सब लोकेशन पर जाने के लिए चल रहे हैं
आगे चलते ही एक बोर्ड दिखा .....जिसपे लिखा था आगे जान सख्त मना है, ये जगह शापित है ।
इतना पढ़ कर सब रुक गए ।
नेहा : ये देखो क्या लिखा है, मैं तो अब और अंदर नही जाने वाली ।
एवी : ये हर हिस्टोरिकल प्लेस पर लिखा होता है, इसमें ऐसे डरने की क्या बात है?
रात्रि : क्या यहां आने से पहले किसी ने इस जगह को वेरिफाई किया था ?
अर्जुन : इस जगह के बारे में किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कोई न्यूज या पिक्चर नही है,
रात्रि : तो आपको इस जगह के बारे में पता कैसे चला ।
अर्जुन : हमे कुछ ऐसी लोकेशन चाहिए थी जो न कही दिखी हो और न किसी ने सुनी हो । तो किसी ने मूवी के प्लान के साथ इस जगह का नक्शा और रास्ता रखा था!
रात्रि : किसने .........?
अर्जुन : ओ कम ऑन मिस रात्रि ...... मैं क्या ये सब करूंगा ......और वैसे भी इतने लोग इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं सब अपना बेस्ट देना चाहते हैं ....... किया होगा किसी ने .....
रात्रि गुस्से में : I'm sorry then...... मैं यहां नही जाऊंगी और न ही मेरी टीम ./।
एवी कॉन्फिडेंट आवाज में : में गारंटी लेता हू, यहां किसी को कोई प्राब्लम नही होगी ....तुम सब मेरी जिम्मेदारी हो ! अब तो चलोगी ?
एवी का ऐसा कॉन्फिडेंट रूप काफी अट्रैक्टिव था रात्रि एक पल के लिए उसे देखती रह गई ।
उसने अब कुछ नही बोला !
सब आगे बढ़ने लगे ।
सब धीरे धीरे अंदर जाने लगे ..... वहा पुराने ज़माने की कुछ टूटी दुकानें, कुछ अधजले घर ......एक मंदिर .....और अंदर जाने पर एक बहुत बड़ा महल ........ जैसे बरसो पहले इसे तहस नहस कर दिया गया हो ।।।।।
रात्रि धीरे धीरे अंदर तो बढ़ रही है लेकिन उसे कुछ भी ठीक नही लग रहा .....
जैसे ही उसने मंदिर से आगे कदम बढ़ाया .......उसे अजीब अजीब सी आवाज कानों में गूंजने लगी .......हसने की......रोने की .....और कुछ दर्द भरी आहें ......
रात्रि घबराने लगी उसका मुंह पसीने से भीगने लगा .....वो अभी भी आगे बढ़ने की जबरदस्ती खुद के साथ कर रही है,,,,
अब ये जगह उसे जानी पहचानी सी लग रही है : हा.....में जानती हू इस जगह को (उसने मद्धम सी आवाज में खुद से कहा)
बाकी सब लोग उस जगह को बहुत एन्जॉय कर रहे हैं .....ऐसी भव्य इमारत कैसे मिट्टी के हवाले हुई होगी ( संजय ने कहा)
This place is very classy: मलिश्का
नेहा : क्या यहां कोई रानी होती होगी .......... ?
बहुत खूबसूरत........खोए हुए एवी ने कहा ।
एवी जैसे यहां आके मंत्रमुग्ध हो गया .....
अर्जुन : हम्मम........?
