बारिश की हल्की बूँदें हवेली की पुरानी दीवारों से टकरा रही थीं, जैसे कोई अतीत की गाथा गुनगुना रहा हो। यह 'रत्नावली हवेली' थी, सदियों पुरानी, जिसके जंग लगे लोहे के दरवाजे और खिड़कियाँ एक गहन रहस्यमयी एहसास पैदा कर रही थीं। चारों ओर घने पेड़ खड़े थे, उनकी काली, डरावनी शाखाएँ बारिश की बूँदों में और भी विद्रूप लग रही थीं। हवेली के भीतर एक हल्की, हड्डियों तक पहुँचने वाली ठंडक थी, और हवा में धूल, पुराने कागज़ों और सीलन की मिली-जुली, अजीब-सी खुशबू तैर रही थी।
Full Novel
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 1
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 1बारिश की हल्की बूँदें हवेली की पुरानी दीवारों से टकरा रही थीं, जैसे कोई की गाथा गुनगुना रहा हो। यह 'रत्नावली हवेली' थी, सदियों पुरानी, जिसके जंग लगे लोहे के दरवाजे और खिड़कियाँ एक गहन रहस्यमयी एहसास पैदा कर रही थीं। चारों ओर घने पेड़ खड़े थे, उनकी काली, डरावनी शाखाएँ बारिश की बूँदों में और भी विद्रूप लग रही थीं। हवेली के भीतर एक हल्की, हड्डियों तक पहुँचने वाली ठंडक थी, और हवा में धूल, पुराने कागज़ों और सीलन की मिली-जुली, अजीब-सी खुशबू तैर रही थी।माया, 24 साल की, उस कमरे के ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 2
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 2“रत्नावली का रहस्य”---भाग 1 – हवेली के भीतर पलायनबाहर बारिश और तेज़ हो चुकी बिजली की गड़गड़ाहट हवेली की दीवारों में गूंज रही थी।आदिल ने माया का हाथ कसकर थामा, और दोनों हवेली के भीतर की ओर भागे — उन संकरे, धूल भरे गलियारों से होते हुए जहाँ हर दीवार जैसे किसी रहस्य की पहरेदारी कर रही थी।दीवारों पर पुरानी नक्काशियाँ थीं — कुछ अस्पष्ट, कुछ लगभग मिट चुकीं।लेकिन तभी माया की नज़र एक पैटर्न पर पड़ी।वो वही चिन्ह था… जो उसके sketchbook में बना था।तीन वृतों के बीच एक अधखिला कमल, और ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 3
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 3“रत्नावली मंदिर का द्वार”---1. आरंभ — रहस्य के मार्ग परहवेली के भीतर खुला वह रास्ता लंबा और घुमावदार था।दीवारों पर वही चिन्ह — तीन वृत और अधखिला कमल — टॉर्च की रोशनी में चमक रहे थे।आदिल आगे चल रहा था, माया उसके पीछे, सावधानी से कदम रखती हुई।हवा में धूप और मिट्टी की मिली-जुली गंध थी, जैसे कोई प्राचीन देवस्थान पास हो।धीरे-धीरे रास्ता खुला, और सामने उभर आया एक विशाल पत्थर का मंदिर —रत्नावली मंदिर।मंदिर की दीवारें काली पत्थर की थीं, जिन पर समय के निशान उकेरे थे।माया ने जैसे ही सीढ़ियों पर ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 4
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 4शीर्षक: अनंत श्राप(रत्नावली मंदिर का रहस्य जागृत होता है)---1. हवाओं में उठती अजनबी सरगोशियाँदरभंगा रात आज अजीब थी।आकाश पर बादल थे, पर फिर भी बिजली बिना गड़गड़ाए चमक रही थी — जैसे किसी अनदेखे संकेत पर धरती थरथरा उठी हो।माया ने हवेली के बरामदे से देखा — मंदिर की दिशा में हल्की-सी नीली रोशनी झिलमिला रही थी।आदिल उसके पास आया, उसके चेहरे पर चिंता थी।“फिर वही रोशनी?”माया ने सिर हिलाया, “यह मंदिर अब सोया नहीं है, आदिल। इसकी दीवारें हर रात जागती हैं।”आदिल ने हथेली उसके कंधे पर रखी,“तुम बहुत कुछ झेल चुकी ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 5
