ नहीं पाऊंगा?”
प्रणाली (शरारती अंदाज़ में):
“अरे… वो देखो! मेरी दासी आ गई।”
अविराज (चौंकते हुए):
“क्या? कहां? मैं छुपता हूं!”
प्रणाली ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगती है —
“वाह! क्या बहादुरी है आपकी… आप तो मेरी दासी से भी डर गए!”
अविराज (शिकायती अंदाज़ में):
“ये ठीक नहीं किया आपने!”
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रात्रि की आंख खुल जाती है।
रात्रि (धीरे से, मुस्कुराते हुए):
“इतने सालों में पहली बार कोई सपना दर्दभरा नहीं, बल्कि इतना प्यारा था… लेकिन ये दोनों हैं कौन?”
वो घड़ी की तरफ देखती है।
“पर अभी ये सोचने का वक्त नहीं है... ऑफिस के लिए लेट हो रही हूं।”
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ऑफिस
रात्रि:
“क्या हमारी नई टीम रेडी है? हमारी बेस्ट अनपब्लिश्ड कहानियों के कुछ ट्रैक मान प्रोडक्शन को भेज दो।”
तभी पीछे से आवाज़ आती है —
“पर हम तो एक फ्रेश कहानी चाहते हैं… जिसकी राइटर आप हों।”
(Mr. Maan की आवाज़)
रात्रि (कड़वी मुस्कान के साथ):
“आप आज यहां? I don't think आज कोई मीटिंग है।”
मान (संजीदगी से):
“पर मुझे अपने फिल्म के लिए बेस्ट कहानी चाहिए।”
तभी राबिया तेजी से आती है —
“मुझे तुझसे बात करनी है।”
रात्रि (मान से):
“आप वेट करें।”
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केबिन के अंदर
राबिया (गुस्से में):
“तेरा दिमाग खराब हो गया है क्या?”
रात्रि:
“अरे… क्या हो गया? और तू अचानक यहां कैसे?”
राबिया:
“अभी तो सिर्फ मैं आई हूं... थोड़ी देर में तेरी पूरी फैमिली आएगी!”
रात्रि (चौंकते हुए):
“क्यूं… ऐसा क्या हुआ?”
राबिया टीवी ऑन करती है।
टीवी पर:
“Breaking News: सुपरस्टार एवी सहगल की नई फिल्म City of Dreams… और इस फिल्म की राइटर हैं — रात्रि मित्तल!”
रात्रि (सन्न):
“ये क्या हुआ…?”
राबिया:
“तू पागल हो गई है क्या? तू एवी सहगल के साथ काम करेगी?”
रात्रि (गुस्से में बाहर आकर):
“Mr. Maan, आपको किसने कहा ये न्यूज़ ऑफिशियल करने को?”
मान (साफ़गोई से):
“मीडिया को सुपरस्टार्स की खबरें खुद मिल जाती हैं, बताई नहीं जातीं।”
राबिया, रात्रि को अंदर ले जाती है।
राबिया:
“तू ऐसा कुछ नहीं कर रही ना? तूने कोई कॉन्ट्रैक्ट साइन नहीं किया?”
रात्रि (धीरे से):
“...ये सच है, राबिया।”
राबिया (हैरान):
“क्यों!? ऐसा क्या था उस कॉन्ट्रैक्ट में…?”
रात्रि:
“उसमें लिखा था कि उन्हें तीन कैरेक्टर्स चाहिए — अविराज, प्रणाली और वर्धान।”
राबिया (जैसे सब समझ गई हो):
“तूने सिर्फ इसलिए साइन कर दिया क्योंकि तेरे सपनों में यही नाम आते हैं?”
रात्रि:
“तू जानती है मैं कितनी परेशान हूं इन सपनों से… ये मेरे जवाबों की शुरुआत हो सकती है।”
राबिया:
“ये तेरा ऑब्सेशन तुझे मुसीबत में डाल देगा!”
रात्रि:
“...राबिया…”
राबिया (गुस्से में):
“तूने एक बार भी नहीं सोचा ये कोई ट्रैप हो सकता है!”
