Rebirth of my Innocent Wife - 1 in Hindi Fiction Stories by Rani prajapati books and stories PDF | Rebirth of my Innocent Wife - 1

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Rebirth of my Innocent Wife - 1

बारिश बहुत तेजो से झमाझम बरस रही थी।

वही एक लड़की   सड़क पर भागे जा रही थी। उसके पीछे एक लड़का हाथों में चाकू लिए उसके पीछे भाग रहा था।

वो लड़की बेहद ही सुंदर थी लेकिन इस वक्त उसके शरीर में कई सारे चोटे लगी हुई थी। । 

वो लड़की बार-बार पीछे मुड़कर देख रही थी।

कहीं वो लड़का फिर से उसके पीछे तो  नहीं आ रहा था।

तभी उसकी नजर उस लड़के पर पड़ी । 

उस लड़के को देखकर  ईशानी चिलाते हुए बोली, "नहीं अजय प्लीज ऐसा मत करो । तुम्हें जो चाहिए था मैंने दे दिया प्लीज मुझे मत मारो मुझे अपनी मम्मी पापा के पास जाना है अजय  प्लीज अजय मत मारो मुझे। मैं नहीं आऊंगी तुम्हारी और शीना के बीच भी। कभी नही आऊँगी। प्लिज़ छोड़ दो मुझे।"

जिस पर अजय हस्ते हुए बोला, " नहीं नहीं ईशानी डार्लिंग अब ऐसे कैसे मैं तुम्हें छोड़ दूं ।  जब तक तुम मरोगी नहीं  तब तक तुम्हारी प्रॉपर्टी मेरे हिस्से कैसे आएगा"

 कहते हुए अजय ने झटके से इशानी को पकड़ा उसे पलट कर उसके पेट पर चाकू मार दिय।

ईशानी दर्द से चीख उठी।

ईशानी के पेट से खून रिश रहा था जो उसकी साड़ी को भीगो रहा था 

 ईशानी की आंखों में आंसू थे।

उसने इस आदमी से कितना प्यार किया था इतना प्यार कि उसने अपने परिवार के खिलाफ जाकर इस लड़के से शादी की थी। 

उसने कितना मनाया था अपने परिवार को ताकि वो अपने love of लाइफ से सके।

लेकिन आज उसके परिवार वाले सच्चे निकले और इशानि का विश्वास के आज टुकड़े टुकड़े हो गए वैसे ही जैसे आज इशानि के दिल के टुकड़े टुकड़े हो गए थे।

ईशानी अजय के चेहरे को छूते हुए दर्द भरी आवाज में बोली, "अजय मैंने तुमसे  मैंने तुमसे कितना प्यार किया और तुमने मुझे ही  इतना बड़ा धोखा दे दिया  ये सही नहीं किया तुमने अजय"

 इशानि आँखों मै आँसू लिए दर्द भरी आवाज मै बोली।

जिस पर अजय एक मक्कारी भारी हंसी के साथ ईशानी के गालों को छूते हुए कहता है "क्या करूं इशानि प्यार तो मैंने भी तुमसे किया था  लेकिन क्या करूं तुम में वो बात नहीं जो शीना में है। चलो अगर  तुम्मे अगर वो बात भी होती  लेकिन तुम्हारे पैसों ने मुझसे तुम्हारा ध्यान हटा दिया। मैने तुमसे कितने ही पैसे मंगाता लेकिन तुम हर एक चिज का हिसाब लिया करती थी,।

बताओ मै तो तुम्हारा पति था ना तो मुझे एक फूटी कौड़ी भी क्यों नही देती  थी। तुम सारी डिसीजन खुद लेती थी तो आखिर में मुझे करना पड़ा। मुझे करना पड़ा तुम्हें मारना पड़ा । आखिर जब तक तुम मरोगी नहीं तब तक तुम्हारी प्रॉपर्टी मेरी हिस्से कैसे आएगी।" 

तभी शीना अजय के बगल मै आते हुए इशानि को घूरते हुए बोली, "और इन सब चीजो मै मैने साथ दिया है अजय का।" 

शीना को देख इशानि शोक हो गयी थी वो सदमे की हालत मै बोली, " शीना तुम भी मिली हुई थी इन सब मै। "

जिस पर शीना हस्ते हुए बोली, "मिली हुई थी का क्या मतलब, अजय के दिमाग मै तुम्हे मारने का idea मैने ही डाला था।" 

फिर वो अजय की तरफ देखते हुए बोली, " क्यों बेबी सही कहा ना मैने।" 

जिस पर अजय ईशानी के सामने है शीना के माथे को चूमते हुए बोला, " बिल्कुल सही।

फिर शीना बोली, " अब मै अगर अजय के पास हूं ही तुम्हारी जगह लेने के लिया तो इशानि मैडम तुम्हे मरना ही  होगा" 

