खेल खेल में - जादूई
(पार्ट -२)
शुभ अपने लिए पुरानी किताबें खरीदने के लिए गुज़री बाजार जाता है।
वहां एक किताब देखता है।
किताब का नाम खेल खेल में था।
ऐसा लग रहा था जैसे कोई जादुई ताबीज चमत्कारी कहानी हो.. शुभ को ऐसी ही एक किताब में दिलचस्पी हो गई..
उसने विचित्र बुढ़िया से किताब की कीमत तय की....उसने किताब एक सौ में खरीदी।
बुढ़िया मुस्कुराईं और धीरे से फुसफुसाते हुए बोली...आज ऐसी दो प्रतियां बिकीं... मैं देखती हूं.. कितने लोग इस किताब को पढ़ सकते हैं..?
शुभ किताब लेकर अपने कमरे में आ गया।
शुभ ने सोचा कि यह किताब रात को पढ़ूंगा... अभी नहीं पढ़ सकता।
दिन बीतता गया. शाम को वह अरीजीत सिंह के गाने सुन रहा था।
इसमें किशोर कुमार की एक पुरानी फिल्म के गाए गाने का रीमेक जो अरीजीत सिंह ने गाया था वह सुनने लगा।
वह गीत मन ही मन गुनगुना रहा था।
मेरी भीगी-भीगी सी पलकों पे
रह गए जैसे मेरे सपने बिखर के
जले मन तेरा भी किसी के मिलन को
अनामिका, तू भी तरसे
मेरी भीगी-भीगी सी...
रात हो गयी थी
उसका दोस्त नीरज थक कर सो रहा था.
शुभ ने वह पुरानी तिलस्मी पुस्तक हाथ में ली।
उस किताब का पहला पन्ना खोलते ही एक अजीब सी रोशनी आंखों के सामने आई।
शुभ चौंक गया
नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता। किताब में से ऐसी रोशनी नहीं आ सकती।शायद मेरा भ्रम है।
फिर उसने किताब पढ़ना शुरू किया।
एक के बाद एक पन्ने पढ़ते-पढ़ते दिलचस्पी बढ़ती गई।
पढ़ते पढ़ते शुभ पेज नंबर बारह पर आ गया।
इसमें लिखा था कि यदि आप आगे बढ़ना चाहते हैं तो इस वर्ग में तेरह का अंक है उस पर एक उंगली रखें।
जिज्ञासावश शुभ ने खींचे गए वर्ग के अंदर लिखे तेरह अंक पर अपनी उंगली रख दी।
....तेज रोशनी के साथ....
शुभ की आँखें चमक उठीं...
..... धीरे-धीरे अपनी आँखें खोलते हुए, शुभ खुद को घने जंगल में महसूस करता है...
शुभ आश्चर्यचकित था...
ओह... तो मैं गेम में आ गया क्या?
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शुभ को जंगल अच्छा लग रहा है .. इस घने जंगल में कोई भी जानवर दिखाई नहीं देता है।
सुंदर पेड़, छोटे पौधे, रंगीन फूल ... और छोटी रंगीन तितलियों को अपने आसपास उड़ते देखता हैं।
यह देखकर वह देखकर खुश था।
थोड़ा आगे बढ़ा तो देखा कि दो छोटे आ रहे हैं।
दोनों बौने काले दिखते थे।
दोनों शुभ के पास आ गये। लेकिन वो दोनों बोल नहीं पा रहे थे।
बस इशारे से समझाया कि आगे बढ़कर जाना खतरों से खाली नहीं है।
लेकिन शुभ को आगे जाना था।
एक बोनो आदमी लड़के का नोकीला हथियार देता है और समझाता है कि आपत्ति आने पर इसका इस्तेमाल करना।
शुभ आगे बढ़ता है तो तीसरा बौना उसके पास आ जाता है
समझाता है कि जंगल में कुछ न कुछ लग जायेगा
इसलिए मेरे पास कुछ जड़ी-बूटियां है,वह साथ में रखना।यह घाव और बीमारी में इस्तेमाल कर सकते हो।
शुभ खुश हुआ। जंगल के लोग भले मानुष दिखते हैं
शुभ धीरे धीरे आगे बढ़ा।
उसे आश्चर्य होने लगा।
जैसे -जैसे वह आगे बढ़ता है, उसकी उम्र बढ़ती जा रही थी।
शुभ घबरा गया
उसे बौने की बातें याद आ गई।
अब वापस जाना पड़ेगा।
लेकिन कैसे जाऊं?
अब वापस जाने का रास्ता याद नहीं है ।
कहाँ जाए?
शुभ घने जंगल में जा रहा है ।
अब उसकी उम्र डबल की तरह दिखती है।
शुभ घबरा गया और बड़बड़ाने लगा
ऐसी गेम होती है? यह जंगल मायावी लगता है।
मेरी जवानी ढल रही है। मैं कैसे जी पाऊंगा?
मुझे कौन मदद करेगा?
उस समय एक खूबसूरत युवती दिखाई देती है।
वह महिला शुभ को देखकर मोहित हो जाती है।
( मायावी जंगल में क्या होगा? क्या शुभ फंस जायेगा? खूबसूरत लड़की कौन होगी? जानने के लिए पढ़िए मेरी कहानी)
- कौशिक दवे