रात्रि:
“मैंने फैसला कर लिया है।”
राबिया:
“तो फिर मेरा यहां कोई मतलब नहीं।”
राबिया चली जाती है।
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ऑफिस – बाद में
रात्रि:
“अपने टीम को बुलाओ। हमारे पास कहानी है।”
मान:
“ठीक है, मैं चलता हूं।”
रात्रि (टीम से):
“एक फ्रेश टीम बनाओ — लोकेशन और सेट विज़िट के लिए। हम एक साइनिंग पार्टी रखेंगे।”
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घर पर
रात्रि:
“पापा, आपको पता है आज ऑफिस में कौन आया था? एवी सहगल। उसने माफ़ी मांगी… कहा सब एक गलतफहमी थी।”
अनुज (कटाक्ष में):
“इसलिए तूने खुशी-खुशी उसके साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लिया… है ना?”
रात्रि चुप हो जाती है।
परेश:
“तूने कहा था अगर कुछ होगा तो तू संभालेगी… अब देख!”
रात्रि:
“प्लीज़ पापा... मुझे एक मौका दीजिए।”
अनुज:
“पापा को तो समझा लेगी, मुझे नहीं मनाओगी।”
वो गुस्से में चला जाता है।
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Next Day – प्रोजेक्ट लॉन्च
दोनों टीमें जुट चुकी हैं। रात्रि जैसे ही एवी को देखती है, हल्का सा झिझकती है।
रात्रि:
“चलिए कॉन्फ्रेंस रूम में चलते हैं।”
सब लोग चलने लगते हैं।
तभी पीछे से एवी की आवाज़ आती है —
“मुझे माफ़ कर दो।”
रात्रि के सामने खड़ा एवी —
उसका लंबा, फिट शरीर, भूरी आंखें, और वो महक — रात्रि बस उसे देखती रह गई।
जैसे कोई सपना हकीकत में उतर आया हो।
कुछ सेकंड बाद एवी ने कहा —
“जो कुछ भी पिछली मुलाकातों में हुआ... मैं शर्मिंदा हूं। मैं बस… नशे में था। Sorry…”
वो चला जाता है।
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Conference Room
नेहा:
“लोकेशन के लिए हमने Switzerland और South India चुने हैं। Any changes, everyone?”
तभी एवी एंट्री करता है:
“Yes — this story is rejected.”
रात्रि:
“What?!”
मान:
“ये क्या कह रहे हो?”
एवी:
“मैं इस कहानी पर काम नहीं करूंगा।”
रात्रि (गुस्से को पीते हुए):
“पर ये तो almost final हो चुकी थी!”
एवी:
“हम इस स्टोरी पर काम करेंगे।”
(वो रात्रि की अधूरी किताब दिखाता है)
रात्रि आग-बबूला होकर पास आती है और किताब छीन लेती है —
“बिना मेरी परमिशन के तुम मेरे केबिन में कैसे गए?”
एवी:
“मैं इस फिल्म का actor और co-producer हूं… तो स्टोरी चुनने का हक़ मेरा भी है।”
रात्रि (चीखती है):
“Everyone out!”
सब बाहर निकल जाते हैं।
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रात्रि:
“मेरी बुक वापस करो। इससे तुम्हारा कोई वास्ता नहीं!”
एवी:
“मैंने कहा ना, मुझे यही स्टोरी चाहिए!”
रात्रि:
“तुम...!”
एवी:
“तो Mr. Maan डिसाइड करेंगे कौन सी स्टोरी ज़्यादा बेहतर है।”
मान:
“ठीक है — हमारी टीम दोनों स्टोरीज़ रिव्यू करेगी।”
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काफी बहस के बाद…
मान की टीम रात्रि की अधूरी कहानी को चुन लेती है।
रात्रि (घबराई हुई):
“पर ये कहानी पूरी नहीं है… और इसमें जो लोकेशन है, वो इंडिया में है भी नहीं। फिल्म पूरी कैसे होगी?”
एवी (आंखों में रहस्य लिए):
“कहानी मिल गई है... लोकेशन भी मिल जाएगी।”
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एवी अनाउंस करता है —
“स्टोरी फाइनल होने की खुशी में और एक ऑफिशियल साइनिंग के लिए कल एक पार्टी होगी। Everyone is invited!”
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To Be Continued…
**- आखिर क्या मक़सद है एवी का?
क्यों वो ज़िद पर अड़ा है सिर्फ इस कहानी को लेकर?
क्या ये सब महज़ इत्तेफ़ाक है… या कोई बहुत गहरी साज़िश?**
जुड़े रहिए — इश्क़ और अश्क में अगली कड़ी के लिए।
(कभी कभी जवाब... कहानी से नहीं, ख्वाबों से मिलते हैं)
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