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 5शीर्षक: पुनर्जन्म का वादा(जब समय खुद प्रेम की परीक्षा लेता है)नई सुबह — अनजान वही रूहेंदिल्ली, वर्ष 2032।आर्या नेनी, एक न्यूरो-साइंटिस्ट, अपने सफेद कोट पर झुकी लैपटॉप पर कुछ कोड जांच रही थी।उसकी स्क्रीन पर शब्द उभरे — “Soul Memory Transfer Simulation — Phase 3 Completed.”कमरे में चांदनी झर रही थी, और मेज़ पर रखा एक छोटा-सा ताबीज हल्का चमका —तीन वृत और अधखिला कमल।वह ठिठक गई, कुछ देर उसे देखती रही।“अजीब सा डिज़ाइन है… पिछली रात भी सपने में यही चिन्ह देखा,” उसने बुदबुदाया।सपने में एक मंदिर था, हवा में बजती घंटियाँ, ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 6
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 6शीर्षक: कालजयी प्रेम का द्वार(जब मृत्यु भी प्रेम की राह नहीं रोक पाती)शून्य में — दो युगों की दरारअंधकार और प्रकाश के बीच, आर्या ने खुद को एक अजीब स्थान पर पाया।न कोई ज़मीन थी, न आसमान — बस तैरते प्रतीक, वे ही कमल और वृत्त।आदिल उसके सामने था, पर उनकी आवाज़ें हवा में बिखर जा रही थीं।“यह… कहाँ हैं हम?” आर्या ने पूछा।आदिल ने उसकी तरफ देखा — “समय के बीच का मार्ग। जवेन ने हमें आत्मा-विकर के बंधन में फेंक दिया है।”चारों ओर दीवारों-सी लहरें उठीं — उनमें अतीत के दृश्य ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 7
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 7शीर्षक: आत्मस्मृति(जब आत्मा फिर से अपनी परछाई को पहचानती है)नया जन्म — अनकही पहचानशांत वाराणसी।गंगा तट की सीढ़ियों पर बैठी एक युवती जल में फूल बहा रही थी।उसकी आँखें कुछ खोज रही थीं, जैसे किसी अदृश्य धुन को सुन रही हो।नाम — सुरभि।वह बनारस विश्वविद्यालय में इतिहास की छात्रा थी, प्राचीन मंदिरों और पुनर्जन्म पर शोध कर रही थी।उसकी बाईं हथेली पर छोटा-सा चिन्ह — अधखिला कमल।पास में कैमरा उठाए खड़ा एक युवक तस्वीरें ले रहा था।नाम — अयान।उसे मंदिरों के चित्र खींचने का शौक था।जब उसकी नज़र सुरभि पर पड़ी, वह कुछ ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 8
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 8शीर्षक: आत्मा का पुनर्लेख(जब किसी अधूरी कहानी को खुद समय पूरा करता है)1. आरंभ प्रकाश के बाद की शांतिमंदिर की घंटियाँ गूँजने के बाद सबकुछ मौन हो गया था।नीला द्वार, जो क्षण भर पहले चमक से भरा था, अब राख-सा ठंडा पड़ा था।गंगा तट की हवा में धूप और पानी की मिली-जुली गंध थी।सुरभि धीरे-धीरे आँखें खोलती है।वह मंदिर के भीतर है, पर सब कुछ नया लगता है—दीवारें ताजगी से दमक रही हैं, जमीन पर कहीं भी पुरानी दरारें नहीं।“क्या मैं सपना देख रही हूँ?” उसने बुदबुदाया।पास से आवाज़ आई, “सपने अक्सर वे ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 9
