Jatinga: Soul of the Birds in Hindi Short Stories by Shailesh verma books and stories PDF | जतिंगा: परिंदों की आत्मा

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जतिंगा: परिंदों की आत्मा

“जातिंगा की चीख”(एक सच्चाई, जो आसमान से गिरती है)---

भूमिका:- जतिंगा घाटी (असम)

स्थिति: असम राज्य

विशेषता: हर साल सितंबर और अक्टूबर में यहाँ बड़ी संख्या में पक्षी आत्महत्या कर लेते हैं।

रहस्य: आज तक यह वैज्ञानिकों के लिए भी रहस्य बना हुआ है कि आखिर पक्षी क्यों खुद बखुद नीचे गिर जाते हैं।

कहानी:-

भाग 1: घाटी जो चुप नहीं रहतीअसम की पहाड़ियों में बसी जातिंगा घाटी, अपने अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन यह घाटी उतनी ही बदनाम भी है—

खासतौर पर एक रहस्यमयी घटना के कारण, जो हर साल सितंबर से नवंबर की कुछ रातों में घटती है। उस समय सैकड़ों पक्षी आसमान से गिरते हैं, जैसे कोई अदृश्य शक्ति उन्हें खींच रही हो।लोग कहते हैं कि यह घाटी अभिशप्त है।---

भाग 2: दिल्ली से जातिंगाडॉ. आदित्य वर्मा, एक पक्षी वैज्ञानिक (ऑर्निथोलॉजिस्ट), इन घटनाओं की जड़ तक पहुँचना चाहता था। उनके साथ थी इरा सरीन, एक प्रकृति फोटोग्राफर, जो डॉक्यूमेंट्री बना रही थी।"अगर कोई रहस्य है, तो विज्ञान उसे जरूर सुलझाएगा," आदित्य ने कहा।"और अगर विज्ञान चुप है, तो कैमरा बोलेगा," इरा मुस्कराई।वे दोनों अक्टूबर की पहली रात घाटी पहुँचे। गाँव वालों ने उन्हें रोकने की कोशिश की। एक बूढ़ी महिला ने कहा:> "रात में जंगल की तरफ मत जाना... वह चीखती है, और जो सुन ले, वह वापस नहीं आता।"---

भाग 3: पहली रातरात 7 बजे, आदित्य और इरा घाटी में टेंट लगाकर उपकरणों के साथ तैयार हो गए। सब कुछ शांत था। फिर करीब 9:30 बजे, हवा में अजीब सी भनभनाहट गूंजी। और अचानक, आसमान से पक्षी गिरने लगे।इरा ने कैमरा ऑन किया, लेकिन उसके लेंस के सामने जो आया, वह विज्ञान नहीं था।एक साया… धुँधला, लंबा… पेड़ों के बीच तैरता हुआ।तभी आदित्य के सिर के पास से एक तेज़ आवाज आई—क़ीऽऽऽऽऽऽक!"ये कोई पक्षी नहीं था," उसने कहा। "ये... किसी लड़की की चीख थी।"---

भाग 4: गुज़रा हुआ इतिहासअगले दिन उन्होंने गाँव के पुराने शिक्षक बलराम बाबू से बात की।उन्होंने बताया कि सौ साल पहले इस घाटी में एक युवा आदिवासी लड़की निंगमई रहती थी। वो एक पक्षी पालने वाली जादूगरनी मानी जाती थी। एक अंग्रेज़ अफ़सर ने उसकी बहन के साथ ज्यादती की। बदले में निंगमई ने कसम खाई कि "हर साल इन हवाओं में उसकी चीख गूंजेगी, और परिंदे आसमान से गिरेंगे जैसे उसकी बहन की आत्मा गिरी थी।"> "लोग कहते हैं वो अब भी घाटी में है," बलराम बाबू ने कहा, "और जिन पक्षियों की आत्मा वह लेती है, वह खुद भी हवा में पंख फैलाकर उड़ती है।"---

भाग 5: और गहरा रहस्यआदित्य ने विज्ञान की भाषा में समझाया—"शायद घाटी में कोई मैग्नेटिक वेव हो, या रोशनी की भ्रमित करने वाली परत…"लेकिन इरा उस रात कुछ और देखने को तैयार थी।दूसरी रात, कैमरे ने जो कैद किया, वो सिर्फ लाइट वेव नहीं थी…बल्कि एक चेहरा था—साफ़, नाराज़, और चीखता हुआ।इरा ने कंपकपाते स्वर में कहा, “आदित्य… ये वही है। निंगमई।”---

भाग 6: टकरावआदित्य इसे भ्रम मान रहा था, पर इरा हर रात घाटी की हवा में किसी लड़की की फुसफुसाहट सुन रही थी:> "मुझे न्याय दो... मेरी बहन को न्याय दो..."इरा धीरे-धीरे मानसिक रूप से अस्थिर होने लगी। वह रातों को चलने लगी, और कैमरे से बात करने लगी। तीसरी रात वह अकेली घाटी की ओर निकल गई।---

भाग 7: चीख जो अंदर उतरती हैजब आदित्य को एहसास हुआ कि इरा गायब है, उसने खोज शुरू की।वो झाड़ियों में गया, और वहां इरा बैठी थी, पत्थरों पर कुछ लिखते हुए:> “मैं उसकी बात मानूंगी… मुझे उड़ना है… मुझे भी गिरना है…”तभी आसमान से फिर पक्षी गिरने लगे। आदित्य ने इरा को खींचकर बाहर निकाला।लेकिन पीछे से एक अदृश्य ताकत ने उन्हें पकड़ लिया।एक ध्वनि… एक करुण रूदन…> “अगर तुमने न्याय नहीं दिया… तुम भी गिरोगे… हर साल… मेरी तरह…”---

भाग 8: मोक्ष या मृत्यु?आदित्य ने अपने डेटा और कैमरा फुटेज के ज़रिए सबूत जुटाए और भारत सरकार को रिपोर्ट भेजी।

लेकिन रिपोर्ट "अवैज्ञानिक और अस्वीकार्य" कहकर खारिज कर दी गई।इरा ने डॉक्यूमेंट्री बनाई — "The Falling Sky of Jatinga" — जो दुनिया भर में वायरल हो गई।

लेकिन उसके कुछ ही समय बाद इरा लापता हो गई।लोगों का कहना है… वो भी निंगमई बन गई।---

भाग 9: आज की जातिंगाआज भी, हर साल सितंबर की आखिरी रात, घाटी के कुछ हिस्सों में चीख सुनाई देती है।जो भी घाटी में जाता है, उसे इरा की आवाज़ सुनाई देती है:> "मैंने उसे देख लिया… वो हवा में थी… मैं भी उड़ना चाहती थी…"---अंतिम संदेश:जातिंगा सिर्फ एक जगह नहीं…यह एक चेतावनी है…> "हर अन्याय, चाहे वो इंसान पर हो या पक्षी पर — उसकी एक गूंज होती है। और वह गूंज हमेशा हवा में रहती है…"---

समाप्त।

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धन्यवाद

लेखक:- शैलेश वर्मा