शीना और अजय का ये घटिया चेहरा देख कर ईशानी उनकी तरफ देखते हुए नफरत से बोली, "शीना और अजय तुम दोनों ने मुझे इतना बड़ा धोका दिया, Tum दोनों तू जानवरो से भी बेकार निकले, अरे कम से कम वो वफादार तो होते लेकिन तुम दोनों वो साँप हो जो अंत मै अपने ही  मालिक को दस्ता हे। "

फिर वो अपनी आँखों मां की खून लिए शीना कि तरफ देखते हुए बोली, "शीना तुम मेरे कैसे कर सकती हो मैं तुम्हें अपनी अच्छी दोस्त माना था और तुम मुझे बस एक चंद पैसों के लिए मुझे मारना चाहती हो।"

जिस पर शीना बोली, " मैं तुमसे कॉलेज टाइम से नफरत करते आई हूं ईशानी तुम बड़ी अमीर खानदान की बेटी हो, तुम clg time मै मेरे सामने बहुत शो ऑफ करती थी ना।

तुम बड़ा अपने महंगे महंगे बरण्डेड बरेंडेड चीजे दिखाती थी, तुम क्या साबित करना चाहती थी क्या है तुम्हारे पास क्या एक तुं ही अमीर हो और हम सब भीखमंगे। तभी से उसी दिन से मैंने कसम खा ली थी कि एक दिन मैं तुमसे तुम्हारे हर कीमती चीज को अपना बना लुंगी, और देखो मैने अपनी कसम भी पुरी की तुम्हारा पति तो अब मेरा है है और रही बात पैसों की तू वो तुम्हारे मरते ही हमारे हो जायेंगे।"

कहते हुए शीना इशानि को नफरत से देख रही थी 

शीना की बात सुन ईशानी की आंखों में आंसू आ गए थे।

वो कदम कदम पीछे करते हुए बोली, " शीना लेकिन मैंने कभी तुम्हें उसे तरह से देखा है। 

जिस पर शीना बोली, " बस इशानि अब मेरे अंदर तुम्हारी बकवास या बेकर बाते सुनने का दम नही है"

 फिर वो अजय की तरफ देखते हुए बोली, "अजय मैं बोल रही हूं मार दो इसे।"

हम इसे नहीं छोड़ सकते वरना फिर ये हमें नहीं छोड़ेगा । 

सुना है ना कभी भी जख्मी शेर को जिंदा छोड़ने की गलती मत करना वरना वो शेर ठीक हो कर तुम्ही है खा जाएगा। 

ओरो वैसे भी अगर उसे पता चल गया की हमने इशानि koi नही मरा और उसे घ्याल छोड़ दिया तो वो हमे नही छोड़ेगा  

शीना की बात सुन कर अजय किआंखों में थोड़ा डर भर आया था।

वो बोला, " ठीक है अब हम इसे मार ही देते हैं । 

वहीं शीना के muhese किसी और का नाम सुनते ही ईशानी आंखें फैल गयी ।

वो बोली, " क्या मुझे मारने के पीछे  कोई और भी है । 

ईशानी की बात सुन शीना हंसते हुए बोली, "  कोई है भी तो तुम्हें उसे क्या फर्क पड़ता है।

तुम्हें तो मरना ही है तुम आराम से मार सकती हो।

कहते हुए शीना आई और इशानी के बालों को पकड़ कर उसे गर्दन पर चाकू घुसेड दिया।

शीना ने इशानि की गर्दन मै इतने बुरे तरीके से चाकु घोपा था जिससे देखने वालो की भी रूह काप् गयी थी। 

ईशानी को वही बीच सड़क पर मरता छोड़ शीना और अजय वहाँ से निकल गए। 

  ईशानी अब जमीन पर लेट गई थी और वह अपनी सूनी आंखों से अजय और शीना को वहां से जाते हुए देख रही थी।

इशानि मन है मन आसमान को देखते हुए बोली, " अजय से शादी  करके उससे शादी कर के उसने अपनी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती की थी, 

काश उसने time रहते अपने पापा माँ की बात मानी होती तो शायद उसकी ये दुर्दशा ना होती। 

काश मुझे एक मौका मिलता और मै अपनी पिछली की गयी गलतियों को सुधार पाती कहते हुए इशानि ने अपनी आखे बन्द कर ली, उसके आखो के कोनो से आँसू बेह रहे थे । 

तभी एक बिजली जोर से कड़की जो सीधा ईशानी के उपर आ गिर और इशानि वहीं जल कर खाख हो गयी। 

क्या होगा इशानि का, क्या व ऐसे ही मर जायेगी य व वापस आयेगी अपने खूनियो को सजा देने जानने के लिया बने रहिये मेरे साथ। 

आज के लिए इतना ही बाकी कल