रात्रि अभी भी उस बत्तमीज़ आदमी के बारे में सोच रही है :
"कौन था वो ? इतनी अकड़ और उतना ही बत्तमीज़ भी..."
रात भर उसकी आँखों में वही झलकता रहा।
तभी अचानक—
Mr. Maan: "Miss, आप कहा रह गई थी? कितने लोगों से मिलना है हमे।"
रात्रि: "माफ करिए... कुछ काम आ गया था।"
Mr. Maan: "कोई बात नहीं! इनसे मिलिए — ये हैं हमारी फिल्म की हीरोइन, मिस मलिष्का।"
रात्रि (मुस्कुराते हुए): "Hello... I’m रात्रि मित्तल।"
मलिष्का (नाक चढ़ाते हुए): "हम्मम्..."
रात्रि अब और कोई ड्रामा नहीं चाहती थी, इसलिए वो चुपचाप वहाँ से निकल गई।
स्टेज पर अनाउंसमेंट शुरू होता है—
"May I have your attention guys...!"
एवी ने जोश भरी आवाज़ में कहा।
सारी नजरें स्टेज की तरफ घूम गईं।
एवी: "मैं ये अनाउंसमेंट करना चाहता हूं कि Maan Production और City of Dreams का Collaboration हो रहा है — और मैं भी इस प्रोजेक्ट का हिस्सा हूं!"
तालियों की गूंज उठी।
एवी: "और अब मैं बुलाना चाहूंगा... स्टेज पर... Queen of Imagination — Miss रात्रि मित्तल और Maan Production के Founder — Mr. Maan को!"
रात्रि स्टेज पर पहुंच गई, पर Mr. Maan तो अब भी नीचे खड़े हैं।
रात्रि की नजरें उन्हें खोज रही थीं...
तभी—
सभी लाइट्स ऑफ हो जाती हैं!
एक Spotlight रात्रि की दूसरी ओर पड़ती है।
और वहीं खड़ा था— वही शख्स जो हाईवे पर मिला था।
रात्रि की आंखें फटी की फटी रह गईं।
रात्रि (सन्न रहकर): "ये आदमी...!"
एवी ने माइक उसकी ओर बढ़ाया।
वो शख्स:
"Good evening everyone!
आशा करता हूं मेरी गैरमौजूदगी में मेरे छोटे भाई अर्जुन मान ने आपको अच्छे से संभाला होगा।"
रात्रि की confusion अब सातवें आसमान पर थी।
वो शख्स बोलता गया—
"So let me introduce myself… It is me, Agastya Maan, the founder of Maan Production."
रात्रि (धीरे से): "ये Maan Production का असली ऑनर?"
Mr. Maan उर्फ अर्जुन मान रात्रि के पास आते हैं—
अर्जुन: "क्या हुआ, मिस रात्रि? आप कुछ परेशान लग रही हैं।"
दूसरी ओर, अगस्त्य अपनी स्पीच खत्म कर चुका है।
रात्रि सिर्फ अगस्त्य को घूरे जा रही है...
अर्जुन: "Hello...? आप ठीक हैं?"
रात्रि (गुस्से में): "आपके हिसाब से मुझे ठीक होना चाहिए? ये सब क्या है Mr. Maan?"
अर्जुन: "मैं आपको—"
तभी अगस्त्य पीछे से अर्जुन का हाथ पकड़ उसे खींच ले जाता है।
रात्रि एक और शॉक में।
अगस्त्य: "मैंने तुम्हें कहा था ना कि हम ये प्रोजेक्ट नहीं लेंगे। फिर भी तुमने कॉन्ट्रैक्ट साइन कर लिया।"
अर्जुन (गुस्से में): "ये तो आपको तब सोचना चाहिए था जब आप अमेरिका में बैठे बैठे बस ऑर्डर दे रहे थे।"
रात्रि चुपचाप सुन रही थी।
अगस्त्य: "कोई बात नहीं... अब मैं आ गया हूं। अब मैं संभालूंगा इस सबको।"
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पार्टी खत्म हुई।
अगली सुबह—
फोन बजता है – अर्जुन का कॉल।
अर्जुन: "Hello मिस रात्रि... हमें लोकेशन देखने जाना है। मैं लोकेशन भेजता हूं।"
रात्रि: "हाँ... मेरी टीम वहां पहुंच जाएगी।"
अर्जुन: "आपकी टीम का काम नहीं है। Contract के हिसाब से, आपको मूवी खत्म होने तक हमारे साथ हर जगह जाना होगा।"
रात्रि: "क्या...?"