यही बात करते हुए सब आगे निकल गए रात्रि को बहुत चक्कर आ रहे हैं, वो महल के अंदर जाने के बजाए बाहर ही सहारा लेके बैठ गई ।
उसको कुछ फ्लैश बैक आ रहे हैं
रात्रि : मां ठीक बोलती हैं .....किसी story में इतना इंवॉल्व नही होना चाहिए,
उसने अपनी बोतल निकाली और फेस पर पानी डाला । चलो अब चलती हूं ।
इतना कह कर वो आगे बढ़ने लगी ।
उसने महल की दहलीज पर कदम रखा अचानक बादल आसमान में गहराने लगे, कुछ पलों में रात जितना अंधेरा हो गया ...... बिजली कड़कने लगी और बारिश होना शुरू हो गई .... सबकी नजर बाहर गई
ये कैसा मौसम हो गया .....अभी तो कड़कती हुई धूप थी और अब अचानक । मलिश्का ने कहा
अर्जुन : लगता है तुम गांव के इलाके में पहली बार आई हो, यहां ये सब आम है ।
चलो अब सब अपना काम देखो: संजय ने कहा
अर्जुन : हां.... सब देख लो के ये जगह हमारी स्क्रिप्ट को फुलफिल कर रही है यहां नही ।
सब निकल पड़े अपनी अपनी जगह पे ।
लाइटिंग, साउंड सिस्टम,स्क्रिप्ट हर तरीके से ये जगह से बेहतरीन ये जगह सबको पसंद आई ।
एवी : इस जगह के कोने कोने को देख रहा है ।
सबने आ कर अर्जुन को रिपोर्ट किया .....
येस सर ये जगह बहुत परफेक्ट है जैसे इसी जगह के लिए ये स्क्रिप्ट लिखी हो ।
बाहर अभी भी बारिश हो रही है ।
अर्जुन : तो मिस रात्रि...... कैसा लगा आपको ये सब ......?
पर रात्रि का जवाब ही नहीं आया ।
अर्जुन : मिस रात्रि ......?
सबने इधर उधर देखा तो रात्रि कहीं नहीं दिखी ।
संजय : सर मिस रात्रि तो काफी देर से नही दिखी ।
अर्जुन : how'z this possible ......? किसीने देखा रात्रि को ?
किसीने जवाब नही दिया ...
अर्जुन : for God sake ये तो बताओ कब से नही देखा ।
एक स्टाफ का मेंबर बोला : सर महल के अंदर आने से पहले से ही नहीं देखा मैने तो ।
अर्जुन : मिस नेहा आपको कुछ कहना नही है?????? आपकी मैम गायब हैं ।
क्या रात्रि गायब है ???????? पीछे से तेज़ और एक भारी आवाज आई ।
अर्जुन : भाई आप यहां ......?
हां ये अगस्त्य ही था ............!
अगस्त्य : तुम सबके सब पागल हो क्या ?
अगस्त्य पूरी तरह से पानी में भीगा हुआ था उसके गीले और बिखरे बाल और बारिश के पानी में भीगी हुई सफेद शर्ट जिसमे उसके एब्स साफ दिख रहे हैं बेहद खूबसूरत लग रहा है।
मलिश्का : ये कितना hot लग रहा है ।
अगस्त्य अभी भी बहुत गुस्से में है : अब सब मेरा मुंह क्या देख रहे हो .....जाओ ढूंढो उसे ।
सब अलग अलग उसे ढूंढने चले गए ।
एवी इससे पहले ही उसे ढूंढने निकल पड़ा था ......एवी बारिश में रात्रि को ढूंढे जा रहा है और पागलों की तरह उसे आवाज लगाए जा रहा है
एवी : रात्रि ...........रात्रि.......! कहा हो तुम .......... मुझे आवाज दो प्लीज़ ..........
पर कोई आवाज नहीं आई।
सब दो तीन घंटे बाद उसी जगह मिले पर किसी को भी रात्रि नही मिली ।
एवी और अगस्त्य अभी भी वापस नही लौटे हैं,
अर्जुन: किसी को रात्रि मिली ?
सब का एक ही जवाब : नही ..........!
थोड़ी देर में एवी वहा आता है । परेशान और टूटा हुआ पर खाली हाथ ।
आखिर वो गई कहा ये जगह उसके लिए भी तो नई है। : अर्जुन बोला ।
नेहा : आपके गारंटी ली थी हमारी ..... अगर उन्हें कुछ हो गया तो ......?
एवी: तुम सब यहां से घर के लिए निकल जाओ । में उसे ढूंढ के वापिस ले के आऊंगा, i promise ।
इतने सबकी नजर महल के बाहर मैन गेट पर गई ।
अगस्त्य रात्रि को दोनो हाथों से अपनी गोद में उठाए लेके आ रहा है बाहर बहुत तेज बारिश हो रही है ।
सब उन दोनो को देख रहे हैं
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कहा थी रात्रि ? और अगस्त्य को कैसे मिल गई ?
ऐसा क्या हुआ के प्लान में ना होते हुए हुए भी अगस्त्य यहां आ गया ?