Khel Khel me - Jaadui - 1 in Hindi Fiction Stories by Kaushik Dave books and stories PDF | खेल खेल में - जादूई - भाग 1

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खेल खेल में - जादूई - भाग 1

"खेल खेल में - जादूई"

जिंदगी एक खेल है ऐसा कुछ लोग मानते हैं।
लेकिन जिंदगी को सिरीयस में लेना चाहिए।

एक ऐसी कहानी है जिसमें नायक को एक जादूई किताब मिलती है और उस किताब के जरिए एक जादूई दुनिया यानी जादूई दुनिया में पहुंच जाता है।
जानने के लिए पढ़िए मेरी कहानी "खेल खेल में - जादूई"

नायक शुभ पीजी में अपने फ्रेंड के साथ रहता है।

शुभ को किताबें पढ़ने का शौक होता है।

 "चल ने यार शुभ, हम एम.जे. लाइब्रेरी जाते है।"  नीरज बोला.

 "नहीं..आज नहीं जाऊंगा" शुभ ने कहा।

 "लेकिन क्यों?"

 "आज मैं संडे गुजरी बाज़ार जाना चाहता हूँ, जहां पुरानी किताबें मिलती है सस्ते दामों में।

 शुभ हर शनिवार या रविवार को एमजे लाइब्रेरी जाता है।  उन्हें किताबें पढ़ने का शौक है।   अहमदाबाद के वस्त्रापुर इलाके में अपने दोस्त नीरज के साथ पीजी में रहता है।
शुभ छब्बीस साल का एक सुंदर युवक। 
 प्रह्लाद नगर क्षेत्र की एक निजी कंपनी में नौकरी करता है।

 शुभ दो-तीन दिन से सीरियल 'गुम है किसी के प्यार में' देख रहा था। 
 उसके दिमाग में विराट और पाखी और सई की घटनाएँ घूम जाती हैं।

 शुभ रविवार को एलिसब्रिज के नीचे गुजरी बाजार में जाता है।

 आज उसे एक अलग तरह की पुरानी  किताब खरीदनी थी।
 गुजरी बाजार में विध विध प्रकार की किताबे मिलती है।
अपनी पसंदीदा किताब के लिए शुभ ढूंढता फिरता है।

 उनके दिमाग में आज भी 'गुम है किसी के प्यार में' गाना बज रहा है.. और वह उस गाने को गुनगुनाते रहते हैं।

 गुम है किसी के प्यार में दिल सुबह शाम
 लेकिन मैं तुम्हें लिख नहीं सकता, मैं उसका नाम नहीं लिख सकता, हाय राम

 इसी बीच शुभ एक खूबसूरत लड़की से टकराता जाता है।
 लड़की के हाथ से पेपर बैग गिर जाता है।



 सोरी.. बोलकर शुभ उस लड़की की ओर देखता है।

 जींस और टॉप पहने लड़की देखी। उसके दूसरे हाथ में तीन साल का बच्ची देखी।

 क्यूट.. है...शुभ उस बच्ची को देखकर बोला 

 ये सुनकर लड़की गुस्सा हो जाती है.

 फिर से शुभ सॉरी कहता है और स्माइल करता है।
 प्यारी बच्ची है 

 वो बच्ची हंसती है..
 शुभ पेपर बैग लेने जाता है।  तभी उस पेपर बैग में एक किताब दिखाई देती है।
 जिसमें से कुछ अजीब तरह की रोशनी पर शुभ की नजर पड़ती है।

 शुभ की आँखें चौड़ी हो गईं।
 वह एक पेपर बैग लेता है और लड़की को देता है।

 शुभ वहां से विदा होने के बाद पुरानी किताबें जहां मिलती है वहां पहुंच जाता है।

 पुरानी किताबें तलाशने लगता हैं.
 लेकिन अपनी पसंदीदा किताब दिखती नहीं है।
कुछ किताब के पन्ने फटे हुए दिखें।
बड़बड़ाने लगा 
शायद आज अच्छी किताबें नहीं आईं होगी।
ऐसी किताब खोजना है जो जिंदगी को बदल दे।

 शुभने इस बार ऐसी पुरानी किताब चाहिए जिसमें कोई जादू, जादुई या तावीज़ चमत्कार हो.. 

 रोमांच पैदा होना चाहिए.. 
एक तरह की किताबें पढ़ते-पढ़ते भी  बोर हो गया था।

 तभी उनके पास एक अजीब तरह की दिखने वाली बुढ़िया दिखीं।

 वह विचित्र कपडे पहनें पुरानी चद्दर पर अजीब सी पुरानी किताब बेच रही थी।

 उस बुढ़िया की आंखों में सुरामो, कानों पर लंबी कड़ियाँ और शरीर पर अजीब तरह के टैटू थे।

 शुभ की नज़र एक किताब पर पड़ी। 
 किताब का नाम था "खेल खेल में"।
 ऐसा लग रहा था जैसे कोई जादुई ताबीज चमत्कारी कहानी हो.. शुभ को ऐसी ही  किताब में दिलचस्पी हो गई..
( क्या शुभ जादूई किताब पढ़ेगा? किताब में अजीब क्या होगा? शुभ की जिंदगी कैसी हो जायेगी?)
- कौशिक दवे