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 9 प्रतिवचन(जब आत्मा प्रेम को ईश्वर समझ लेती है)1. हवा में लौटे शब्दवाराणसी का गंगा-तट अब शांति से झिलमिला रहा है।सूरज ढलने के बाद आसमान सुनहरी नीली परत में रंग गया है।सुरभि एक छोटी नौका में बैठी है, उसकी डायरी खुली हुई है।वह लिख रही है—“हर जीवन, हर जन्म, हर प्रेम… शायद कोई अलग कहानी नहीं, बल्कि एक ही आत्मा का हजारों बार खुद को समझने का प्रयास है।”लहरों के बीच हल्की आवाज़ आती है—“रत्नावली…”वह मुस्कराती है, “हाँ, सुना मैंने। पर अब वह नाम केवल स्मृति है।”किनारे पर अयान खड़ा था। उसके कैमरे में ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 10
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 10शीर्षक: अंतिम साक्षात्कार(जब रूह खुद से मिलती है)1. प्रातः का मौन — स्मृतियों का का आसमान धुंध से ढका था, पर गंगा का पानी अजीब तरह से चमक रहा था।सुरभि घाट की सीढ़ियों पर बैठी थी, हाथ में वही पुराना ताबीज लिए — तीन वृत और अधखिला कमल।अब यह चिन्ह बस प्रतीक नहीं था, बल्कि पूरी यात्रा की यादें समेटे हुए था।उसने आँखें बंद कीं और हवा में फुसफुसाई,“रत्नावली, माया, आर्या, जवेन, आर्यवीर… तुम्हारी कथा मैंने जिया, अब उसे लिखने की घड़ी है।”पीछे से अयान की आवाज़ आई, “क्या तुम वाकई इसे सबके ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 11
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 11शीर्षक: प्रेम का पुनरागमन(क्योंकि कुछ आत्माएँ कभी विदा नहीं होतीं)1. हिमालय की ठंडी सुबहसर्द में भी एक नई ताजगी थी। कैलाशपूर के पहाड़ों पर बर्फ़ की सफेद चादर बिछी थी।आरुषि ने स्कूल की लाइब्रेरी के बाहर गुनगुनी धूप महसूस की। हाथ में वह पुरानी किताब थी — “Hidden Love: The Eternal Soul,” जिसमें तीन वृत और अधखिला कमल अंकित था।उसने देखा कि आसपास कुछ चीजें पहली बार जैसे उसके लिए ही बनी हों।“यह चिन्ह कहीं देखा है, पर याद नहीं आ रहा,” वह सोचने लगी।तभी बिजली चमकी, और हवा में गीत जैसा फुसफुसाहट ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 12
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 12शीर्षक: स्वरूपांतरण(जब प्रेम खुद को नए रूप में प्रस्तुत करता है)1. कैद से मुक्ति एक नया क्षितिजकैलाशपूर के पहाड़ों की गोद में, हिमस्खलित रास्तों से नीचे एक पुराना क़स्बा था, जिसे लोग भूल चुके थे।आरुषि और आरव ने वहां एक गुप्त मंदिर की चाबी खोज निकाली, जो रत्नावली मंदिर की आध्यात्मिक ऊर्जा से जुड़ा था।“यहाँ से असली यात्रा शुरू होगी,” आरुषि ने गंभीर स्वर में कहा।आरव ने कैमरा चालू किया, और दोनों गुफा के अंदर गए।एक विशाल कक्ष था, जहां दीवारों पर पुरानी लिपियाँ और ज्यामितीय चिन्ह झिलमिला रहे थे।बीच में एक जलाशय ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 13
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 13शीर्षक: अनंत प्रेम की दस्तक(जब आत्मा समय से परे अपने प्रिय को पहचानती है)1. की सीमा परहिमालय की भोर अब भी नीली थी।रात के आख़िरी तारे झिलमिला रहे थे जब आरुषि ने अपनी पलकों पर हल्की नमी महसूस की — वह अब भी उसी मंदिर के पास थी, पर दुनिया कुछ अलग लग रही थी। हवा में गूँजते मन्त्र अब विश्रांति में थे, जैसे उन्होंने अपना कार्य पूर्ण कर लिया हो।आरव ठीक पीछे खड़ा था, पर उसकी आँखों में किसी और समय का प्रतिबिंब था। उसने कहा,“क्या हम बच गए, या यह कोई और ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 14