फोन कट।
रात्रि फौरन Contract निकालती है...
और याद आता है — excitement में उसने साइन कर तो दिया था, पर पढ़ा नहीं था।
रात्रि: "जिस दिन से ये कॉन्ट्रैक्ट मेरी लाइफ में आया है, कुछ भी ठीक नहीं हो रहा।"
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अगला सीन – Bus Journey
रात्रि, मलिष्का, एवी, अर्जुन और बाकी टीम बस में बैठे थे।
लोकेशन — शहर से 500-600 km दूर।
रात्रि: "इतनी दूर जाने की ज़रूरत क्या थी?"
एवी: "लोकेशन जितनी रियल होगी, शूट उतना ही शानदार होगा।"
अर्जुन का फोन बजा –
अगस्त्य: "अब जब ये मूवी साइन हो चुकी है, तो अपना बेस्ट देना।"
अर्जुन: "भाई, आप चिंता मत करो।"
फोन कट।
अर्जुन लोकेशन और स्क्रिप्ट के ब्लूप्रिंट मेल करता है,
रात्रि: "मुझे भी मेल कर दो, फॉर ऑफिशियल रीजन।"
नेटवर्क एरर! ना लैपटॉप, ना फोन – कहीं भी नेटवर्क नहीं।
बस में हंसी मजाक शुरू:
"ऐसी जगहों पर आत्माएं होती हैं… लोग फंस जाते हैं!"
रात्रि भी हंस पड़ी।
एवी रात्रि को घूरता रहा – गहरी नजरों से।
एवी: "क्या तुम इन बातों पर विश्वास करती हो?"
रात्रि: "नहीं... आज के टाइम में ये सब सिर्फ मन बहलाने के तरीके हैं।"
एवी अचानक गुस्से में:
"तुम्हें क्या पता...?
मैं भी नहीं मानता था... पर!"
रात्रि: "पर... क्या...?"
तभी – ज़ोरदार आवाज़!
बस डिसबैलेंस हो गई और एक पेड़ से टकराने से बची।
सब एक-दूसरे पर जा गिरे।
रात्रि — सीधे एवी के ऊपर।
उसके बाल एवी के चेहरे को ढँक रहे थे।
एवी धीरे-धीरे बालों को हटाता है...
उनकी आंखें बेहद करीब... सांसें उलझती हुई...
तभी ड्राइवर चिल्लाया:
"बस का टायर फट गया है!"
सब उठे – चारों टायर फट चुके थे!
परेशानी बढ़ गई।
अर्जुन: "ये कौन सी जगह है...?"
कोई रास्ता नहीं — ना आगे, ना पीछे।
शाम भी होने लगी थी।
एवी: "लोकेशन दूर नहीं... चलो!"
मलिष्का: "मैं तो चलने वाली नहीं हूं।"
अर्जुन: "ठीक है। आज रात यहीं रुकते हैं, सुबह निकलेंगे।"
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रात का सीन – तंबू और आग का घेरा
सब आग के किनारे बैठे...
नेहा: "मुझे ये जगह अजीब लग रही है।"
संजय: "तू बहुत हॉरर मूवी देखती है!"
धीरे-धीरे सब सो गए —
सिवाय एक के — एवी!
वो चुपचाप रात्रि के पास आया...
उसके चेहरे से बाल हटाए...
और उसे निहारते निहारते— उसकी आंखें नम हो गईं।
एवी (रोते हुए):
"माफ कर दो रात्रि...
आने में बहुत देर कर दी।
पर कोई बात नहीं...
अब भी सब सही किया जा सकता है।"
इतने में मलिष्का जागी – पर चुप रही।
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अगली सुबह – सब निकल पड़े।
रास्ते में रात्रि को बेचैनी होने लगी।
अचानक एक बोर्ड दिखा—
"आगे जान सख्त मना है, ये जगह शापित है!"
सब रुक गए – डर और हैरानी की मिलीजुली सांसें।
कौन सी जगह है ये...?
(To be continued...)