(एक घर के बाहर का सीन दिखाया जाता है जो देखने में काफी खूबसूरत और बड़ा दिखाई दे रहा था)
माही: अरे वा क्या सुंदर घर है (माही एक डिलीवरी गर्ल है वह यहां पर एक डिलीवरी पार्सल देने आई है)
(माही घर के अंदर गई और उसे कोई दिखाई नहीं दिया तो उसने कहा सर मेम क्या कोई घर पर हे)
तभी एक 70 80 साल का बूढ़ा आदमी सोफे पर बैठा कहां हां बोलो क्या काम था
माही :सर वह पार्सल आया tha
(बूढ़े आदमी को हम अपनी स्टोरी में दादा जी कहेंगे)
दादा जी: हां अदर आ जाओ।
(तभी माही देखती है कि दादाजी के सिर के ऊपर झूमर गिरने वाला है)
(माही दादाजी का हाथ पकड़ा के उने dusre सोफे पर dekhal देती हैं और ऊपर देखते की एक आदमी भाग रहा होता है माही उसका सीडीओ से होते हुए पीछा करती ह)
माही और वो आदमी दोनों अब टैरिस के ऊपर होते हैं
आदमी ने अपनी पॉकेट में से बदूक निकाली और माही की तरफ की
माही ने पालके झपकते ही अपने पास बड़ी रस्सी से उस आदमी के पांव बंदे और उसे टैरिस से नीचे लटका कर। उसके rashashi का एक कोना को पास में पड़े एक किले से बंद दिया
तभी दादाजी और उनके सर्वेंट छत पर आ गए
माही:अंकल( दादाजी) आप पुलिस को बुला लो और है ये बंदूक इस से मिली है इस पर इस के फिंगर प्रिंट है
दादा जी:थैंक यू beta तुम्हारी वजह से आज मेरी जन बचा गए
माही:ओके में चलती हु और है आप वो पार्सल रिसीव कर लो तो में आगे डिलीवरी करने jau
दादा जी :है चलो हम नीचे चलते है
माही:लेकिन ये आदमी
दादाजी:इसकी फिकर मत करो कोई चोर हो गा में आदमी इसे पुलिस स्टेशन ले जाए गए
माही:ओके
( अब शाम हो जाती है माही और दिशा दोनों घर पर है)
दादाजी: सभी सर्वेंट और घर वालों पर चिल्लाते हुए क्या मैंने तम्हें खाना पीना रहना और पैसे इसी बात के दीए है कि कोई घर पर आकर मुझ पे हमला कर सके
(Rakes जिनको हम कहानी में बड़े पापा कहेंगे )
बड़े पापा: ऐसे कैसे हो सकता मैं सेफ्टी का पूर ध्यान रखा था
(Rajiv जिन्हें हम कहानी में छोटे पापा कहेंगे)
छोटे पापा: पापा भाई सही कह रहे हैं हम दोनों दी सेफ्टी का पूरा ध्यान रखना था
दादा जी: लेकिन हमला तो मुझ पर हुआ है ना
बड़े पापा: मैं सेफ्टी को थोड़ा और बड़ा देता हूं पापा आप क्या बता सकते हैं कि उसे लड़के को ऐसे किस ने लटका या था
दादाजी:( हंसते हुए )एक लड़की ने क्या तुम मन सकते हो कि उसने एकदम माफिया स्टाइल मे उस लड़के को टैरिस से नीचे लटका दिया था
छोटे पापा: क्या सच में वह एक लड़की थी
दादाजी: तुम्हें क्या लगता है मैं झूठ बोल रहा हूं
बड़े पापा: नहीं नहीं छोटे का कहने का ये मतलब नहीं था
छोटे पापा: हां पापा मेरे कहने का यह मतलब नहीं था मुझे माफ कर दीजिए
दादाजी का स्वभाव बहुत ही खराब था उन्हें बहुत जल्दी गुस्सा आता था और वे चिड़चिड में रहते था आज 20 साल बाद छोटे पाप और बड़े पापा ने उन्हें हंसते हुए दखा था
Okkkkkkk byyyyy फ्रेंड्स आपको