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 14शीर्षक: प्रेम का बीज(जब आत्मा ब्रह्मांड की मिट्टी में नई कहानी बोती है)1. समय रेत में वापसीहवा में हल्की ठंडक थी। कैलाशपुर की घाटी फिर एक बार नए मौसम की दहलीज़ पर थी।नीली झील अब भी चमक रही थी, पर उसके जल में कोई प्रतिछाया नहीं थी। वह जैसे किसी और संसार का द्वार बन चुकी थी।आरुषि और आरव अब धरती पर लौट आए थे, पर उनके भीतर का समय बदल चुका था।उनकी आँखों में युगों का अनुभव बस गया था—सिर्फ़ देखना नहीं, बल्कि महसूस कर लेना अब उनका स्वभाव बन गया था।आरुषि ने ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 15
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 15शीर्षक: समय की प्रार्थना(जब प्रेम युगों की सीमाएँ पार कर परम सत्य से मिलता बीते युग की सीढ़ियाँवर्ष बीत चुके थे। कैलाशपुर की घाटी अब “प्रेम सरोवर” के नाम से पहचानी जाती थी। यहाँ वह झील अब भी नीली थी, जहां कभी आरुषि और आरव का आत्मिक स्वरूप विलीन हुआ था।कई पीढ़ियाँ इस मंत्रित स्थल से प्रेरणा ले चुकी थीं, लेकिन इस बार घाटी में विज्ञान और आध्यात्म का मिलन एक नई दिशा की ओर बढ़ चला था।एक शाम ध्यान-केन्द्र में युवा साधक विनय पहुँचा—अपने भीतर अनकहे प्रश्न लिए।उसने सरोवर के पानी को छुआ, ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 16
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 16शीर्षक: आत्मा का संगीत(जब प्रेम की लय आत्मा के हर सुर में गूँज उठती संगीत की पहली चुड़ैलियाँप्रेम सरोवर की घाटी अब एक रहस्यमय धुन सुनाई देती थी।झील के किनारे, हवाओं के स्वर में कहीं-कहीं एक धीमा संगीत गूँजता—जो किसी अनदेखे स्रोत से उत्पन्न होता।विनय, जो अब यहाँ नियमित रूप से ध्यान और संगीत अध्ययन करता था, उस धुन को समझने की कोशिश कर रहा था।“यह आवाज़ अकेले झील की नहीं, बल्कि उस अनंत प्रेम की है जो हर आत्मा के सुर से बंधी है,” उसका गुरु बार-बार दोहराता।विनय महसूस करता कि यह संगीत ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 17
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 17शीर्षक: प्रेम की अमरता(जब प्रेम हर अंत के पार, समय और मृत्यु को अर्पित अमरता का स्पर्श करता है)1. स्वप्न और यथार्थ का संगमप्रेम सरोवर की घाटी अब सुबह-शाम नए रंगों में नहाई हुई लगती थी।चारों ओर फूलों की महक और हवा में एक अदृश्य स्पंदन महसूस होता।शोध एवं संगीत विद्यालय में विनय, प्रिया और अन्य विद्यार्थी “प्रेम की अमरता” को खोजने में जुटे थे।विनय अक्सर सूर्योदय के समय झील के किनारे बैठता और सोचता—क्या प्रेम सच में अमर हो सकता है?एक सुबह झील के जल में हल्की लहर उभरी और विनय को अपने ...Read More
छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 18
छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 18शीर्षक: नई आत्मा, नया विहान(जब आत्मा नए युग की ओर प्रेम की दिशा में जन्म लेती है)1. उगता सूरज—घाटी की नई सुबहसमय एक नए मोड़ पर था। प्रेम सरोवर के किनारे लोग अब पहले से भी अधिक संख्या में एकत्र हो रहे थे।संगीत विद्यालय और शोध केंद्र की हलचल में एक अलग तरह की उम्मीद थी—जैसे किसी अदृश्य शक्ति की प्रतीक्षा।एक सुबह झील के जल पर सुनहरे रेशे तैरते दिखे।विनय ने ध्यान करते हुए महसूस किया, “आज कोई नई आत्मा इस घाटी में जन्म ले रही है। यहाँ की ऊर्जा बदल रही है।”2. नई ...Read More